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GST और VAT में क्या अंतर है | Sales Tax और VAT में क्या अंतर है !!

हेलो दोस्तों… आज के आलेख में हम आपके लिए कुछ सामान्य लेकिन बहुत उपयोगी जानकारी लेके आये हैं जो आपको लोगों के कठिन सवालों के जवाब देने में और उनके सामने खुद को बेहतर साबित करने में मदद करेगा. जी हाँ दोस्तों कई बार ऐसा होता है की कोई आपको नीचा दिखाना चाहता है तो वो आपसे तर्क वितर्क करने लगता है और कुछ ऐसे सवाल पूछ लेता है जो बहुत सामान्य होते हैं लेकिन जवाब थोड़ा हिला देने जैसा। इसलिए हम अपने कई आलेखों में कुछ ऐसे ही टॉपिक को ला चुके है जो आपकी जानकारी को और तीव्र बनाएगा फ़िलहाल आज हम “GST और VAT में अंतर ” पे बात करने जा रहे हैं.

GST क्या है | वस्तु एवं सेवा कर क्या है !!

GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) इसे हिंदी में वस्तु एवं सेवा कर कहते हैं. जो एक प्रकार का टैक्स है जो किसी भी वस्तु या सर्विस पे लगाया जाता है. इसमें हर वस्तु और सर्विस का टैक्स पहले से ही निश्चित होता है. इसमें बीच में कोई भी किसी प्रकार की धान्द्ली नहीं कर पाता है और इसके द्वारा मिला सारा टैक्स देश के हित के लिए सरकार के पास जाता है. इसमें कोई भी दुकानदार हमसे कितना भी पैसा नहीं ले सकता है इसकी एक सीमा है जो पहले से ही निश्चित की गयी है सरकार द्वारा.

VAT क्या है | मूल्य वर्धित कर क्या है !!

जब सरकार हमसे किसी भी वस्तु के खरीदने पे टैक्स बसूलती है तो उसे सेल्स टैक्स या बिक्री टैक्स कहते हैं. ये टैक्स सर्विसेज पे भी बसूला जाता है और भारत में इसे VAT कहा जाता है, VAT (वैल्यू एडेड टैक्स) को हिंदी में मूल्य वर्धित कर कहते हैं. VAT आमतौर पर किसी भी वस्तु या सेवा पे लगाया जाता है. इसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार अनुमति देती है. ये वस्तु के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पे भी लगाया जाता है.

Difference Between GST & VAT in Hindi !!

GST और VAT में अंतर | Difference between Good and Sales tax and Vat in Hindi !!

# GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) है और VAT (वैल्यू एडेड टैक्स) है.

# GST को एक निश्चित प्रतिशत में ही लगाया जाता है जबकि VAT कितना भी लगाया जाता है.

# GST सभी वस्तु और सेवा की पहले से ही निश्चित की गयी है जो रसीद में दिख जाती है की इतना प्रतिशत GST लगाया गया है. जबकि VAT हम नहीं बता सकते हैं कितना अधिक लगाया गया है.

# GST पूर्णतः Online है VAT offline है.

# GST ग्राहकों के लिए अच्छा है VAT दुकानदारों के लिए अच्छा था.

# GST में ग्राहकों के साथ पारदर्शिता बनी रहती है जबकि VAT में नहीं।

# GST में आया हुआ सारा पैसा सरकार को देश के हित के लिए सरकार को मिल जाता है जबकि VAT में नहीं पता चल पता है की ग्राहकों से कितना टैक्स लिया गया और सरकार को कितना बापस किया गया.

तो दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी और आपके कितना काम आयी और इससे आपने कितने हद तक सीखा हमे नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अवश्य बताये और साथ ही में यदि कोई सवाल या सुझाव भी हो तो हमे बताना न भूले हमे बहुत ख़ुशी होगी आपकी समस्याओं का समाधान कर के.

Ankita Shukla

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