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NRE और NRO खातों में क्या अंतर है !!

NRE and NRO Accounts INTRODUCTION in Hindi !!

दोस्तों नमस्कार, आज के आलेख में हम आपको NRE और NRO अकाउंट का अर्थ बताएंगे इसके साथ-साथ इन दोनों में अंतर भी बताएंगे | हमारे भारतवर्ष के अंदर बैंकिंग प्रणाली बहुत तेजी से विस्तार कर रही है । इसके साथ साथ दिन-ब-दिन नई नई तकनीकों का भी विस्तार हो रहा है। हमारी भारतीय बैंकिंग प्रणाली में बहुत सी तरह के अकाउंट को खोला जा सकता है । जिनमें से NRE और NRO की बात हम कर रहे हैं। यह खाते भारत में रहने वाले नागरिक के लिए यहां पर विदेश में रहने वाले नागरिक के लिए दोनों के ऊपर समान ही नियमों का उपयोग किया जाएगा।

NRE खाता क्या है | What is NRE ACCOUNT in Hindi !!

भारतवर्ष में जो बैंकिंग प्रणाली चल रही है उसके अंदर भारत का नागरिक चाहे भारत में हो या फिर विदेश में उसे स्वतंत्रता का पूर्ण का अधिकार है। और वह चाहे तो कहीं भी खाता खुलवा सकता है। भारत की बैंकिंग संहिता के अनुसार NRE का पूरा नाम नॉन रेजिडेंसीयल अकाउंट होता है | non-residential अकाउंट का उपयोग एक तरह की फंड के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसमें भारतीय मुद्रा और विदेशी मुद्रा को एक दूसरे के साथ बदलने की क्षमता बनानी हो । एक non-residential अकाउंट भारत का नागरिक तभी खुल सकता है जब वह भारत से 180 दिनों से ज्यादा बाहर रह चुका हो तभी वह इसके लिए पात्र होता है। इस अकाउंट को खोलने के लिए आपके पास विदेशी मुद्रा का होना आवश्यक है तभी आप यह खाता खोल सकते हो। इस हफ्ते के माध्यम से आप विदेश से कोई भी फंड भारत में भेज सकते हैं।

Non-Residential अकाउंट कैसे खोलें | HOW TO OPEN A Non-Residential ACCOUNT in Hindi !!

नॉन रेजिडेंशियल अकाउंट खोलने के लिए प्रोसेस तो हमारे भारत के जैसी ही है परंतु इसमें कुछ मुख्यतः अंतर भी है | इस खाते को आप एन आर आई अकाउंट बचत खाता, चालू खाता, टर्म डिपॉजिट अकाउंट, स्पेशल टर्म डिपॉजिट अकाउंट , और रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट के रूप में खोल सकते हैं।

नॉन रेजिडेंशियल अकाउंट खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज !!

किसी भी सरकारी संस्थान से जुड़ने के लिए जाहिर सी बात है कि अपने निजी दस्तावेजों को जमा करवाना पड़ता है | non-residential अकाउंट को केवाईसी फॉर्म भरने के बाद भी खोला जा सकता है| यह KYC फॉर्म FATCA या CRS जरूरतों के लिए भरवाया जा सकता है। इस खाते को खुलवाने के लिए भी आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। जिसमें से कुछ निम्नलिखित है ।

#2 पासपोर्ट साइज फोटो

# टेलीफोन का बिल, बिजली का बिल या फिर इन दोनों की प्रतिलिपि

# पासपोर्ट रेजिडेंस विजा की फोटो कॉपी

# भारतीय एंबेसी से प्रमाणित आईडी कार्ड की प्रतिलिपि

# किसी एक खाताधारक द्वारा गवाही का प्रमाण पत्र ( जिसमें आप खाता खुलवा रहे हो उस खाताधारक का वहां खाता होना चाहिए)

NRO खाता क्या है | What is NRO ACCOUNT in Hindi !!

NRO खाते में NRO का पूरा नाम नॉन रेजिडेंशियल ऑर्डिनरी अकाउंट होता है। इस अकाउंट के अंदर केवल वही लोग अपना खाता खुलवाते हैं जिनको विदेश में जाना होता है तथा इस खाते में जमा पूंजी कभी भी विदेशी मुद्रा में परिवर्तित नहीं की जा सकती। इस अकाउंट से तात्पर्य यह है कि अगर कोई व्यक्ति विदेश जाना चाहता है तो उसे सिक्योरिटी के रूप में कुछ धनराशि यह अकाउंट खुलवा कर उसमें जमा करवानी होती है ताकि कल को अगर वह विदेश में जाकर दिवालिया हो जाए तो या फिर किसी कारणवश उसे वापस भेजना पड़े तो उस जमापूंजी का उपयोग किया जा सके। यह जमापूंजी वह विदेश का वीजा खत्म होने के बाद भी निकलवा सकता है। अगर वह चाहे तो विदेश के अंदर जाकर किसी भी ब्रांच में इस अकाउंट में पैसे जमा करवा सकता है। non-residential ऑर्डिनरी अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि यह अकाउंट किसी भी भारतीय व्यक्ति को विदेश में जाकर पैसा कमा कर जमा करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाता है जो कि कोई और खाता यह सुविधा नहीं देता है ।

Non-Residential ऑर्डिनरी अकाउंट कैसे खोलें | HOW TO OPEN A Non-Residential ORDNAIRY ACCOUNT in Hindi !!

नॉन रेजिडेंशियल ऑर्डिनरी अकाउंट खोलने की प्रक्रिया बिल्कुल non-resident अकाउंट के जैसे ही है। अगर आप चाहे तो जिस बैंक की ब्रांच में आप खाता खुलवा रहे हैं उस बैंक के कस्टमर केयर से कॉल कर कर भी आप इसके बारे में निशुल्क जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आपको यह फायदा मिल सकता है कि कस्टमर केयर प्रदाता आपको आपकी ईमेल आईडी पर नॉन रेजिडेंशियल ऑर्डिनरी अकाउंट खोलने के लिए आवेदन पत्र भेज देता है । यह फोरम ऑनलाइन रहता है फार्म भरने के बाद आपको इसका प्रिंट आउट निकाल कर बैंक में जमा करवाना होता है।

Non-Residential ऑर्डिनरी अकाउंट खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज !!

बैंकिंग संस्थानों के अंदर आप कभी भी खाता खुलवाने जाए तो वहां पर खाता खोलने की दो प्रोसेस होती है जिस में से एक ऑफलाइन और दूसरी KYC प्रक्रिया होती है। जिसके लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज देने होते हैं । इसी प्रकार non-residential ऑर्डिनरी अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज है।

# आपके पासपोर्ट साइज की दो फोटो

# आपके पासपोर्ट के प्रथम व अंतिम पेज की प्रमाणिक फोटो कॉपी

# पासपोर्ट में लगे वीजा पेज की फोटोकॉपी

# आप के किसी भी दो आवासीय प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी जिसके अंदर आपका ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड , पहचान पत्र , फोन का बिल या बिजली का बिल, या फिर आपका राशन कार्ड सम्मिलित किए जाते हैं,

# आपके द्वारा भरा गया अकाउंट खोलने वाला आवेदन प्रपत्र

# कई प्रमुख संस्थानों द्वारा आपके डॉक्यूमेंट को नोटरी द्वारा अटेस्टेड करके मंगवाया जाता है तो आप इस बात का जरूर ध्यान रखें आप के दस्तावेज प्रमाणित होने चाहिए।

# इस सब प्रोसेस के बाद आप सभी दस्तावेजों को ब्रांच के सही पते पर स्पीड पोस्ट कर दें |

NRE और NRO खातों में क्या अंतर है Differences between NRE and NRO Accounts in Hindi !!

बैंकिंग प्रणाली के अंदर खातों में अलग-अलग प्रकार होते हैं जिनका अलग अलग उपयोग होता है अलग अलग फायदा भी होता है। यह बात आपको जरूर ध्यान होनी चाहिए कि कोई खाता किस काम के लिए बनाया गया है। पता आप जो खाता खुलवा रहे हैं उसके आपके कोई नुकसान तो नहीं। इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए आप को जानकारी दी जा रही है। इन दोनों खातों में निम्नलिखित अंतर है-

# NRE खाते की सहायता से आप अपनी पूंजी को विदेश से भारत में सकते हैं और अपने धन का इस्तेमाल बिना किसी डर के कर सकते हैं इस खाते के अंदर आपको कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है | जबकि NRO खाते में अपना तो धन का उपयोग कर सकते और ना ही धन निकाल सकते हैं | इसके साथ-साथ आपको बैंक के बहुत सारे टैक्स को भी भरना पड़ता है।

# NRE खाते में कभी भी आपको बैंक को कोई शुल्क नहीं देना होता इसमें आपके द्वारा कमाया गया भारत के अंदर धन जमा नहीं किया जा सकता । जबकि NRO खाते द्वारा आपका भारत में कमाया गया धन आप विदेश में उपयोग में ले सकते हैं या फिर जमा कर सकते हैं ।

# NRE खाते के अंदर अगर आप जॉइंट अकाउंट रखना चाहते हैं तो आपको एक NRE खाते की ही आवश्यकता पड़ेगी अर्थात ज्वाइंट के अंदर दोनों अकाउंट NRE अकाउंट की होने चाहिए जबकि NRO अकाउंट के अंदर आप किसी भारतीय अन्य ब्रांच का भी खाता जोड़ सकते हैं |

Ankita Shukla

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