नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “First Party Insurance और Third Party Insurance” अर्थात “प्रथम पार्टी बीमा और तीसरी पार्टी बीमा” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “प्रथम पार्टी बीमा और तीसरी पार्टी बीमा क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. बीमा आज के समय में एक बहुत अच्छी सुविधा बन चुकी है, सभी नागरिकों के हित में होती हैं और इनके अनेकों प्रकार होते हैं. लेकिन आज हम आपको प्रथम पार्टी बीमा और तीसरी पार्टी बीमा के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं. तो अधिक समय न नष्ट करते हुए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
फर्स्ट पार्टी बीमा क्या है | What is First Party Insurance in Hindi !!
फर्स्ट पार्टी बीमा (First party insurance) वह व्यक्ति होता है, जिसका बीमा किया गया होता है या यूँ कहें तो जो बीमा होल्डर होता है. जब कोई व्यक्ति किसी भी चीज का बीमा कराता है, तो उसे फर्स्ट पार्टी बीमा (First party insurance) के नाम से जाना जाता है. इन्हे किसी चोट या दुर्घटना या किसी अन्य (तृतीय पक्ष) या स्वयं के कारण हुई क्षति की स्थिति में उनके बीमाकर्ता (दूसरी पार्टी) द्वारा भुगतान किया जाता है। ये आप, हम कोई भी हो सकता है मतलब यदि आपने अपना बीमा कराया है, तो आप फर्स्ट पार्टी बीमा (First party insurance) कहलायेंगे.
थर्ड पार्टी बीमा क्या है | What is Third Party Insurance in Hindi !!
थर्ड पार्टी बीमा (Third party insurance) जिसे हम लायबिलिटी कवर के नाम से भी जानते हैं. ये बीमाधारक (insurance holder) को आर्थिक नुकसान से बचाता है। नया वाहन खरीदने के साथ ही वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य होता है. इसे सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2018 से सभी नए वाहनों के खरीदने के साथ ही पांच साल के लिए अनिवार्य कर दिया है।
यह बीमा का तीसरा मुख्य भाग होता है, इसलिए हम इसे थर्ड पार्टी बीमा के नाम से भी जानते हैं. मुख्य रूप से वाहनों के बीमा के लिए बनाया गया है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम आमतौर पर किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जो न तो पॉलिसीहोल्डर (प्रथम पक्ष) हो या बीमा कंपनी (दूसरा पक्ष)।
इस प्रकार का बीमा तीसरे पक्ष से जुड़ा होता है, यदि आपने किसी वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराया है और फिर किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो तीसरी पार्टी को बीमा कंपनी (सेकंड पार्टी) क्लेम देती है। ये उस स्थिति के लिए होता है, जहाँ फर्स्ट पार्टी वाहन चलाने वाला और थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला व्यक्ति होता है। ये बीमा इसलिए बनाया गया है कि यदि आपके वाहन की चपेट में कोई अन्य व्यक्ति (तीसरा पक्ष) आता है, तो वो व्यक्ति आपकी बीमा कंपनी से आपके बीमा के लिए क्लेम कर सकता है. इस नियम को सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का नाम दिया है, जिससे बीमा वाहन मालिक आर्थिक नुकसान से बचता है.
Difference between First party and Third party insurance in Hindi | फर्स्ट पार्टी बीमा और थर्ड पार्टी बीमा में क्या अंतर है !!
# फर्स्ट पार्टी बीमा वो होता है जिसने अपने वाहन का बीमा कराया होता है और थर्ड पार्टी बीमा वो होता है जो न बीमा होल्डर है और न बीमा कंपनी.
# फर्स्ट पार्टी बीमा किसी चोट या दुर्घटना या किसी अन्य (तृतीय पक्ष) या स्वयं के कारण हुई क्षति की स्थिति में उनके बीमाकर्ता (दूसरी पार्टी) द्वारा भुगतान किया जाता है जबकि थर्ड पार्टी बीमा, बीमाधारक (insurance holder) को आर्थिक नुकसान से बचाता है.
# फर्स्ट पार्टी अर्थात बीमा वाहन मालिक और थर्ड पार्टी अर्थात जिस व्यक्ति को फर्स्ट पार्टी के वाहन द्वारा नुकसान हुआ हो.
# थर्ड पार्टी बीमा में यदि बीमा वाहन मालिक (फर्स्ट पार्टी) के वाहन से कोई दुर्घटना किसी अन्य व्यक्ति के साथ हो जाती है, तो थर्ड पार्टी इस थर्ड पार्टी बीमा के तहत फर्स्ट पार्टी के बीमा कंपनी में क्लेम करता है और फिर सेकंड पार्टी (बीमा कंपनी) थर्ड पार्टी को क्लेम देती है.
# थर्ड पार्टी बीमा, फर्स्ट पार्टी को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाया गया है.
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