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डाटा साईंटिस्ट क्या है | What is Data Scientist in Hindi !!
इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी के इस दौर मे डाटा साइंटिस्ट की डिमांड बहुत बढ़ गई है। तो अगर आपके मन में भी अब तक यह शंका है कि डाटा साइंटिस्ट क्या और कौन होता है और उसका काम क्या होता है तो आपको यहां पर हम सही जानकारी इस बारे देने जा रहे हैं। और सबसे खास बात यह है कि आपको यहां पर डाटा साईंटिस्ट के बारे में सरल और साधारण भाषा में बताया जाएगा ताकि आप आसानी से इसके बारे में समझ सकें। तो सबसे पहले शुरू करते हैं कि साईंटिस्ट शब्द से। जैसा कि आपको पता है कि साईंटिस्ट वो होता है जो रिसर्च करता है। तो डाटा साईटिस्ट भी एक रिसर्चर ही होता है और वह डाटा को रिसर्च करता है। हालांकि वह कोई खोज नहीं करता है लेकिन वह एक बड़े डाटा सेट की रिसर्च करते हैं यह डाटा सेट किसी बड़ी संस्थान का हो सकता है। यह डाटासेट या डाटाबेस इतना बड़ा होता है कि इसे रिसर्च करना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं होती है। इसलिए हमें डाटा साईंटिस्ट की मदद लेनी पड़ती है। यह डाटा साईंटिस्ट अपनी टीम की मदद से डाटाबेस को रिसर्च करता है। सिर्फ रिसर्च करना ही साईंटिस्ट का काम है, नहीं अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। रिसर्च में कई अलग—अलग तरह के बड़े काम आते हैं जिसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे।
डाटा साईंटिस्ट उदाहरण :
तो उदाहरण के तौर पर आप मान लीजिए आप किसी बड़ी कंपनी के मालिक हैं और आपके पास अपने एक करोड़ कस्टमर की 100 तरह की जानकारियां हैं। यानि आपके पास 1000000000 प्रकार की जानकारियां जिन्हें हम डाटा वैल्यू कहते हैं, वह पड़ी हुई हैं अब अगर आपको इनमें से किसी एक या दो डाटा वैल्यू को रीड करना है या फिर उसे प्रयोग करना है या एक डाटा वैल्यू का दूसरे के साथ कंपेरिजन करना है तो यह आपके लिए आसान नहीं है। ऐसे में आपको डाटा साईंटिस्ट की जरूरत पड़ेगी।
डाटा साईंटिस्ट कैसे बनें | How to Become a Data Scientist in Hindi !!
डाटा साईंटिस्ट बनने के लिए आपको स्वाभाविक सी बात है कि डाटा साईंस की पढ़ाई करनी होगी। चिंता न करें अगर आपने बारहवीं कक्षा के बाद बीसीए या फिर बीएससी आईटी का कोर्स किया है। आप इसके बाद भी डाटा साईंटिस्ट की पढ़ाई करके अपना सपना पूरा कर सकते हैं। इसके लिए आपको पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स इन डाटा साईंस करना होगा। बहुत सारे टॉप कॉलेज और इंस्टीटूयट भारत में हैं जो कम्पयूट या फिर आईटी में डिग्री करने वाले बच्चा को पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स डाटा साईंस में करवाते हैं। सबसे ज्यादा किया जाने वाला कोर्स पीजीपी—डीएसई है जिसका मतलब है पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन डाटा साईंस एंड इंजीनियरिंग। यह कोर्स अपने आप में परिपूर्ण है। यह कोर्स करने के बाद आपको इस फील्ड की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद आप डाटा साईंटिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरूआत कर सकते हैं तो अगर आप भी चाहते हैं कि बतौर डाटा साईंटिस्ट अपने करियर को आगे बढ़ाएं तो आज ही अपने लिए एक अच्छा कॉलेज ढूंढ कर यह कोर्स करना शुरू कर दें। इस कोर्स में आपको डाटा एनालाइज, डाटा रिसर्च, डाटा मैनेजमेंट, डाटा माईनिंग, डाटा आर्गेनाईजेशन, डाटा एल्गोरिदम, डाटा रिस्क आदि के बारे पढ़ाया जाएग। यह कोर्स कई इंस्टीटयूटस और कई यूनिवर्सिटियों की ओर से करवाया जाता है। आप भी अगर यह कोर्स करना चाहते हैं तो आप टॉप—इंसटीटयूटस से संपर्क कर सकते हैं। कई टॉप—कॉलेजों में इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट भी हो सकता है। तो जरूरी है कि आप पहले से ही कॉलेज के संपर्क में रहें या फिर कॉलेज की वेबसाइट देखते रहें इससे आपको टेस्ट की जानकारी मिलती रहेगी और आप जरूरी सिलेबस पढ़ कर इसके लिए तैयारी भी अच्छे से कर सकेंगे।
डाटा साईंटिस्ट के स्किल क्या है | Skills Needed to Become a Data Scientist in Hindi !!
यह जानना बहुत जरूरी है कि डाटा साईंटिस्ट के स्किल क्या हैं। अगर आप या आपका कोई करीबी डाटा साईंटिस्ट बनना चाहता है तो यह जरूरी है कि वह इसके स्किल के बारे में जान लें; क्योंकि स्किल सेट के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करने के बाद आपको डाटा साईंटिस्ट बनने या न बनने का निर्णय लेने में आसानी होगी। क्योंकि अधिकतर लोग शंका में रहते हैं कि उन्हें डाटा साईंटिस्ट बनना चाहिए या फिर नहीं। लेकिन अगर वह बिना सोचे समझे डाटा साईंटिस्ट की राह पर चलना शुरू कर देते हैं तो यह भी उनके लिए नुक्सानदायक हो सकता है। तो ऐसे में चाहिए तो यह कि वह डाटा साईंटिस्ट के बारे पूरी जानकारी हासिल कर लें कि आखिर डाटा साईंटिस्ट का रोल क्या है और इसका काम क्या है। तो सबसे पहले आपको बता दें कि डाटा से जुड़ा हर काम डाटा साईंटिस्ट का ही होता है तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि डाटा साईंटिस्ट के स्किल क्या हैं —
1. डाटा रिसर्च | Data Research in Hindi !!
डाटा के आधार पर रिसर्च करना सबसे अहम स्किल है जो साईंटिस्ट के पास होना चाहिए। डाटा साईंटिस्ट के अन्य स्किल रिसर्च स्किल के ही भाग हैं। यानि डाटा को रिसर्च करने के अधीन ही अन्य स्किल आते हैं जैसे कि डाटा एनालाईज, मैनज, माईनिंग आदि। तो यह सब रिसर्च का ही हिस्सा हैं।
2. डाटा एनालाईज | Data Analysis in Hindi !!
डाटा एनालाईज करना सबसे बड़ा काम है। जैसा कि आपको पता ही है कि एनाइलाइज का मतलब होता है विश्लेषण करना। तो डाटा का विश्लेषण ही इसमें किया जाता है। डाटा साईंटिस्ट को ही यह काम दिया जाता है कि वह डाटा को एनालाइज करे। हालांकि डाटा साईंटिस्ट को कई एसोसिएटस यानि असिस्टेंट दिए जाते हैं। लेकिन मुख्य काम डाटा साईंटिस्ट का ही होता है कि उसकी निगरानी में सब हो।
3. डाटा मैनेजमेंट | Data Management in Hindi !!
डाटा को मैनेज करना आसान नही होता है। एक बड़ा डाटा सेट जिसे सामान्य तौर पर संभालना मुश्किल होता है उस डाटा को मैनेज करने का यानि संभालने का काम डाटा साईंटिस्ट का होता है। डाटा मैनेजमेंट का काम सिर्फ संभालना ही नहीं होता है। बल्कि डाटा को इस प्रकार से रखना हाेता है ताकि उसे आसानी से प्रयोग किया जा सके।
4. डाटा माईनिंग | Data Mining in Hindi !!
डाटा को माईन करना यानि कि डाट को खंगालना भी एक बहुत बड़ा रोल होता है एक बहुत बड़ा स्किल होता है। अगर आपके पास एक बड़ा डटा सेट है तो आप डाटा को खंगाले बिना न तो उसे मैनेज कर सकते हैं और न ही उसे एनालाईज कर सकते हैं। तो अगर आप चाहते हैं कि डाटा सेट को एनालाइज और मैनेज किया जा सके तो उसे माईन भी करना होगा। यह डाटा साईंटिस्ट का बड़ा स्किल होता है।
5. डिसीजन मेकिंग | Decision Making in Hindi
डाटा को रिसर्च करने के बाद फाइनल रिपोर्टस जो बनती हैं वह डिसीजन मेकिंग के काम आती हैं। तो एक तरह से डाटा साईंटिस्ट का यह भी एक स्किल होता है कि वह डिसीजन मेकिंग हो और अपने डाटा रिसर्च के आधार पर कंपनी अधिकारियों को या फिर अपने सहयोगियों को बता सके कि अाखिर क्या डिसीजन लेना चाहिए। इसके बारे में हम आगे डाटा साईंटिस्ट के रोल में पढ़ेंगे।
डाटा साईंटिस्ट भूमिका | Data Scientist Roles & Responsibilities in Hindi !!
तो जैसा कि आपको पता चल ही गया है कि डाटा साईंटिस्ट अलग-अलग स्किल यूज करके डाटा को मैनेज, एनालाईज और माईन सब करता है। अब इन सब के पीछे कारण क्या है यह हम आपको बताने जा रहे हैं। कि आखिर डाटा साईंटिस्ट यह सब क्यों करता है और किसी कंपनी में उसके इस काम का क्या रोल होता है। डाटा साईंटिस्ट का रोल डिसीजन मेकिंग से लेकर प्रोफिट जेनरेशन और बिजनेस डेवलपमेंट तक हर जगह होता है। नीचे दिए उदाहरणों से आप इसे बेहतर समझ सकते हैं-
# उदाहरण 1 :
सबसे पहले उदाहरण के तौर पर अमेजोन कंपनी है जिसके करोड़ों यूजर यानि बायर हैं। इसके अलावा अमेजोन के पास करोड़ों सेलर भी हैं जो सामान बेचते हैं और उन सेलरों के पास करोड़ों नहीं बल्कि अरबों की तादाद में प्रोडक्ट भी हैं। यह सब एक डाटा सेट है। अगर आपको कह दिया जाए कि अमेजोन कंपनी का सारा डाटा एक रजिस्टर में सामान्य तौर पर लिख कर रख लो। तो आप शायद अपनी जिंदगी भर भी न लिख पाएं। और अगर आप लिख भी लो तो आपको उसमें किसी प्रोडक्ट को ढूंढना या किसी कस्टमर को ढूंढना आसान नहीं होगा। तो इसी काम को आसान बनाता है डाटा साईंटिस्ट। अमेजोन के एक बड़े डाटाबेस के पीछे डाटा साईंटिस्ट का ही रोल। उनकी बदौलत ही सही कस्टमर के पास सही प्रोडक्ट पहुंच रहा है और सही सेलर को पैसे मिल रहे हैं।
# उदाहरण 2 :
इसके अलावा दूसरा उदाहरण लेते हैं। डाटा साईंटिस्ट के रोल इससे कहीं ज्यादा हैं। दोबारा उदाहरण अमेजोन का लेते हैं। अमेजोन के पास एक और बड़ा डाटा है। वह डाटा उसकी सेल का है। कि साल 2015 में कितनी सेल हुई, 2016 में कितनी सेल हुई और 2017 में कितनी सेल हुई। यह सुनने में सरल लग रहा है। लेकिन इसमें और भी काई डाटा होंगे। जैसे 2015 में किस माह में कितने प्रोडक्ट बिके, किस समय के दौरान कौन से कैटेगरी के प्रोडक्ट ज्यादा बिकते हैं। यह सब एक बहुत बड़ा डाटा सेट का हिस्सा होगा। अब डाटा साईंटिस्ट अपनी टीम के साथ मिलकर एक रिसर्च के तहत सारे पुराने डाटा को एनालाईज करेगा। एनालाईज करने के बाद वह कंपनी के मार्केटिंग एक्सपर्टस को बताएगा कि हर साल इस माह में इस कैटेगरी के प्रोडक्ट ज्यादा बिकते हैं और उसी के अनुसार मार्केटिंग एक्सपर्ट नई नीति बनाएंगे और डिसीजन लेते हुए कंपनी की सेल बढ़ाएंगे।
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