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क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है | What is cloud computing in Hindi !!
क्लाउड कम्प्यूटिंग का मतलब उस स्टोरेज, सर्विस या फिर सर्वर से है जो हार्डवेयर के रूप में आपके पास नहीं होता लेकिन आप उसे सॉफटवेयर के माध्यम से ही प्रयोग करते हैं। इसमें आपको हार्डवेयर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती, आप सॉफटवेयर के माध्यम से वर्चुअल मशीन का प्रयोग करते हैं। क्लाउड कम्प्यूटिंग को आप साधारण भाषा में इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि जैसे आपका कम्पयुटर क्लाउड यानि बादल में है और आप कहीं से भी इसे देख यानि प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप चाहे तो अपने कम्पयुटर पर इंटरनेट के माध्यम से ब्राउज कर सकते हैं या फिर आप अपने किसी दोस्त के कम्पयुटर से भी ब्राउज कर सकते हैं। एक लोग—इन आइडी के अलावा आपको और कुछ भी हार्डवेयर में कैरी नहीं करना पड़ता। क्लाउड कम्प्यूटिंग में कई प्रकार की सर्विसेज आतीं हैं जैसे कि स्टोरेज, नेटवर्किंग, डाटाबेस आदि।
क्लाउड कम्प्यूटिंग के प्रकार | Cloud computing types in Hindi
क्लाउड कम्प्यूटिंग के प्रकार अगर देखें तो इसके नेचर के हिसाब से कई प्रकार के क्लाउड कम्प्यूटिंग मौजूद हैं। आप देख सकते हैं कि मार्केट में कई प्रकार के क्लाउड कम्प्यूटिंग सर्विस प्रोवाइडर मौजूद हैं सब अलग—अलग तरह की सर्विस दे रहे हैं ऐसे में आपको इसके प्रकार समझना जरूरी है —
- पब्लिक
- हाइब्रिड
- प्राइवेट
- कम्युनिटी
# पब्लिक क्लाउड कम्प्यूटिंग
क्लाउड कम्प्यूटिंग में पहली प्रकार पब्लिक क्लाउड है। यह वो प्रकार है जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होता और यह टोटली क्लाउड यानि कि वर्चुअल होता है। इसमें कोई हार्डवेयर नहीं है।
# हाइब्रिड क्लाउड कम्प्यूटिंग
यह वह क्लाउड कम्प्यूटिंग है जिसमें आपको हार्डवेयर के माध्यम से क्लाउड कम्प्यूटिंग की सर्विस मिलती है। इसमें आपको हार्डवेयर तो नहीं खरीदना पड़ता लेकिन क्लाउड सर्विस देने वाले प्रोवाइडर ने हार्डवेयर लगा कर ही आपको क्लाउड की सर्विस देनी होती है।
# प्राइवेट क्लाउड कम्प्यूटिंग
प्राइवेट क्लाउड सर्विस भी पब्लिक क्लाउड की तरह ही है। इसमें भी किसी भी प्रकार का हार्डवेयर प्रयोग नहीं होता है लेकिन इसमें क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का कंट्रोल एक ही यूजर या फिर कंपनी के पास होता है। यानि कि यह डेडिकेटेड सर्वर नहीं होता है। इसमें शेयरिंग पर क्लाउड सर्विस नहीं मिलती है जैसे पब्लिक में मिल जाती है।
# कम्युनिटी क्लाउड कम्प्यूटिंग
कम्युनिटी क्लाउड सर्विस वह होती है जिसमें क्लाउड एक बड़े आर्गेनाइजेशन के साथ जुड़ा है और उस आर्गेनाइजेशन में यह डाटा बाखूबी शेयर हो सकता है। यानि उदाहरण के लिए एक मल्टी नेशनल कंपनी का क्लाउड जिसें अलग—अलग देशों में कंपनी स्टाफ भी प्रयोग कर रहा है और कंपनी का बड़ा कस्टमर बेस भी पर्याप्त एक्सेस के साथ उसको एक्सेस कर रहा है।
क्लाउड कम्प्यूटिंग का इतिहास | Cloud Computing History in Hindi !!
इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी की दुनिया में 1990 से पहले क्लाउड नहीं था। 1990 में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क आने पर एक तरह से क्लाउड की शुरूआत हुई। 1995 के करीब कई इंटरनेट, कम्पयुटर और अन्य सूचना प्रोदोगिकी कंपनियों ने क्लाउड कम्प्यूटिंग में रूचि दिखाई। 1999 में सेल्सफोर्स—डॉट—कोम नाम की कंपनी ने एक ऐंड—यूजर प्लेटफार्म इंटरनेट पर शुरू किया। उस प्लेटफार्म को क्लाउड कम्प्यूटिंग का आधार माना जाता है। सेल्सफोर्स कंपनी का यह प्लेटफार्म क्लाउड कम्प्यूटिंग में बड़ा कदम था। 2002 में अमेजोन ने रिटेल सर्विस ओनलाईन शुरू करके क्लाउड कम्प्यूटिंग को और भी ज्यादा बढ़ावा दिया। फिर 2006 में गूगल ने गूगल डोक्स बना डाला इसके बाद क्लाउड कम्प्यूटिंग में एक के बाद एक प्लेटफार्म आते रहे।
क्लाउड कम्प्यूटिंग के विशेषता | Cloud Computing characteristics in Hindi !!
क्लाउड कम्प्यूटिंग के निम्न पांच प्रकार के मुख्य कैरेक्टरिस्टिक्स हैं जो कि इस प्रकार हैं —
1 ओन—डिमांड सेल्फ सर्विस
क्लाउड कम्प्यूटिंग ओन डिमांड सर्विस है जिसमें आप छोटे लेवल से बड़े लेवल तक की हर सुविधा ले सकते हैं। आपने अगर छोटे लेवल की क्लाउड सर्विस ली है तो जरूरत पड़ने पर या मांग बढ़ने पर आप इसे बढ़ा भी सकते हैं।
2 ब्रोड नेटवर्क एक्सेस
क्लाउड कम्प्यूटिंग में आपकी स्टोरेज, डाटाबेस या सर्वर तक कहीं से भी पहुंच बनाई जा सकती है। इसमें नेटवर्क की कोई भी लिमिट नहीं है।
3 रिसोर्स पूलिंग
क्लाउड कम्प्यूटिंग में आपके सर्वस या वर्चुअल मशीन की कोई लोकेशन नहीं होगी। आपको हार्डवेयर से बाधता नहीं होगी क्योंकि हार्डवेयर से जुड़ी सारी चीजें सर्विस प्रोवाइडर को डील करनी होंगीं।
4 रैपिड इलास्टिीसिटी
रैपिड इलास्टिसिटी से भाव है किसी भी समय कैपेबिलिटीस को बढ़ाने की क्षमता। आप किसी भी समय क्लाउड कम्प्यूटिंग की कैपेबिलिटीस बढ़ा सकते हैं।
5 मैज़र्ड सर्विस
क्लाउड सर्विस में आपकी हर सर्विस मापी और मोनिटर की जा सकती है। चाहे तो स्टोरेज की यूजेज देखनी हो या फिर नेटवर्क यूजेज, आप किसी भी प्रकार से क्लाउड सर्विस को मोनिटर कर सकते हैं
क्लाउड कम्प्यूटिंग की सेवाएं | Cloud Computing services in Hindi !!
IaaS (Infrastructure-as-a-Service)
इसमें यूजर को इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस के रूप में वर्चुअली मुहैया करवाया जाता है।
PaaS (Platform-as-a-Service)
इसमें एक प्लेटफार्म मिलता है जिसमें वर्चुअल मशीन मेनेज कर सकते हैं।
SaaS (Software-as-a-Service)
इसमें गेट रेडी टू यूज साफटवेयर मिलता है जिसमें यूजर की कोइ टेंशन नहीं रहती। प्रोवाइडर ही इसे मेनटेन करता है।
TaaS (Testing-as-a-service)
इसमें आप अपनी क्लाउड की एप्लीकेशन्स को टेस्टिंग के लिए दे सकते हैं। इसमें टेस्टिंग सुविधा होगी।
उक्त के अलावा क्लाउड कम्प्यूटिंग में निम्न सेवांए मिलतीं हैं।
स्टोरेज, डाटाबेस, इंफार्मेशन, प्रोसेस, एप्लीकेशन, इंटीग्रेशन, सेक्योरिटी, मैनेजमेंट।
क्लाउड कम्प्यूटिंग आर्किटेक्चर | Cloud Computing Architecture in Hindi !!
क्लाउड कम्प्यूटिंग में कई एलीमेंट होते हैं। इन सब एलीमेंटस को एक साथ जोड़ा जाता है इसके बाद ही पूरा आर्किटेक्चर बन पाता है। इस आर्किटेक्चर को अगर विभाजित करके समझना हो तो आर्किटेक्चर दो प्रकार का होता है।
फ्रंट एंड आर्किटेक्चर
बैक एंड आर्किटेक्चर
1 फ्रंट एंड आर्किटेकचर
फ्रंट एंड आर्किटेक्चर से भाव वह आर्किटेक्चर है जो यूजर के लिए मुहैया होता है। इसपर यूजर को काम करना होता है। यह एक तरह का प्लेटफार्म हो सकता है जिसमें यूजर को बैकएंड का आर्किटेक्चर प्रयोग करने की सुविधा मिलती है।
2 बैक एंड आर्किटेक्चर
बैक एंड आर्किटेक्चर खुद क्लाउड का अहम हिस्सा है। ये क्लाउड का असली आर्किटेक्चर है जिसमें क्लाउड के सारे एलीमेंट जुड कर काम कर रहे है। बैक एंड आर्किटेक्चर चलेगा तभी फ्रंट एंड आर्किटेक्चर काम करेगा।
क्लाउड कम्प्यूटिंग के नुक्सान और फायदे !!
क्लाउड कम्प्यूटिंग के फायदे | Cloud Computing Advantages in Hindi !!
1 आसान इंप्लीमेंटेशन
2 एक्सेसिबिलिटि
3 हार्डवेयर की जरूरत नहीं
4 लागत कम है
5 ग्रोथ के लिए फलेक्सिबिलिटी ज्यादा
6 आसान रिकवरी
क्लाउड कम्प्यूटिंग के नुक्सान | Cloud Computing Disadvantages in Hindi !!
1 डाटा कंट्रोल करना मुश्किल
2 हार्डवेयर कम्पयुटिंग के मुकाबले में कमजोर
3 हार्डवेयर न होने के बावजूद स्टाफ की जरूरत
4 बैकअप—रिकवरी के अलग चार्ज
5 बैंडविथ की कमी