CRM (Customer Relationship Management) ये एक प्रकार का आसान तरीका है अपने ग्राहकों को आसानी से अपने व्यापर में ढालना. जैसा की आपको नाम से ही समझ आ रहा होगा. कस्टमर यानि की हमारे ग्राहक, रेलशनशिप मतलब रिश्ते, मैनेजमेंट मतलब संभालना। इसका कार्य होता है हमारे और ग्राहक के रिशतों को सरलता से सम्भलना। यदि आसान शब्दों में कहें तो इसका मतलब ग्राहक के साथ अपने रिशतों को अच्छे से मैनेज करना. इससे हमारे और ग्राहकों के रिश्ते और बेहतर होंगे.
यदि किसी रिश्ते को बेहतर बनाना है उसे एक अच्छा माध्यम देना जरूरी होता है. यदि दो लोगों के बिच में अच्छी तालमेल नहीं बैठेगी तो रिश्ता कैसे अच्छा बन सकता है उसी प्रकार यदि एक बिजनेसमैन अपने ग्राहक से अच्छे से तालमेल नहीं बना पाता तो वो रिश्ते की चैन ज्यादा दिन तक नहीं चलती है. हमे CRM के जरिये ग्राहक से डायरेक्ट इंटरक्शन करने का मौका मिलता है. और ये भी पता चलता है की हमारा ग्राहक हमसे कितना संतुष्ट है.
Customer Relationship Management का समीकरण कुछ इस प्रकार है:
CRM= Customer Understanding + Relationship Management
इस सॉफ्टवेयर के द्वारा कोई भी कंपनी अपने customers से डायरेक्ट contact कर सकता है. इस सॉफ्टवेयर के द्वारा आप अपने ग्राहक के साथ हुए पुरे डील का रिकॉर्ड रख सकते हैं की अपने कितना सामान दिया, कितना पैसा आपको मिला, आपका कस्टमर आपसे कितना संतुष्ट है आदि.
इसके द्वारा हम कस्टमर को अच्छी सुविधाएं प्राप्त कराते हैं जिससे वो लम्बे समय तक उस कंपनी se जुड़ा रहता है जिससे ग्रॉस सेल बढ़ती है.
सूची
CRM Process in Hindi
इस प्रक्रिया के निम्न पद है जिन्हे हम एक के बाद एक बताएंगे:
# डेटा को एकत्र करना और उसे एक जगह स्टोर करना: इसमें हमे ग्राहक की पूरी जानकारी रखनी होती है और उसे सिस्टम में स्टोर करना होता है.
# Customer के साथ Communication: अब इस प्रक्रिया में हम कस्टमर्स को अपनी तरफ से सन्देश भेजते हैं और उनकी पसंद के अनुसार (jiski जानकारी हमने पहले ही सिस्टम में save की हुई है) उससे जुड़े प्रोडक्ट की जानकारी देते हैं और उनसे उन प्रोडक्ट की विशेषता बता के प्रोडक्ट खरीदने को कहते हैं. एक चीज याद रहे की सारे ग्राहक सामान नहीं खरीदते हैं. लेकिन हम सभी को सन्देश भेजते हैं जिससे कंपनी की मार्किट वैल्यू बढ़ती है.
# ग्राहक से व्यक्तिगत रूप से बात करना: यदि किसी ग्राहक को किसी प्रकार की परेशानी है तो हमे उसे उसका समाधान बताना पड़ता है. जिसके लिए हमे उससे सन्देश के जरिये बात करनी होती है.
Types of CRM in Hindi
ये तीन प्रकार के होते हैं.
# Operational
# Analytical
# Collaborative
# Operational
operational CRM में हम कस्टमर से कैसे जुड़ना है और अपने बिज़नेस को कैसे आगे बढ़ाना है उसपे ध्यान देते है. जैसे: मार्केटिंग, सर्विसेज, सेलिंग आदि.
इस CRM में सेल्स फाॅर्स और जोहो सबसे अच्छा CRM माना गया है. सेल्स फोर्स CRM बड़े बिज़नेस के लिए उपयोग में लाया जाता है. और जोहो छोटे बिज़नेस के उपयोग के लिए होता है.
इसका असली उद्देस्य लीडस् लाना, उसको कस्टमर के कांटेक्ट में बदलना उसके बाद उनकी पूरी जानकारी एकत्र करना उसके बाद कस्टमर को service देना.
# Analytical
एनालिटिकल CRM का कार्य कस्टमर की पूरी इनफार्मेशन को रखना उसे अलग करना, उसे process में convert करना आदि कार्यों पे आधारित है.
इसमें customer की पूरी इनफार्मेशन को एनालाइज करने के हम अपने बिज़नेस को बेहतर करने की कोशिश करते हैं जिससे की बिज़नेस की सेल्स, marketing और services बेहतर हो सके.
# Collaborative
इसमें customer से सीधे सीधे कम्यूनिकेट किया जाता है. जिससे उनका feedback मिल सके. इससे हमे ये पता लगता है की वो हमसे कितना संतुष्ट है और कितना नहीं. उन्हें अगर कोई दिक्क्त होती है वो भी हम इस CRM के जरिये दूर करते हैं. इसके लिए वेबसाइट, ईमेल, फ़ोन आदि का उपयोग किया जाता है.
इसमें केवल कस्टमर्स को ही नहीं बल्कि हमनी बिज़नेस की टीम से भी सारा डेटा को साझा करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. इसमें अलग अलग टीम्स को अपनी इनफार्मेशन को सेव करने का निर्देश दिया जाता है जिससे वो सारी डिटेल्स दूसरी टीम्स को भी आराम से प्राप्त हो जाती है. जैसे: मार्केटिंग टीम अपना डेटा बिना किसी दिक्क्त के सेल्स टीम तक CRM के जरिये पहुंचा सकती है और वही उल्टा भी.
CRM के द्वारा होने वाले लाभ
इससे अच्छा रेवन्यू बनता है.
कस्टमर के साथ रिश्ते बेहतर बनते हैं.
इससे हमारे बिज़नेस की ग्रॉस सेल में बृद्धि होती है.
समय और लागत भी काम लगाना पड़ता है.
ये बिज़नेस को समझने में भी मदद करता है कस्टमर को भी और बिज़नेस के टीम मेंबर्स को भी.
ये था पूरा व्योरा कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) के ऊपर. आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कितनी सुलभ लगी हमे बताना न भूले. हमारे लिए आपका फीडबैक बहुत माननीय होगा.