नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Gadya and Padya” अर्थात “गद्य और पद्य” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “गद्य और पद्य क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोनों हिंदी भाषा में अपना अपना अलग अलग स्थान रखते हैं. जिन्हे समझने में अक्सर बच्चों और कभी कभी बड़ों को भी परेशानी होती है. इसलिए आज हम आपको इसी के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
गद्य क्या है | What is Prose in Hindi !!
हिंदी भाषा में जब किसी कहानी को कोई लेखक लिखता है, तो वो गद्य का रूप होती है. जिस प्रकार मुंशी प्रेम चंद्र द्वारा कई किताबें लिखी गयी हैं, जिनका आधार कहानी ही था, वो सभी गद्य कहलाती है. लेकिन ये पूर्ण रूप से आसान भाषा में न होकर कुछ हद तक घूमी हुई भी हो सकती हैं, जिनका अर्थ खुद हिंदी में निकालना पड़ सकता है.
पद्य क्या है | What is Verse in Hindi !!
प्रत्येक कविता जिस रूप में कवि लिखता है, वो पद्य कहलाता है. ये अलग अलग भाषाओं में भी हो सकती हैं, जिनका अर्थ हिंदी में निकालना पड़ता है. जिस रूप में कालीदास, सूरदास या कबीरदास ने अपनी कविताओं का निर्माण किया था, वो सभी रूप पद्य थे. यदि आसान भाषा में समझाया जाये, तो प्रत्येक कविता का रूप पद्य होता है.
Difference between Prose and Verse in Hindi | गद्य और पद्य में क्या अंतर है !!
# कहानी का रूप गद्य कहलाता है और कविता का रूप पद्य कहलाता है.
# उदाहरण: मुंशी प्रेम चंद की गोदान (गद्य) और कालिदास की मेघदूत (पद्य).
हम पूरी उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी काफी हद तक पसंद आयी होगी और आपके काम भी आयी होगी. यदि फिर भी आपको कोई गलती हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो, तो वो भी आप हमसे पूछ व बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!