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इंजन ऑयल क्या है | What is Engine oil in Hindi !!
इंजन ऑयल एक लुब्रिकेंट है जिसका प्रयोग मोटर व्हीकल के इंजन में होता है। इंजन ऑयल एक लुब्रिकेंट और कूलेंट ऑयल है। लुब्रिकेंट वह होता है जो लुब्रिकेशन के लिए होता है यानि इंजन के अंदर जा पुर्जे निरंतर घूमते हैं उनके बीच पैदा होने वाले फ्रिक्शन यानि घर्षण को कम करने के लिए इंजन ऑयल प्रयोग होता है। जैसा कि आपने देखा ही होगा एक गरारी और दूसरी गरारी जब कनेक्ट होकर चलती है तो रगड़ यानि घर्षण के कारण दोनों गर्म हो जाती हैं और दोनों के बीच लुब्रिकेशन की कमी रहती है। ऐसे में इस जगह पर इंजन ऑयल का प्रयोग होता है। जो उन दोनों पुर्जों के बीच स्मूथनेस बनाए रखता है। इतना ही नहीं इंजन ऑयल का काम पुर्जों को ठंडा रखना भी होता है। इसीलिए इंजन ऑयल को कूलेंट भी कहते हैं। इंजन के अंदर जब गियर यानि गरारी या फिर अन्य र्कोइ पुर्जे चलते हैं तो यह आपस में रगड़ खाने के कारण गर्म हो जाते हैं ऐसे में इन्हें ठंडा करना बहुत जरूरी है। इसीलिए इंजन ऑयल का प्रयोग यहां पर किया जाता है।
इंजन ऑयल के फायदे क्या हैं !!
इंजन ऑयल के फायदे यहां हम आपको डिटेल से बताएंगे। आपके मन में जरूर यह सवाल आता होगा कि पेट्रोल—डीजल से तो गाड़ी चलती है सड़कों पर दौड़ती है तो फिर हम इंजन ऑयल का प्रयोग क्यों करते हैं। क्यों हम इसपर पैसे खर्च कर रहे हैं। तो आपको यहां पर हम बता दें कि इंजन ऑयल के बहुत फायदे हैं और इसके प्रयोग न होने पर कई नुक्सान भी हैं। तो यहां हम आपको इंजन ऑयल के फायदे बताने जा रहे हैं।
# ज्यादा लाइफ
इंजन में अगर सही प्रकार के इंजन ऑयल का प्रयोग नहीं होता तो इसकी लाइफ घट जाती है। ऐसे में इसकी लाइफ बढ़ाने के लिए इंजन ऑयल का प्रयोग फायदेमंद है।
# अच्छी पिकअप
इंजन ऑयल अच्छा और भरपूर होने के कारण इंजन की पिकअप पॉवर बढ़ती है क्योंकि घर्षण कम हो जाता है।
# अच्छी परफोर्मेंस
इंजन ऑयल से इंजन की परफोर्मेंस में सुधार होता है आपकी गाड़ी का इंजन तेजी से दौड़ता है और पूरी क्षमता से काम करता है।
# साफ इंजन
इंजन ऑयल के अच्छे से प्रयोग करने के बाद आपका इंजन साफ रहेगा। इंजन ऑयल के प्रयोग से इंजन आवाज नहीं करेगा और किसी तरह की गंदगी इसमें कम फंसेगी।
इंजन ऑयल क्यों प्रयोग करते हैं !!
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि फ्रिक्शन को कम करने और गर्मी को घटाने के लिए इंजन में इंजन तेल डाला जाता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन दो कारणों को क्यों इतना महत्व दिया जाता है और क्यों इंजन ऑयल का प्रयोग किया जाता है। आपको बता दें कि इंजन ऑयल का प्रयोग इंजन को चलाने के लिए नहीं होता है। इंजन आपकी गाड़ी के पेट्रोल और डीजल से ही चलता है लेकिन इंजन ऑयल इसमें एक अहम रोल रखता है। यह चलने वाले पुर्जों के इर्द गिर्द रहता है और उनकी रगड़ को कम करता है।निम्निलिखित दो कारणों के कारण इंजन ऑयल का प्रयोग किया जाता है।
# लुब्रिकेशन
इंजन के पार्ट आपस में टकरा कर रगड़ खाते हैं जिसे साईंस में फ्रिक्शन यानि घर्षण कहते हैं। इसके कारण पार्ट आपस में ज्यादा स्मूथनैस से नहीं भाग पाते। ऐसे में यहां इंजन ऑयल लुब्रिकेशन का काम करता है।
# कूलैंट
इंजन चलेगा तो इसके पार्ट आपस में रगड़ खा कर गर्म भी होंगे तो इसे ठंडा करने के लिए कूलैंट का प्रयोग होता है। अगर पार्ट ज्यादा गर्म होंगे तो हादसा भी हो सकता है और इंजन गर्म होने पर बंद भी हो सकता है खराब भी और सीज भी हो सकता है। ऐसे में इंजन को ठंडा करने की जरूरत रहती है।
इंजन ऑयल कोड क्या है !!
इंजन ऑयल कोड के बारे बड़े ही लोग भ्रम की स्थिति में है। लोगों का यह नहीं पता है कि आखिर वह जो इंजन ऑयल खरीद रहे हैं उसका एक कोर्ड होता है। अगर आपने कभी गौर नहीं किया तो आप ऑयल की बॉटल पर देख सकते है। अगर आपने खुद कभी इंजन ऑयल बाजार से खरीदा है तो उसपर जरूर ही आपको एक कोड दिखता होगा। यह कोर्ड आपको इंजन ऑयल का स्टैंडर्ड बताता है और यह बताता है कि यह किस तापमान में काम करने के सक्षम है। इसमें आपने एक डब्ल्यू का साइन देखने को मिलेगा और एक नंबर इसके साथ अंकित होगा। यह डब्लू का अर्थ है विंटर, यानि यह शो करता है कितने कम तापमान पर यह ऑयल काम कर सकता है। दूसरी तरफ एक नंबर भी होगा। यह नंबर उस तापमान के रेंज को दर्शाता है। आपके इंजन ऑयल पर इस तरह के SAE 15W या ऐसा ही कोई और कोर्ड लिखा होगा। तो इसमें एसएई का अर्थ है सोसायटी ऑफ ऑटोमेटिव इंजीनियरस। यह वही सोसायटी है जिसने यह कोर्ड और स्टैंडर्ड इजाद किये हैं। यह कोड सिंगल ग्रेड इंजन ऑयल का है जिसे हम स्ट्रेट इंजन ऑयल भी कहते हैं। वहीं एक अन्य तरह का इंजन ऑयल होता है जिसमें SAE 15W40 या ऐसे ही कोइ दो नंबर कोर्ड में होंगे। यह मल्टीग्रेड इंजन ऑयल होते हैं जिन्हें इस लिहाज से बनाया जाता है कि यह एक बड़ी टेंपरेचर रेंज में काम कर सके।
इंजन ऑयल कैसे बनता है !!
इंजन ऑयल क्रूड तेल से बनता है। क्रूड यानि कच्चा तेल जो सीधे माइन्स और खदानों के माध्यम से धरती से निकाला जाता है। तो अन्य तेल और फलयूडस की तरह ही यह इंजन ऑयल भी क्रूड ऑयल से बनता है। इसके बाद आपको पता ही होगा कि क्रूड ऑयल को डिस्टिल किया जाता है और फिर रिफाइन किया जाता है जिसमें से अलग-अलग प्रकार के तेल बनते हैं जिसमें मिटटी का तेल यानि केरोसिन से लेकर डीजल, पेट्रोल सब बनता है। ऐसे ही इसमें से इंजन ऑयल भी बनता है।
इंजन ऑयल कितने प्रकार का होता है | Types of Engine oil in Hindi !!
तो दोस्तों आप भी जानना चाहते होंगे कि इंजन ऑयल आखिर कितने प्रकार का होता है। तो आपको यहां पर हम बता देते हैं कि इंजन ऑयल के कई प्रकार होते हैं लेकिन यहां पर हम प्रमुख तौर पर चार प्रकार के इंजन ऑयल की बात करेंगे। जोकि इस प्रकार हैं —
# मिनरल इंजन ऑयल
मिनरल इंजन ऑयल सबसे सामान्य प्रकार और साधारण तरह का इंजन ऑयल होता है। इसे सामान्य कार ड्राइवरों के लिए प्रयोग में लाया जाता है। हैवी इंजन में इस तरह के मिनरल ऑयल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
# सिंथेटिक इंजन ऑयल
सिंथेटिक इंजन ऑयल केमिकली इंजीनियर्ड होता है। इसे प्रोपर तरीके से प्यूरफाई किया जाता है और उसके मोलक्यूल जो होते हैं अच्छी शेप में होते हैं इसीलिए इसका प्रयोग अच्छे और हैवी इंजन के लिए किया जाता है इसकी परफोर्मेंस मिनरल से ज्यादा अच्छी होती है।
# सेमी-सिंथेटिक इंजन ऑयल
यह एक तरह का मिश्रित तेल है इसमें आधा मिश्रण मिनरल ऑयल और आधा जो है सिंथेटिक का रहता है। इसे मिक्स करके बनाया जाता है ऐसे में इसके दोनों के गुण होते हैं और यह अच्छी परफार्मेंस देता है।
# हाई-माइलेज ऑयल
जैसा कि आपको नाम से ही पता चल गया होगा कि इसका काम अच्छी माइलेज के लिए होता है। कई बार इसका प्रयोग उन बड़े वाहनों के लिए भी होता है जो पुराने हो चुके हैं और काफी बड़े हैं। इस इंजन ऑयल में एडिटिव आदि मिलाए जाते हैं।