नमस्कार दोस्तों।….आज हम आपके लिए अपने आलेख में कुछ ऐसी जानकारी लाएं है जो योग से जुडी है. जैसा कि हम सब जानते हैं कि योग एक ऐसी शक्ति है जो हमारे शरीर को बिना किसी औषधि के स्वस्थ रहने में मदद करती है. यदि हम प्रत्येक दिन कुछ नियमो का पालन करते हुए योग करे तो हम हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं. कुछ ऐसी विशेष जानकारी को लेके आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि “”कपालभाति और भस्त्रिका क्या है और इनमे क्या अंतर हैं?”. इसे बताने से पहले हम आपको कुछ जरूरी जानकारी देना चाहेंगे। दोस्तों हमारे ब्लॉग अधिकतर पाठको द्वारा पूछे गए प्रश्नो पे आधारित होते हैं. जो वो हमसे कमेंट बॉक्स के जरिये पूछते हैं. यदि आपके मन में भी कोई प्रश्न हो और आपको लगे कि हम उसका उत्तर आपको दे सकते हैं तो आप हमसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं. हो सकता है कि हम आपको उत्तर देने में कुछ विलम्ब कर दें. लेकिन हमे समय मिलते ही हम आपके सवालों का जबाब अवश्य देंगे. तो चलिए अब शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
कपालभाति क्या है | What is Kapalbhati in Hindi !!
कपालभाति एक योग की क्रिया है जिसे करने के लिए उसमे पेट का प्रयोग किया जाता है क्यूंकि ये एक एब्डामनल (पेट) ब्रीदिंग है जो की सफाई के लिए की जाने वाली क्रिया है. इसका प्रयोग नाड़ियों की सफाई करने के लिए और उसमें प्राण का फ्लो करने के लिए की जाती है. कपालभाति करते समय एक आराम की अवस्था में बैठे और फिर साँस को लें और फिर बाहर छोड़े। जब साँस लेते है तो पेट को बाहर की ओर करे और जब साँस छोड़ते हैं तो पेट को अंदर की ओर करे. साँस लेने की अपेक्षा साँस छोड़ने की अवधि अधिक होती है। इस प्रकार कपालभाति की जाती है.
भस्त्रिका क्या है | What is Bhastrika in Hindi !!
भस्त्रिका भी योग का एक प्रकार है जिसका प्रयोग फेफड़ों (लंग्स) की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए और बलगम को न बनने देने के लिए होता है. ये एक चेस्ट ब्रीदिंग क्रिया है. इसे करते समय आराम की अवस्था में बैठ जाएँ और फिर साँस लेना और छोड़ना शुरू करे. क्यूंकि ये चेस्ट ब्रीदिंग होता है इसलिए इसमें समान मात्रा में साँस ली और छोड़ी जाती है. ये ह्रदय की समस्यों से निजात दिलाने के लिए की जाने वाली क्रिया है. इसमें जो साँस ली जाती है और जो साँस छोड़ी जाती है दोनों की समय अवधि समान होती है.
Difference between Kapalbhati and Bhastrika in Hindi | कपालभाति और भस्त्रिका में क्या अंतर है !!
# कपालभाति एक एब्डामनल (पेट) ब्रीदिंग है और भस्त्रिका प्राणायाम एक चेस्ट ब्रीदिंग है.
# कपालभाति का प्रयोग नाड़ियों की सफाई और उनमे प्राण फ्लो करने के लिए होता है जबकि भस्त्रिका का प्रयोग फेफड़ों की क्षमता को बेहतर बनाने और कफ की समस्या में भी छुटकारा दिलाने के लिए होता है.
# कपालभाति में आराम की अवस्था में बैठ के साँस को एक सीमित मात्रा में लेना होता है और फिर एक लम्बी अवधि तक उसे छोड़ना होता है जिसमे पेट को अंदर की ओर ले जाते हैं जबकि भस्त्रिका में साँस लेने और छोड़ने की अवधि समान होती है और ये भी कपालभाति की तरह आराम से बैठ के की जाने वाली क्रिया है.
# कपालभाति या भस्त्रिका दोनों को एक सीमित अवधि तक ही करना जरूरी है इसे आवश्यकता से अधिक नहीं करना होता है.
# दोनों व्यायाम करने में पहले कपालीभाति करे उसके बाद भस्त्रिका करे.
उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!