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पॉलिटेक्निक और बीटेक में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…. आज के समय में दुनिया आधुनिक हो चुकी ही और जितनी आधुनिक हुई है उसमे कहीं न कहीं इंजीनियर का बहुत बड़ा हाथ हैं क्यूंकि इंजीनियर ही एक ऐसा पेशा है जिसमे सबसे अधिक निर्माण और खोज शामिल है वो रोजाना कुछ नया अविष्कार करने की कोशिश करता है. किसी बड़ी इमारत से लेके एक छोटे उपकरण तक हर जगह एक इंजीनियर का हाथ होता है. इंजीनियर कई अलग अलग ब्रांच के होते हैं और हर इंजीनियर अपनी फील्ड का मास्टर होता है.

ये तो बात थी इंजीनियर की लेकिन आखिर इंजीनियर बनते कैसे हैं इसका जानना उससे भी अधिक जरूरी है क्यूंकि एक अच्छा इंजीनियर बनने या उस करियर को चुनने के लिए आपका ये जानना बहुत जरूरी है की आखिर इंजीनियर कैसे बने और क्या बेस्ट होगा आपके लिए.

जब बात इंजीनियर की बनने की हो ही रही हैं तो आपका ये जानना बहुत जरूरी है कि कौन सा कोर्स आपके लिए अधिक सूटेबल होगा। दोस्तों किसी भी इंसान को इंजीनियर बनने के लिए कई प्रकार के कोर्स मार्किट में उपलब्ध हैं जिनमे से सबसे अधिक चुना जाने वाला कोर्स पॉलिटेक्निक और बी. टेक है. लेकिन अब बात आती है की आखिर इनमे से कौन सा कोर्स ज्यादा अच्छा रहेगा तो हम आपको आज यही बताने जा रहे हैं कि आपके लिए इन दोनों में से कौन सा कोर्स अच्छा रहेगा और क्यों.

पॉलिटेक्निक क्या है | What is Polytechnic in Hindi !!

पॉलिटेक्निक दो शब्दों से मिल के बना है पहला पॉली और दूसरा टेक्निक जिसका मतलब होता है की बहुत सारे तरीकों का प्रयोग होना। अर्थात जब बहुत सारे कोर्स को अलग अलग उनके एक्सपेर्टीज़ के अनुसार सिखाया जाना. पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स है जो १०वी या १२ वी कक्षा के बाद किया जाता है इसे करने के बाद आप किसी भी एक टेक्निकल कोर्स में पारंगत हो जाते हैं. इसे करने के लिए बहुत सारे कॉलेज उपलब्ध हैं जिनमे कुछ सरकारी और कुछ प्राइवेट हैं.

पॉलिटेक्निक करने के लिए एक टेस्ट को देना होता है जिसका नाम CET (common entrance test) जिसके बाद आप यदि अच्छी रैंक लाते हैं तो आपको गवर्नमेंट कॉलेज मिलेगा जिसकी फीस कम होती है और यदि आप अच्छी रैंक नहीं लाते या CET के बिना एडमिशन लेते हैं तो आपको प्राइवेट कॉलेज मिलेगा जिसकी फीस बहुत अधिक होती है. पॉलिटेक्निक करने का एक फायदा ये भी है कि आप अपना तीन साल का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के बाद बी टेक के दूसरे ईयर में डायरेक्ट admission ले सकते हैं. और जैसे पॉलिटेक्निक में भी ब्रांच होती हैं वैसे ही बी टेक में ब्रांच होती हैं जिसके कारण आपको आपकी पसंदीदा ब्रांच अर्थात जिससे आपने पॉलिटेक्निक किया है उसी ब्रांच में आपको बी टेक में भी एडमिशन मिल जायेगा.

बी टेक करना आवश्यक नहीं होता अर्थात ये आपके आगे पढ़ने की इक्षा पे निर्भर करता है क्यूंकि आपको पॉलिटेक्निक के बाद भी जॉब आराम से मिल जाती है जिसमे आप जूनियर इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं.

बीटेक क्या है | What is B. Tech in Hindi !!

बीटेक का फुल फॉर्म “बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी” होता है. ये एक बेचलर इंजीनियरिंग डिग्री होती है जो चार साल का होता है. ये भी सेमेस्टर के अनुसार चलता है. आप किसी भी फील्ड में इंजीनियरिंग करने के लिए बी. टेक को चुन सकते हैं इनमे बहुत सारी अलग अलग ब्रांच होती हैं जिसमे आप अपने मन की ब्रांच को चुन उसमे इंजीनियरिंग कर सकते हैं. बीटेक के कई प्रशिद्ध कोर्स होते हैं जैसे की: सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, मेच्निकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, एलेट्रिकल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग आदि.

Difference between Polytechnic and B.tech in Hindi | पॉलिटेक्निक और बीटेक में क्या अंतर है !!

# पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स होता है और बीटेक एक बेचलर इंजीनियरिंग कोर्स होता है.

# पॉलिटेक्निक और बीटेक दोनों कोर्स इंजीनियर बनने के लिए होते हैं. पॉलिटेक्निक के द्वारा जूनियर इंजीनियर बनते हैं और बीटेक के द्वारा इंजीनियर बनते हैं.

# १०वी और १२वीं के बाद पॉलिटेक्निक किया जा सकता है लेकिन बीटेक १२वीं के बाद ही किया जा सकता है.

# पॉलिटेक्निक ३ साल का कोर्स होता है जबकि बीटेक ४ साल का कोर्स होता है.

# दोनों में कई सारी ब्रांच होती हैं जो अलग अलग फील्ड का एक्सपर्ट बनाती है जैसे कि कंप्यूटर साइंस लेने के बाद लोग कंप्यूटर से जुड़े तथ्यों के विषय में कार्य करते हैं और मेच्निकल इंजीनियरिंग में लोग ऑटोमोबाइल पे काम करते हैं. इलेक्ट्रॉनिक वाले मोबाइल और कई तरह के उपकरण का निर्माण करते हैं और सिविल इंजीनियर पुल आदि का निर्माण करते हैं.

# पॉलिटेक्निक करने के बाद लोग बीटेक कर सकते हैं लेकिन बीटेक के बाद पॉलिटेक्निक नहीं किया जा सकता है.

# पॉलिटेक्निक कर के लोग बीटेक के दूसरे साल में लेटरल एंट्री ले सकते हैं.

# दोनों कोर्स के लिए अलग अलग एंट्रेंस एग्जाम भी होते हैं जिनमे अच्छी रैंक के अनुसार कॉलेज मिलता है.

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपको पॉलिटेक्निक और बीटेक को पूर्ण रूप से समझने में मदद भी मिली होगी. यदि फिर भी कोई गलती हो तो हमे अवश्य नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं. और यदि कोई सवाल या सुझाव भी आपके मन में हो तो वो भी आप हमे बता सकते हैं हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी समस्या दूर कर पाएं.

Ankita Shukla

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