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टेक्स्ट फाइल और बाइनरी फाइल में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों।….आज हम आपको बताएंगे कि “Text file और Binary file क्या है और इनमे क्या अंतर होता है”. दोस्तों जब बात कंप्यूटर की हो तो हम सब जानते हैं कि कंप्यूटर हमारे लिए अब कितना महत्व रखता है लेकिन ये जितना महत्व रखता है उतना ही इसे समझना मुश्किल भी है. कंप्यूटर के अंदर कई ऐसी चीजे हैं जिन्हे समझना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन दोस्तों यकीन मानिये कोई भी चीज मुश्किल हो सकती है लेकिन नामुमकिन नहीं। इसीलिए आज हमने फैसला किया कि आज हम इन्ही में से दो नाम Text file और Binary file के बारे में बताएंगे. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक।

Difference between Text file and Binary file in Hindi | टेक्स्ट फाइल और बाइनरी फाइल में क्या अंतर है !!

टेक्स्ट फाइल क्या है | What is Text File in Hindi !!

टेक्स्ट फाइल वो फाइल होती हैं जिन्हे ह्यूमन आसानी से समझ लेते हैं ये अधिकतर अक्षर, अंक और विशेष वर्ण या प्रतीकों के रूप होती है. ये बाइनरी फाइल की उप-धारा होती हैं जिसमे रिच टेक्स्ट डॉक्यूमेंट और प्लेन टेक्स्ट डॉक्यूमेंट होते हैं जिसे ह्यूमन आसानी से पढ़ सकते हैं. टेक्स्ट फाइल डाटा को sequential bytes के फॉर्म में स्टोर करता है और हमे टेक्स्ट फाइल में characters बिट के द्वारा दिखाई देते हैं.

टेक्स्ट फाइल में फाइल खराब होने के बहुत कम चांस होते हैं क्यूंकि इसमें कोई भी बदलाव करना इतना आसान नहीं होता है.

टेक्स्ट फाइल दो प्रकार की होती है :

# प्लेन टेक्स्ट फाइल | Plain text files !!

ये फाइल एन्ड ऑफ़ लाइन और एन्ड ऑफ़ फाइल को स्टोर करते हैं जिसमे एन्ड ऑफ़ लाइन में लाइन के खत्म होने को दर्शाती है और एन्ड ऑफ़ फाइल फाइल के खत्म होने को दर्शाती है.

# रिच टेक्स्ट फाइल्स | Rich text files !!

ये फाइल भी प्लेन टेक्स्ट फाइल की प्रोसेस को फॉलो करता है लेकिन ये साथ ही टेक्स्ट कलर, टेक्स्ट स्टाइल और फॉण्ट स्टाइल को भी स्टोर करता है. इसमें अधिक फीचर होने के कारण इसे रिच टेक्स्ट फाइल कहा जाता है.

क्यूंकि ये सबसे आसान अच्छी फाइल टेक्निक है ह्यूमन के लिए. इसलिए इसका प्रयोग सबसे अधिक होता है.

Difference between Text file and Binary file in Hindi | टेक्स्ट फाइल और बाइनरी फाइल में क्या अंतर है !!

बाइनरी फाइल क्या है | What is Binary File in Hindi !!

बाइनरी फाइल वो फाइल होती हैं जो डाटा को बाइट के सीक्वेंस में स्टोर करती हैं जो 8 बिट और कभी कभी 16 बिट का होता है. ये बिट कस्टम डाटा को दर्शाती हैं ये फाइल अलग अलग प्रकार का डाटा स्टोर कर सकते हैं एक ही फाइल में जैसे कि: फोटोज, ध्वनि, टेक्स्ट आदि को एक साथ एक ही फाइल में स्टोर करना.

बाइनरी फाइल में कस्टम फाइल का फॉर्मेट भी हो सकता है और जब कोई डेवलपर किसी कस्टम फाइल फॉर्मेट को डिज़ाइन करता है तो वो सारी जानकारी को आराम से स्टोर कर सकता है बाइनरी फाइल में बिट के फॉर्म में. जिसके कारण डेवलपर आसानी से समझ पाते हैं कुछ सपोर्टिंग एप्लीकेशन के प्रयोग से और आराम से वो बाइनरी फाइल को पढ़ पाते हैं.

बाइनरी फाइल का सबसे अच्छा उदाहरण: .PNG or .JPG. है. इसे समझना थोड़ा ट्रिकी होता है जिसे समझने के लिए कुछ सपोर्टिंग एप्लीकेशन की आवश्यकता होती है.

Difference between Text file and Binary file in Hindi | टेक्स्ट फाइल और बाइनरी फाइल में क्या अंतर है !!

# टेक्स्ट फाइल में बिट करैक्टर को दर्शाते हैं और बाइनरी फाइल में बिट कस्टम डाटा को दर्शाता है.

# टेक्स्ट फाइल जल्दी खराब नहीं होती और इसमें किसी छोटे बदलाव से कोई फर्क नहीं पड़ता जबकि बाइनरी फाइल एक छोटी बिट के बदलाब से भी खराब हो जाती है.

# टेक्स्ट फाइल में प्लेन टेक्स्ट के रूप में ही डाटा को स्टोर किया जाता है जबकि बाइनरी फाइल में अलग अलग तरीके के डाटा को स्टोर किया जा सकता है.

# टेक्स्ट फाइल में .txt और .rtf का उपयोग एक्सटेंशन के रूप में सबसे अधिक होता है जबकि बाइनरी में कोई भी एप्लीकेशन का एक्सटेंशन उपयोग किया जा सकता है.

# टेक्स्ट फाइल में फाइल फॉर्मेट का प्रयोग किया जाता है और इसे खोलने के लिए सिंपल टेक्स्ट एडिटर ही काम में लिए जा सकते हैं जबकि बाइनरी फाइल में ऐसा नहीं होता है.

# टेक्स्ट फाइल यूजर के लिए पढ़ने में सबसे अधिक सहायक होती है जबकि बाइनरी फाइल पढ़ने में सहायक नहीं होती है.

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Ankita Shukla

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