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(flat & Reducing Balance Interest Rate) फ्लैट और रिड्यूसिंग ब्याज दर में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Flat interest rate और Reducing balance interest rate” के विषय बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “flat interest rate और reducing balance interest rate क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोस्तों बहुत सी बैंक और अन्य प्रकार की फाइनेंसियल फर्म हैं, जो आपकी अलग अलग प्रकार की फाइनेंसियल डिजायर को पूरा करने के लिए लोन जैसी सुविधा मौहिया कराते हैं. इनमे अक्सर वाहन लोन, घर लोन, शिक्षा लोन, पर्सनल लोन, आदि शामिल होते हैं.

अक्सर देखा जाता है कि हम जब कोई लोन लेते हैं, तो बैंक या फाइनेंसियल फर्म का कोई एम्प्लॉय या एजेंट आपको सब डिटेल्स बताता है लोन की. लेकिन अक्सर वो आपको लोन के केवल फायदों के विषय में बताता है न कि उनके नुक़्सानो के विषय में. इसलिए आपको लोन के दोनों पहलुओं को जानना बहुत ही जरूरी होता है. लोन की सबसे बड़ी समस्या ब्याज होती है किसी भी लोन लेने वाले के लिए इसलिए आज के टॉपिक में हम आपसे ब्याज की दर के विषय में ही बात करने जा रहे हैं और जैसा कि ऊपर बताया, हम इसमें आपसे flat interest rate और reducing balance interest rate के विषय में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

फ्लैट ब्याज दर क्या है | What is Flat Interest Rate in Hindi !!

फ्लैट ब्याज दर क्या है | What is Flat Interest Rate in Hindi !!

फ्लैट ब्याज दर या Flat interest rate, एक प्रकार का ब्याज होता है,जो कि लोन की पूरी राशि पर उसके कार्यकाल के दौरान गणना पर किया जाता है, जिससे कि मासिक ईएमआई धीरे-धीरे मूल राशि को कम कर देती है। नतीजतन, प्रभावी ब्याज दर शुरुआत में उद्धृत नाममात्र फ्लैट दर से काफी अधिक होता है।

प्रति किस्त के लिए देय ब्याज = (मूल ऋण राशि * वर्षों की संख्या * ब्याज दर p.a.) / किस्तों की संख्या

रिड्यूसिंग ब्याज दर क्या है | What is the Reducing Interest Rate in Hindi !!

रिड्यूसिंग ब्याज दर क्या है | What is the Reducing Interest Rate in Hindi !!

रिड्यूसिंग ब्याज दर जिसे Reducing/ Diminishing balance rate के नाम से भी जाना जाता है, इसका अर्थ होता है कि एक ब्याज ब्याज दर जो हर महीने बकाया ऋण राशि पर कैलकुलेट की जाती है। इस प्रोसेस में EMI में मूल पुनर्भुगतान के अतिरिक्त महीने के लिए बकाया ऋण राशि के लिए देय ब्याज भी शामिल है। जब हम प्रत्येक EMI का भुगतान करते हैं, तो साथ ही बकाया ऋण राशि भी कम होती जाती है. जिसके कारण अगले महीने के लिए ब्याज की गणना केवल बकाया ऋण राशि पर की जाती है.

प्रति किस्त के लिए देय ब्याज = प्रति किस्त के लिए ब्याज दर * शेष ऋण राशि

Difference between Flat Interest Rate and Reducing Balance Interest Rate in Hindi | फ्लैट ब्याज दर और रिड्यूसिंग ब्याज दर में क्या अंतर है !!

# फ्लैट ब्याज दर की अपेक्षा रिड्यूसिंग ब्याज दर ज्यादा बेहतर होता है.

# रिड्यूसिंग ब्याज दर आमतौर पर फ्लैट ब्याज दर से अधिक होती है.

# फ्लैट ब्याज दर की कैलकुलेशन ऋण की मूल राशि पर की जाती है जबकि रिड्यूसिंग ब्याज दर में ब्याज दर की गणना शेष ऋण दर में मासिक आधार पर बकाया ऋण राशि पर की जाती है।

# रिड्यूसिंग ब्याज दर की कैलकुलेशन फ्लैट ब्याज दर की कैलकुलेशन से जटिल होती है.

दोस्तों हम पूरी उम्मीद करते है कि आपको हमारे ब्लॉग पसंद आ रहे हैं और आपके काफी हद तक काम भी आ रहे हैं. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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