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Difference between Cc and Bcc in Hindi !!

नमस्कार दोस्तों….आज के डिजिटल जमाने में हर कोई Gmail आदि का प्रयोग तो करता ही है. जिसके जरिये लोग एक दूसरे को जानकारी आदान और प्रदान करते हैं. लेकिन कभी आपने ध्यान दिया है कि जब आप किसी को मेल करते या पाते हैं. तो उसमे दो विकल्प रहते हैं पहला Cc और दूसरा Bcc. इसका क्या तातपर्य है और ये किस चीज के प्रयोग में लाया जाता है. इस बात पे आपने कभी ध्यान दिया है. यदि ध्यान दिया है तो क्या आपको इन दोनों का मतलब और उपयोग पता है. यदि हाँ तो अच्छी बात है और यदि नहीं। तो आज हम आपको इन्ही दो चीजों की जानकारी देने का प्रयास करेंगे. लेकिन उससे पहले हम आपको कुछ जरूरी जानकारी देना चाहते हैं अपने पाठकों के विषय में.

दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जबाब लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठने वाले प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे पाठक हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का जबाब अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

जब हम किसी को मेल करते हैं तो उसमे किस किस को आपको मेल करना है इसके लिए तीन प्रकार के विकल्प मौजूद होते हैं. जो आपकी प्राथमिकता के अनुसार प्रयोग किये जाते हैं. जब आप किसी को मेल करते हैं तो compose सेक्शन में जिसको मेल करना है उसके लिए तीन विकल्प कुछ इस प्रकार होते हैं. पहला To, दूसरा Cc और आखिरी Bcc. अब ये आप पे निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का मेल करना चाहते हैं.

Difference between Cc and Bcc in Hindi | Cc और Bcc में क्या अंतर है !!

 

Cc क्या है | What is Cc in Hindi !!

जब आप एक ही मेल कई लोगों को करना चाहते हैं और ये भी चाहते हैं कि हर रिसीवर को ये पता न चले कि अपने समान मेल कितनो को भेजी है तो आप To में सभी को “,” के साथ रख के मेल भेज सकते हैं. जैसे की: आपको समान एक डॉक्यूमेंट कई customer को भेजना है और आप नहीं चाहते कि सभी customer एक दूसरे को जान पाए. तो आप सभी तो एक ही मेल में to में रख सकते हैं. इसमें ये होगा कि हर कस्टमर को आपकी जानकारी भी प्राप्त हो जाएगी और उसे ये भी पता नहीं चलेगा कि आपने समान डॉक्यूमेंट औरों को भी भेजा है.

अब बात आती है Cc की. जिसका अर्थ है “कार्बन कॉपी or Carbon Copy”. इसमें क्या होता है कि जब आप किसी एक को मेल करते हैं और साथ ही ये चाहते हैं कि ये समान मेल और लोगों को पहुंचे भी और सभी को पता भी चले कि आपने किस किस को ये मेल भेजी है. तो आप मुख्य व्यक्ति को To में रख के बाकियों को Cc में रख सकती है. ये अधिकतर तब किया जाता है जब कोई ऑफिस का कार्य होता है. उदाहरण: जब कोई डिपार्टमेंट का हेड किसी एम्प्लॉय को कोई काम हायर करता है.

और चाहता है कि इस बात की जानकारी और लोगों को भी हो जैसे कि: डिपार्टमेंट के और एम्प्लॉय को, डायरेक्टर को, ह्यूमन रिसॉर्स को. तो वो बाकी सभी को वो Cc में रखेगा और जिसे काम हायर करना है उसे to में रखेगा. Cc का एक ये भी कार्य होता है की इसमें जितने लोगों को ये मेल मिली है उसमे से कोई भी किसी तरह का रिवर्ट करता है तो वो बाकि सभी सदस्यों को दिख जाता है. ये बिलकुल पारदर्शी मेल के लिए प्रयोग किये जाने वाला विकल्प होता है.

Bcc क्या है | What is Bcc in Hindi !!

Bcc को “Blind Carbon Copy” भी कहा जाता है. इसका प्रयोग तब करते हैं जब हम सभी को एक साथ मेल करते हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि सभी को ये पता चले कि ये मेल की लिस्ट में और कौन कौन शामिल है. जैसे कि: हमारा कोई घर का बिज़नेस है जिसमे हमने ग्राहक को कोई बिल मेल किया और साथ ही अपने कुछ घर के सदस्यों को भी मेल वही बिल Bcc में कर दिया.

जिससे ग्राहक को उसका बिल मिल गया और वो उसी बिल से हमारा पेमेंट कर देगा। और बाकियों को रिकॉर्ड के लिए वो मेल मिल गया कि इस ग्राहक का इतना बिल है. और साथ Bcc में जब ग्राहक हमे कोई रिप्लाई करेगा तो बाकि लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं होगी. क्यूंकि इसमें रिप्लाई केवल सेन्डर को ही पता चलता है. और जिन जिन को Bcc या to में रखा है उनमे से किसी को ये भी नहीं पता चलेगा कि किस किस को ये मेल की गयी है.

Difference between Cc and Bcc in Hindi | Cc और Bcc में क्या अंतर है !!

# Cc में हम सबको तब रख के मेल करते हैं जब हम चाहते हैं कि सभी को उस की जानकारी हो और सभी को ये भी पता हो कि कौन कौन इस मेल को जनता है. जबकि Bcc में हम तब लोगों को रखते हैं जब हम नहीं चाहते कि सभी को ये पता हो कि उस मेल की जानकारी किस किस को है.

# Cc एक पारदर्शी मेल होती है जिन जिन को आपने की है जबकि Bcc मेल में सब कुछ हिडन होता है.

# Cc में लोगों को पता रहता है कि उनके अलावा ये मेल किस किस को गयी है जबकि Bcc में लोगों को ये पता नहीं रहता कि ये मेल किस किस को गयी है.

# Cc में हर एक सदस्य का रिप्लाई बाकि सभी को दीखता है जबकि Bcc में किसी का भी रिप्लाई हो केवल sender ही देख सकता है और बाकियों को इसका पता नहीं होता.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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