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(Question hour & Zero hour) प्रश्नकाल और शून्यकाल में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको बताने जा रहे है “Question hour और Zero hour” अर्थात “प्रश्नकाल तथा शून्य काल” के विषय में. जिनका प्रयोग संसद में होता है. जैसा कि हम जब जानते हैं कि संसद में दो सदन हैं जिनमे एक लोकसभा और दूसरी राज्यसभा है. आज हम इन्ही में प्रयोग होने वाले दो काल के विषय में बात करने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि “प्रश्नकाल तथा शून्य काल क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि आखिर इनका प्रयोग कब और क्यों और किस लिए होता है?. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

प्रश्नकाल क्या है | What is the Question hour in Hindi !!

संसद के दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में दो प्रकार के काल होते हैं, जिनमे एक प्रश्नकाल और दूसरा शून्यकाल है. लोकसभा में जब सभा शुरू की जाती है तो उसके पहले 1 घंटा अर्थात (11 से 12 बजे तक) प्रश्नकाल चलता है उसके बाद शून्यकाल चलता है और शून्यकाल तब तक खत्म नहीं होता, जबतक लोकसभा के उस दिन का एजेंडा खत्म नहीं हो जाता।

लोकसभा में प्रश्नकाल सुबह 11 बजे से 12 बजे तक का होता है, जिसमे किसी भी मंत्री से कोई भी लोकसभा सदस्य तीन प्रकार के प्रश्न कर सकता है. starred question, unstarred question और शार्ट नोटिस question. जिसमे starred question वो सवाल होते हैं, जिसमे कोई भी लोकसभा सदस्य मंत्री से लिखित सवाल पूछ सकता है और मंत्री को उसका जबाब ओरल देना होता है.

जिसके दौरान उसी प्रश्न या जबाब से जुड़े अन्य supplementary प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं किसी के भी द्वारा. उसके बाद दूसरा unstarred question होता है, जिसमे कोई भी लोकसभा सदस्य किसी भी मंत्री से लिखित में सवाल पूछता है और उसका जबाब मंत्री लिखित में देता और इसमें किसी अन्य की कोई भागेदारी नहीं होती है और क्यूंकि इसमें लिखित में उत्तर दिया जाता है इसलिए कोई supplementary प्रश्न भी नहीं पूछे जाते हैं. और जो तीसरे तरह के प्रश्न होते हैं वो शार्ट नोटिस question होते हैं जिसमे अंत के 10 दिन से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं और इनका भी उत्तर ओरल दिया जाता और इसलिए इसमें भी supplementary प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं.

ये प्रश्नकाल राज्यसभा में 2014 के बाद से कुछ अलग नियमो के साथ आया था. इसमें राज्यसभा की शुरुआत में पहले शून्यकाल चलता है और उसके बाद प्रश्नकाल चलता है.

शून्य काल क्या है | What is Zero Hour in Hindi !!

ये वो काल होता है जो लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद और राज्यसभा में प्रश्नकाल के पहले चलता है. इसमें कोई भी संसद का सदस्य किसी भी मंत्री से किसी भी प्रकार का प्रश्न पूछने को स्वतंत्र होता है. अधिकतर मंत्री इस काल को अवॉयड करने की कोशिश करते हैं, क्यूंकि इसमें किसी भी प्रश्न को उनसे पूछा जा सकता है और उन्हें यदि उसका उत्तर नहीं पता होता है तो उन्हें शर्मिंदा होना पड़ जाता है.

ये काल लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद शुरू हो जाता है और तब तक चलता है, जबतक की दिन का लोकसभा का एजेंडा पूरा न हो जाये. और राज्यसभा में ये राज्यसभा की शुरुआत से ही शुरू हो जाता है और तब तक चलता है, जब तक प्रश्नकाल न शुरू हो जाये.

Difference between Question hour and Zero hour in Hindi | प्रश्नकाल और शून्यकाल में क्या अंतर है !!

Difference between Question hour and Zero hour in Hindi | प्रश्नकाल और शून्यकाल में क्या अंतर है !!

# दोनों ही संसद में चलने वाले काल हैं जिनका प्रयोग सवाल पूछने के लिए किया जाता है.

# प्रश्नकाल लोकसभा में शुरू के 1 घंटे और शून्यकाल के पहले चलता है और राज्यसभा में शून्यकाल के बाद चलता है.

# प्रश्नकाल में तीन प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे कि: starred question, unstarred question और शार्ट नोटिस question जबकि शून्यकाल में कोई भी प्रकार निश्चित न कर के किसी भी प्रश्न को पूछने की अनुमति दी गयी है.

# लोकसभा में शून्यकाल प्रश्नकाल के बाद से तबतक चलता जबतक लोकसभा का उसदिन का एजेंडा पूर्ण न हो जाये.

# प्रश्नकाल से अधिक इफेक्टिव शून्यकाल को माना जाता है क्यूंकि इसमें सभी प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं जिनके उत्तर मंत्री को देना आवश्यक है.

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Ankita Shukla

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