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PERT और CPM में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “PERT और CPM” के विषय में बताने जा रहे हैं. ये थोड़ा टेक्निकल टॉपिक है और इन दोनों में लोगों को अंतर समझने में काफी दिक्क्त होती है. इसलिए आज हम आपको “Difference between PERT and CPM” अर्थात “PERT और CPM में क्या अंतर है?”. है बताने जा रहे हैं. जो शायद आपकी सहायता कर सके इन दोनो के अंतर को समझने में. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

PERT क्या है | What is PERT in Hindi !!

PERT का पूरा नाम Program (Project) Evaluation and Review Technique है. इनका प्रयोग प्रोजेक्ट में उस समय किया जाता है जब हमे सही समय का अनुमान नहीं होता है, कि किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में कितना समय लगेगा। तब हम कुछ variable को assume कर लेते हैं. PERT का मुख्य प्रयोग तब किया जाता है, जब प्रोजेक्ट के खत्म होने का समय पता नहीं होता है तो उस समय प्लानिंग, scheduling और project को कण्ट्रोल करने के लिए PERT का प्रयोग किया जाता है.

समय का पता नही होता है तो उस केस में हम तीन तरह के वेरिएबल का प्रयोग करते हैं:

Optimistic time estimate (to):

to में यदि काम पूरा हो जाता है तो काम एक कण्ट्रोल स्थिति में होता है. जो हमारे अनुकूल होता है.

Most Likely time estimate ™:

tm में होने वाला काम नियंत्रण में होता है. जो कि एक सामान्य स्थिति होती है.

Pessimistic time estimate (tp):

tp में होने वाला काम बहुत अधिक समय में होता है और ये हमारे प्रतिकूल की स्थिति को व्यक्त करता है.

CPM क्या है | What is CPM in Hindi !!

CPM का पूरा नाम “Critical Path Method” है. ये एक प्रकार की network diagramming technique है, जिसके द्वारा किसी भी प्रोजेक्ट के पुरे होने के समय का अनुमान लगाया जाता है. ये एक प्रकार की शृंखला की तरह होता है जिसमे हर एक काम एक सीरीज में होते हुए आता है. और किसी भी प्रोजेक्ट के पुरे होने से पहले ही इसके द्वारा प्रोजेक्ट कम्प्लेटिंग टाइम का अनुमान लगाया जा सकता है.

Difference between PERT and CPM in Hindi | PERT और CPM में क्या अंतर है !!

Difference between PERT and CPM in Hindi | PERT और CPM में क्या अंतर है !!

# PERT का पूरा नाम “Program (Project) Evaluation and Review तकनीक” और CPM का पूरा नाम “Critical Path Method” है.

PERT में हम एक संभावना के ऊपर चलते हैं कि कितना समय एक प्रोजेक्ट को पूरा होने में लग सकता है जबकि CPM में हम अच्छे से अनुमान लगा सकते हैं कि इतने समय में काम पूरा हो ही जायेगा.

# PERT को US Navy द्वारा 1950 में बनाया गया था और CPM को 1957 में DU PONT द्वारा बनाया गया था.

# PERT का प्रयोग उन प्रोजेक्ट के लिए करते हैं जहां समय का कुछ भी अनुमान नहीं होता की कितना समय लगेगा और CPM का प्रयोग वहां होता है जहां समय का अनुमान अच्छे से लगाया जा सकता है कि इससे अधिक समय इस प्रोजेक्ट में नहीं लग सकता.

# PERT में अलग अलग तरह के प्रोजेक्ट आते हैं जिन्हे पहले से हैंडल नहीं किया गया है और न उनका कोई अनुभव है जबकि CPM में वो प्रोजेक्ट आते हैं जिनका अनुभव पहले से होता है.

# PERT का प्रयोग अधिकतर रिसर्च और डेवलोपमेन्ट, आदि में होता है जबकि CPM का प्रयोग कंस्ट्रक्शन और प्लांट आदि के लिए होता है.

# PERT में हम cost पे फोकस नहीं करते हैं केवल समय पे फोकस करते हैं जबकि CPM में समय और कॉस्ट दोनों पे ध्यान दिया जाता है.

उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको नजर आये तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. और यदि कोई सवाल या सुझाव आपके मन में हो तो वो भी आप हमसे पूछ व बता सकते हैं. धन्यवाद !!

Ankita Shukla

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