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3NF और BCNF में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों।….आज हम आपको database से जुड़े कुछ अनोखी जानकारी देने जा रहे हैं. दोस्तों आपने database में Normalization का नाम तो सुना ही होगा. आज हम उसी की कुछ जानकारी देने का प्रयास करेंगे. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि “3NF और BCNF क्या है और इन दोनों में क्या अंतर होता है?”. लेकिन इसे बताने से पहले हम आपको कुछ जानकारी अपने पाठको से जुडी देना चाहेंगे।

दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जबाब लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठने वाले प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे पाठक हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का जबाब अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

जैसा कि हम जानते हैं कि Normalization एक तरीका है जो relation से redundancy को remove करता है जिसके द्वारा insertion, deletion और update anomalies को कम कर देता है जिसके द्वारा database की performance को अच्छा और सरल किया जा सकता है. इन्ही सब में प्रयोग होने वाली दो मेथड के बारे में हम बात करेंगे जिसमे पहला “3NF” है और दूसरा “BCNF”.

3NF क्या है | What is 3NF in Hindi !!

3NF को “Third Normal Form” कहा जाता है. कोई टेबल या कोई रिलेशन Third Normal Form तब ही बन सकता है जब वो टेबल या रिलेशन पहले से Second Normal Formमें हो. और किसी भी रिलेशन के candidate key पर कोई non-prime attribute transitively dependent न हो.

BCNF क्या है | What is BCNF in Hindi !!

BCNF को 3NF से अधिक पावरफुल माना जाता है, ये 3NF से अधिक स्ट्रांग होता है. कोई भी रिलेशन तब तक BCNF नहीं हो सकता। जब तक वो 3NF न हो. कभी भी कोई non-trivial functional dependency A -> B रिलेशन में होती है R के. तब A एक superkey होनी चाहिए R की. जैसा कि हम जानते ही हैं कि superkey एक प्रकार की key होती है जो किसी एक attribute को या कई attribute के सेट को खोजती है सभी attribute के रिलेशन में.

Difference between 3NF and BCNF in Hindi | 3NF और BCNF में क्या अंतर है !!

Difference between 3NF and BCNF in Hindi | 3NF और BCNF में क्या अंतर है !!

3NF में किसी भी रिलेशन के candidate key पर कोई non-prime attribute transitively dependent न हो जबकि BCNF में कभी भी कोई non-trivial functional dependency A -> B रिलेशन में होती है R के. तब A एक superkey होनी चाहिए R की.

3NF को बिना किसी dependencies को छोड़े बिना भी प्राप्त किया जा सकता है जबकि BCNF में Dependencies को संरक्षित करना मुश्किल है.

3NF में किसी भी lossless decomposition को प्राप्त करना सम्भव है जबकि BCNF में lossless decomposition को प्राप्त करना काफी कठिन होता है.

3NF होने के लिए टेबल और रिलेशनल का 2NF होना जरूरी है जबकि BCNF होने के लिए 3NF होना जरूरी है.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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