नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “X-ray और Ultrasound” के विषय में बताने जा रहे हैं. दोस्तों आप भी यदि इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते हैं तो जरूर ही आपके घर में भी कोई न कोई पालतू जानवर अवश्य होगा, जिसकी बीमारी के लिए आप को कभी न कभी पशुचिकित्सालय जाना पड़ होगा। लेकिन दिक्क्त पशुचिकित्सालय नहीं होता है.
बल्कि दिक्क्त ये होती है कि बीमारी के निदान हेतु कौन सा परिक्षण उत्तम रहेगा अर्थात ultrasound sonography (U/S) या x-rays (radiographs). ऐसे में आप भी अवश्य दुविधा में पड़ जाते होंगे कि आखिर कौन सा परिक्षण अच्छा रहेगा और क्यों? तो आज हम आपके लिए कुछ इन्ही सवालों से जुड़े जबाब लेके आये हैं. जिन्हे अंत तक अवश्य पढ़े, जिनके जरिये आपके कई प्रश्नो का उत्तर आपको मिल सकता है. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
Difference between X-ray and Ultrasound in Hindi | X-ray और अल्ट्रासाउंड में क्या अंतर है !!
X-ray क्या है | What is X-ray in Hindi !!
X-rays को रेडियोग्राफ़ के नाम से भी जाना जाता है. ये एक प्रकार का परिक्षण होता है, जिसके द्वारा शरीर के आंतरिक हिस्सों का परीक्षण किया जाता है. इसको पशु को विकिरण के एक बीम के नीचे स्थित करके किया जाता है. जिसके जरिये पशु के अंदर की वास्तुकला को देखा जा सकता है. इस वास्तुकला से तातपर्य पशु के सीने, पेट या हड्डी से है, और X-rays द्वारा इनमे किसी प्रकार की क्षति और परिवर्तन को खोजा जा सकता है. X-rays में हड्डी और अन्य बहुत घने संरचनाएं सफेद, नरम ऊतकों जैसे तरल पदार्थ और अंग, आदि ग्रे रंग के और अन्य वायु काले रंग की दिखाई देती है.
एक्स-रे द्वारा शरीर के आंतरिक हिस्सों का परीक्षण अच्छे से हो जाता है और कोई भी प्रकार का बदलाव शरीर के अंदर एक्स-रे द्वारा चित्रित हो जाता है. इसके द्वारा हम हड्डी में परिवर्तन, पेट में असामान्य आकार या अन्य घने संरचनाओं का पता चित्र द्वारा निकाल सकते हैं. और बहुत से डॉक्टर इसका प्रयोग करते हैं.
अल्ट्रासाउंड क्या है | What is Ultrasound in Hindi !!
अब यदि बात अल्ट्रासाउंड की जाये तो इसे U/S के नाम से भी जाना जाता है. ये दरअसल वास्तविक समय में छवियां दिखाने में सक्षम होता है और इस परिक्षण के दौरान वीडियो रिकॉर्ड किया जा सकता है. इतना ही नहीं बल्कि, इसके द्वारा आंतरिक शरीर में बहने वाले तरल पदार्थ (दिल के कक्षों के माध्यम से रक्त स्पंदन) की निगरानी भी की जा सकती है. और इस दौरान किसी प्रकार की द्रव्यमान या असामान्यताएं पाई जाती है, तो फिर उनके मुख्य कारण का पता लगाया जा सकता है.
इसकी प्रक्रिया कुछ ऐसी है कि: अल्ट्रासाउंड बीम (उच्च आवृत्ति ध्वनि तरंगें) कुछ ऊतक से होके गुजरती हैं और सघन अंग ऊतक द्वारा उपकरण में वापस आती हैं. इनका सामान्य रूप से प्रयोग गर्भवती महिला के बच्चे की जाँच के लिए किया जाता है.अल्ट्रासाउंड अत्यधिक घनी वस्तुओं जैसे हड्डियों या हवा से भरे अंगों जैसे कि फेफड़ों, आदि को देखने के लिए अच्छा माध्यम नहीं है।
आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी। और इसके जरिये आपको काफी सहायता भी मिली होगी. लेकिन यदि आपको हमारे ब्लॉग में कोई गलती नजर आये या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में हो तो आप हमसे पूछ व बता सकते हैं नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट के जरिये। हम पूरी कोशिश करेंगे आपकी उम्मीदों पे खरा उतरने की. धन्यवाद !!