किसी भी परिवार, समाज या राष्ट्र को समृद्ध होने के महिला व पुरुष दोनों को समान अधिकार देना चाहिए. जैसे की किसी रथ में लगे दो चक्र यदि एक भी छोटा या बड़ा हो जाये तो रथ न तो अच्छे से चल पता है और उसकी शौभा भी खराब होती है. उसी प्रकार यदि किसी समाज या राष्ट्र को सम्रद्धषाली बनाना हो तो उसमे महिला और पुरुष को समान अधिकार देना आवश्यक है.
पुराणी सदियों से औरतों का उतना उच्च स्थान नहीं दिया गया जितना की पुरुष को लेकिन अब वो समय गया यदि हमे अब अपनी आर्थिक स्थिति सुधारनी है तो महिला और पुरुष दोनों को समान मानना जरूरी है. और इसी को आगे कैसे ले जाया जाये इसके लिए पुरे विश्व महिला सशक्तिकरण नामक एक योजना चलाई गयी है. इसमें औरतों को आर्थिक, मानशिक, सामाजिक और राजनितिक रूप से सशक्त किया जा रहा है. जिससे की वो पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल सके.
और औरतों को उनके अधिकारों का ज्ञान भी हो सके और इन सब चीजों के लिए औरतों का शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है. शिक्षा का एक अहम किरदार है महिला सशक्तिकरण में.
महिला सशक्तिकरण में उच्च शिक्षा की भूमिका !!
स्वतंत्रता के बाद से सरकार द्वारा कई प्रकार की संस्था और योजनाए चलाई गयी. कहीं शिक्षा से जुडी तो कहीं अधिकारों से जुडी. और हर जगह महिलाएं पुरुष को बराबर की मात देती हुई आई हैं. चाहें वो खेल कूद हो या शिक्षा. कई महिलाओं ने तो विश्व में अपने देश का नाम भी रौशन किया है.
लेकिन अभी भी कुछ जगह ऐसी हैं जहाँ शिक्षा का आभाव है. कुछ समय के पहली की जनगड़ना में पता चला की अभी अशिक्षित लोगों में बहुत लोग हैं और उनमे 65% लड़कियां हैं जहाँ शहर की शिक्षित महिला जनसंख्या 72.99 प्रतिशत और गाओं की 45.50 प्रतिशत है. इसका मतलब अभी भी 50 प्रतिशत महिलाएं अशिक्षित हैं.
वही प्रथमिक शिक्षा के लिए आने वाली लड़कियों का प्रतिशत 24.82 प्रतिशत है जो अपनी पढ़ाई पांचवी के आगे पूरी नहीं कर पाते. उच्च प्राथमिक स्तर पर 50.76 प्रतिशत लड़कियों को घरेलू समस्याओं के कारण स्कूल छोड़ना पड़ जाता है. स्कूल का दूर होना, यातायात की अनुपलब्धता, घरेलू काम, छोटे भाई-बहनों की देखरेख, आर्थिक व विभिन्न सामाजिक समस्यायें आदि, इन सभी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है महिलाओं को अपनी शिक्षा को पूरा करने के लिए.
इसलिए शिक्षा पे भी पूरा ध्यान देते हुए आजकल गावों में ही स्कूल का निर्माण हो रहा है जिससे लड़कियों को दूर न जाना पड़े और वो सभी काम के साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सके क्योंकि ये इनके लिए बहुत कारगर साबित होगा आगे चल के जैसे:
# यदि महिला शिक्षित होगी तो वो अपने अधिकार को अच्छे से जान पायेगी.
# वो बाहर जा कर अपने पति के बर्बर खड़े हो के काम करने में सक्षम होगी.
# उसे घर और बाहर अपने अधिकारों के लिए लड़ने में कोई समस्या नहीं होगी.
# वो अपने पैरों पे खड़े हो के पुरुष के बराबर कमा सकती है.
# यदि कोई उसका शोषण करने की कोशिस करे तो उसे अपनी सहायता कैसे करनी है ये पता होगा.
# समाज को आगे बढ़ाने में शिक्षित महिला अपना पूरा सपोर्ट दे पायेगी.
# उसी अपने पति पे निर्भर नहीं होना पड़ेगा.
# यदि वो पढ़ी लिखी होगी तो वो अपने घर में और लोगों को भी अच्छे संस्कार और शिक्षा देने में कारगर होगी.
# शिक्षित महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं देनी होती है. उन्हें हर चीज पहले से ही पता होती है.
# शिक्षित महिला के अंदर आत्मविशास खुद व खुद आ जाता है और वो सभी कार्यों को अच्छे से करने में सहायक होती है.
# यदि महिला शिक्षित है तो वो और महिलाओं को उनका अधिकार समझाने में सहायक होगी. जिससे सभी जागरूप होंगे और देश और महिला दोनों आगे बढ़ेंगे।
आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और आपके कोई सवाल भी हों तो आप वो भी हमसे पूछ सकते हैं. धन्यवाद।।।
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