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Web Browser और Web Server में क्या अंतर है !!

हेलो दोस्तों….आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर में क्या अंतर है. दोस्तों ये वो दो ऐसे शब्द हैं जो वेबसाइट से जुड़े हैं एक वो है जिसके जरिये हम वेबसाइट को देख सकते हैं और दूसरा वो जो वेबसाइट को संभालता है. ये तो कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हे हम अभी विस्तार से बताएंगे। हमसे कई कमेंट में एक सवाल बहुत पूछा गया कि वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर में क्या अंतर होता है तो हमने आज इसके बारे में जानकारी देने का फैसला किया है, तो चलिए शुरू करते हैं .

वेब ब्राउज़र क्या है | What is Web Browser in Hindi !!

वेब ब्राउज़र क्या है | What is Web Browser in Hindi !!

वेब ब्राउज़र एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो वेब पेज को लोकेट करने, उसे एक्सेस करने और वेब पेज को डिस्प्ले करने में सहायता करता है जिसके जरिये यूजर कोई भी इनफार्मेशन प्राप्त करता है वेबसाइट के जरिये. वेब ब्राउज़र को ब्राउज़र के नाम से भी पुकारा जाता है. ब्राउज़र अर्थात वेब ब्राउज़र का सर्वप्रथम उपयोग किसी भी वेबसाइट को डिस्प्ले और एक्सेस कराने के लिए होता है जिसमे इंटरनेट की आवश्यकता जरूर होती है. साथ ही इस्पे कई प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा का प्रयोग करके कंटेंट भी तैयार किया जाता है जैसे कि Hypertext Markup Language (HTML) और Extensible Markup Language (XML) आदि.

ब्राउज़र की सबसे बड़ी खूबी ये है कि वो वेब पेज और वेबसाइट की Hypertext Transfer Protocol (HTTP) आदि भाषा को यूजर फ्रेंडली बना के उन्हें पढ़ने योग्य बनाता है. साथ ही इनमे अन्य प्रोटोकॉल को डिस्प्ले करने की भी अच्छी क्षमता होती है जैसे कि: HTTP (HTTPS), File Transfer Protocol (FTP), email handling (mailto:) और files (file:) आदि.

साथ ही कुछ ब्राउज़र एक्सटर्नल प्लग इन को भी सपोर्ट करते हैं जिनके जरिये ऑडियो, वीडियो, गेम आदि को आसानी से एक्सेस किया जा सके.

वेब सर्वर क्या है | What is Web Server in Hindi !!

वेब सर्वर क्या है | What is Web Server in Hindi !!

वेब सर्वर जिसके नाम से ही समझ में आ रहा है कि एक ऐसी चीज जो वेब अर्थात इंटरनेट के ऊपर चलने वाली सभी चीजों को सर्व करता है. वेब सर्वर का काम होता है कि Hypertext Transfer Protocol (HTTP) के जरिये जितना भी डाटा होता है उसे सर्व करता है. मतलब आजकल सबसे अधिक पसंदीदा और यूज़फुल इनफार्मेशन का जरिया इंटरनेट बन चुका है. जब हम इंटरनेट पे कोई इनफार्मेशन पाना चाहते हैं तो इंटरनेट वो हमे आराम से दे देता है लेकिन क्या कभी सोचा है कि ये सारी इनफार्मेशन कहाँ स्टोर होती हैं और कहाँ से हम इसे आराम से एक्सेस कर पाते है तो वो जगह कोई और नहीं बल्कि सर्वर है जहां हम कोई भी इनफार्मेशन पाते हैं. इतना ही नहीं जब हम इंटरनेट से कोई चीज अर्थात फोटो, फॉर्म आदि डाउनलोड करते हैं या कोई फोटो या डोकेमेंट अपलोड करते हैं. तो वो सब सर्वर में ही स्टोर होता है. जिसमे आप केवल एक बार डाटा को अपलोड या अपडेट करते हैं और वो परमानेंट के लिए स्टोर हो जाता है जिसे कोई कभी भी एक्सेस कर सकता है.

उदहारण: जैसे फेसबुक एक वेबसाइट है जो किसी वेब सर्वर पे होस्ट होगी। जिसका सारा डाटा सर्वर में स्टोर होगा और साथ ही जब कोई भी फेसबुक में अपनी id बनाता है तो उसकी भी इनफार्मेशन उसी वेबसर्वर में स्टोर हो जाती है जिसके बाद वो बंदा जब चाहे अपनी id से पुरे फेसबुक को एक्सेस कर सकता है और साथ ही अपनी फोटो या वीडियो भी अपलोड कर सकता है और वो भी सर्वर में हमेशा के लिए स्टोर हो जाता है जिसके कारण हमे हमेशा हमारी फोटो और वीडियो फेसबुक पे दिखते है जबकि हम उसे एक बार ही अपलोड करते हैं. और साथ ही हम उसी फोटो को कई बार डाउनलोड भी कर सकते हैं.

Difference between Web Browser and Web Server in Hindi | Web Browser और Web Server में क्या अंतर है !!

# वेब ब्राउज़र एक एप्लीकेशन प्रोग्राम जो www डॉक्यूमेंट को डिस्प्ले करता है जिसके जरिये इंटरनेट सर्विस को एक्सेस किया जा सकता है. जबकि वेब सर्वर एक प्रोग्राम और कंप्यूटर है जो यूजर को सर्विस प्रोवाइड कराता है.

# वेब ब्राउज़र किसी भी यूजर की डिमांड के लिए रिक्वेस्ट करता है डॉक्यूमेंट और सर्विस के लिए और ये पूरी तरह से इंटरफ़ेस की तरह काम करता है यूजर और सर्वर के बीच. जबकि वेब सर्वर रिक्वेस्ट को लेता है फिर स्वीकार करता और फिर उसपे एक्शन लेता है फिर वेब ब्राउज़र के जरिये डॉक्यूमेंट को शो करता है.

# वेब ब्राउज़र पे यूजर इनफार्मेशन के लिए पूछता है उसके बाद वेब ब्राउज़र ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल पे काम करते हुए यूजर को इनफार्मेशन देता है वेब ब्राउज़र में ये प्रोटोकॉल इसलिए उपयोग की जाती है क्यूंकि ये प्रोटोकॉल सीक्वेंस में काम करती है और ये ट्रांसपोर्ट लेयर का भाग होती है.

# वेब ब्राउज़र में किसी भी रिजल्ट को नेटवर्क के जरिये शो करने के लिए एड्रेस की जरूरत होती है जिसके कारण ये Hypertext Transfer Protocol ( HTTP) पे भी काम करता है जो इसे एड्रेस तक पहुंचने में मदद करता है.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. फिर भी यदि कोई त्रुटि हुई हो तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं. साथ ही यदि कोई अन्य सवाल या सुझाव हों आपके पास तो वो भी आप हमे comment box के जरिये बता सकते हैं.

Ankita Shukla

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