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(Assets & Liabilities) संपत्ति और देयताएं में क्या अंतर है !!

Difference between Assets and Liabilities in Hindi | संपत्ति और देयताएं में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…. आज हम आपको Assets और Liabilities के विषय में जानकारी देने का प्रयास करेंगे. किसी भी बिज़नेस में, बिज़नेस को आगे बढ़ने में Assets और Liabilities बहुत महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं. इनका रिश्ता केवल बिज़नेस से ही न होके हमारे जीवन से भी है. यदि हम कभी भी किसी कंपनी या किसी व्यक्ति की कुल आय कैलकुलेट करना चाहें तो उसके लिए Assets और Liabilities की Current Market Price को कैलकुलेट करना बहुत महत्वपूर्ण है. और उसके बाद ही हम किसी की नेटवर्थ पता कर सकते हैं. इसलिए हमे अच्छे से ये पता होना बहुत महत्वपूर्ण है, कि Assets और Liabilities आखिर होती क्या है.

सम्पत्ति क्या है | What are Assets in Hindi !!

Assets हम उसे कहते हैं जिसपे किसी कंपनी या किसी व्यक्ति का स्‍वामित्‍व होता है. यदि दूसरे शब्दों में समझाया जाये तो Assets वो रिसोर्सेज होते हैं जो किसी कंपनी या किसी व्यक्ति के स्‍वामित्‍व में हो. और इनका भविष्य आर्थिक मूल्यों पे आधारित हो. अर्थात जिनका मूल्य लगाया जा सके. ऐसे रिसॉर्स Assets कहलाते हैं.

ये दो भागों में विभाजित है:

  • Non – Current Assets
  • Current Assets

Non – Current Assets !!

Non-Current Assets, वो Assets हैं जिन्हे कंपनी एक निश्चित समय से अधिक समय तक रखना चाहती हैं. यहाँ निश्चित समय से अभिप्राय एक वित्तिय वर्ष (Financial Year) है. Non-Current Assets को Long Term Assets के नाम से भी जाना जाता है. इनमे आने वाले एसेट्स: Land & Building, Gold, Properties, Plant & Machinery आदि है, जिन्हे कंपनी या व्यक्ति 5 साल या उससे लम्‍बी अवधि तक के लिए रखना चाहता है.

Non-Current Assets के निम्‍न तीन भाग है :

# Tangible Fixed Assets

# Intangible Fixed Assets

# Long Term Investments

Tangible Fixed Assets !!

Tangible Fixed Assets वो Assets हैं, जो आप महसूस कर पाते हैं. जिन्हे आप देख या छू सकते हैं. जैसे कि: Gold, Land & Building, Plant & Machinery, Vehicles आदि.

Intangible Fixed Assets !!

Intangible Fixed Assets वो Assets होते हैं, जिन्हे आप न तो छू सकते हैं और न महसूस कर सकते हैं. लेकिन इनका महत्व आपके बिज़नेस और आपके जीवन दोनों में बहुत है. जैसे आप किसी से अपने किसी काम हेतु पैसे उधार लेते हैं, या आप लोन लेते हैं. तो आपको लोन वही व्यक्ति दे सकता है जिसे आप पे भरोसा होगा और ये तब सम्भव है जब आपकी Credibility (विश्‍वसनीयता) अच्छी हो. तो इस प्रकार के Assets अर्थात Credibility (विश्‍वसनीयता) Intangible Fixed Assets होते हैं.

Long Term Investments !!

Long Term Investment में वो चीजें आती हैं जिन्हे अपने लम्बे समय के लिए खरीदा हो. अर्थात जब आप Share Market/ Stock Market, Mutual Fund में 3 से 5 साल या फिर 10 सालों तक की लम्‍बी अवधि तक के लिए इन्हे खरीदते हैं. तो ये Long Term Investment कहलाता है.

Current Assets !!

Current Assets वो Assets होते हैं, जिन्हे वित्तीय वर्ष के अंत तक या उसके अंतर्गत Liquid या Cash में बदल दिया जाता है. और इनका प्रयोग हमेशा Short Term Debt के भुगतान में होता है. ऐसे Assets, Current Assets कहलाते हैं. इन्हे हम Short Term Assets के नाम से भी जानते हैं.

उदाहरण: आपकी दुकान में रखा हुआ सामान जिसे एक कुछ समय तक में बेचना होता है.

जिस जिस चीज को आप एक साल के अंदर कैश में कन्वर्ट करवा सकते हैं वो आपके Current Assets या Short Term Assets होते हैं.

देयताएं क्या है | What are liabilities in Hindi !!

Liabilities भी दो प्रकार के होते हैं:

  • Non-Current Liabilities
  • Current Liabilities

Non-Current Liabilities !!

Non-Current Liabilities वो Liabilities होती है, जिसे वित्तीय वर्ष या उससे अधिक समय के बाद चुकाया जा सकता है. यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो Non-Current Liabilities वो Liabilities है, जिसे वित्तीय वर्ष के अंदर चुकाना पड़ता है. इसे Long Term Liabilities भी कहा जाता है.

उदाहरण: आप यदि कोई लम्बे समय के लिए लोन लेते हैं तो वो आपको वित्तीय वर्ष तक में चुकाना जरूरी नहीं होता है.

Non-Current Liabilities को भी चार भागों में बांटा गया है :

# Long Term Borrowings

# Deferred Tax Liabilities

# Other Long Term Liabilities

# Long Term Provisions

Current Liabilities !!

Current Liabilities वो Liabilities होती है, जिसके अंतर्गत किसी कंपनी या किसी व्यक्ति को एक वित्तीय वर्ष तक या उसके अंदर ही भुगतान करना होता है. ऐसी Liabilities को Current Liabilities कहा जाता है. इसे हम Short Term Liabilities के नाम से भी जानते हैं.

उदाहरण: वो भुगतान जिसकी समय सीमा फाइनेंसियल ईयर के भीतर तक ही है, ऐसे भुगतान Short Term Liabilities के अंतर्गत आते हैं. और कभी कभी कुछ ऐसे भी भुगतान होते हैं जिन्हे तुरंत भी देना पड़ सकता है.

उदाहरण: एम्प्लॉई की सैलरी एक तारीख को देना, बिजली का बिल देना, आदि.

Current Liabilities को भी निम्‍न भागों में बांटा गया है :

# Short Term Borrowings

# Account Payable / Trade Payable

# Other Current Liabilities

# Short Term Provisions

# Bank Overdraft

# Outstanding Expenses

# Income Tax

आशा हैं आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से कुछ लाभ अवश्य मिला होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई त्रुटि दिखाई दे, या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में हो. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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