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Public key और Private key में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Public key और Private Key” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि “Public key और Private Key क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम जानते है कि asymmetric encryption में दो अलग अलग प्रकार की key का प्रयोग होता है. जिसमे एक public key और दूसरा secret key होता है. और इसी secret key को private key के नाम से भी जाना जाता है. और आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

Public key क्या है | What is public key in Hindi !!

Asymmetric encryption में दो key के pairs का प्रयोग किया जाता है. जो आपस में एक दूसरे से mathematically interrelated होती हैं. जिनका प्रयोग encryption और decryption के लिए होता है.

जिन पेअर की हम बात कर रहे हैं उनमे एक Private key और दूसरी public key होती है. क्यूंकि हम अभी Public key की बात कर रहे हैं इसलिए हम पहले आपको इसी के विषय में बताने जा रहे हैं. दरसल public key का प्रयोग encryption के लिए किया जाता है, इसलिए इसे encryption key भी कहा जाता है.

Public key वो key होती है, जो receiver की होती है लेकिन वो उसने sender के साथ share की होती है. जिसके जरिये sender अपने message को encrypt कर देता है. और channel के जरिये रिसीवर को भेज देता है. और रिसीवर उसे अपनी private key के जरिये decrypt कर लेता है. और ये इसलिए हो पाता है क्यूंकि public key और Private key दोनों एक दूसरे से interrelated होते हैं.

Private Key क्या है | What is Private key in Hindi !!

Symmetric encryption में एक key का प्रयोग किया जाता है, जिसके द्वारा encryption और decryption दोनों किया जाता है. लेकिन Asymmetric encryption में दो अलग अलग Key का प्रयोग किया जाता है, जिससे अधिक security बनी रह सके. इसमें Private और Public key का प्रयोग किया जाता है. Public key के विषय में हमने आपको ऊपर पहले ही जानकारी दे दी है. अब बात आती है, Private key की. Private key वो Key होती है, जिसे रिसीवर किसी से शेयर नहीं करता है. और जब सेन्डर मैसेज को Public key के द्वारा encrypt कर देता है, तो रिसीवर उसे private key के जरिये decrypt कर के पढ़ सकता है. इससे security बनी रहती है.

Difference between public key and private key in Hindi | Public key और private key में क्या अंतर है !!

Difference between public key and private key in Hindi | Public key और private key में क्या अंतर है !!

# Asymmetric encryption में दो प्रकार की key का प्रयोग होता है, जिसमे एक Public key और दूसरी Private key होती है.

# Public key को रिसीवर sender के साथ शेयर कर देता है जबकि private key को सेन्डर के साथ शेयर नहीं करता है.

# Public key का प्रयोग message को encrypt करने के लिए होता है जबकि Private key को message को decrypt करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

# उदाहरण: A के पास दो key, public key Kp और private key Kt, हैं. जिसमे A अपनी public key(Kp) को B के साथ शेयर कर देता है. फिर B Kp का प्रयोग कर के message को encrypt करता है. और फिर चैनल के जरिये उस message को A को भेज देता है. जिसके बाद A उस मैसेज को private key(Kt ) के जरिये decrypt कर के पढ़ लेता है. और ये इसलिए हो पाता है क्यूंकि kp और kt दोनों interrelated होते हैं.

आशा है हमे कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से काफी हद तक लाभ अवश्य मिला होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई त्रुटि दिखाई देती है, या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में आता है. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के अपने सुझाव बता या सवाल पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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