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(Culture & Civilization) संस्कृति और सभ्यता में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “संस्कृति और सभ्यता” के बारे में बताने जा रहे हैं. कुछ लोग अधिकतर संस्कृति और सभ्यता को एक ही मान लेते है. ये एक दूसरे से काफी हद तक जुड़े हैं, और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं. लेकिन ये दोनों एक नहीं है. ये समझ लीजिये कि एक यदि पुष्प है तो दूसरा उसकी खुसबू. तो चलिए इसी पुष्प और उसकी खुसबू अर्थात “संस्कृति और सभ्यता” की बात करते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि “संस्कृति और सभ्यता क्या है और इनमे क्या अंतर है?”. लेकिन इसे बताने से पहले हम आपको अपने पाठकों से जुडी कुछ जानकारी देना चाहते हैं.

दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जानकारी लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उत्तपन्न हुए प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे users हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट द्वारा इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का उत्तर अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

संस्कृति क्या है | What is Culture in Hindi !!

संस्कृति क्या है | What is Culture in Hindi !!

संस्कृति किसी भी समाज के गहराई तक व्याप्त गुणों के समग्र रूप को कहते हैं. जो समाज के खाने, पीने, बोलने, सोचने, विचारने, कार्य करने, नृत्य, गायन, साहित्य, कला, वास्तु, आदि के द्वारा व्यक्त होती है. संस्कृति का मूल अर्थ वर्तमान में किसी समाज के दीर्घ काल तक अपनायी गयी परम्परा और पद्धतियों का परिणाम होता है. संस्कृति को मापना मुश्किल होता है क्यूंकि ये दिखने वाली कोई बाहरी वस्तु नहीं बल्कि अपनाये गए आंतरिक सोच होती है.

सभ्यता क्या है | What is Civilization in Hindi !!

सभ्यता क्या है | What is Civilization in Hindi !!

सभ्यता अर्थात civilization का प्रयोग हम मानव समाज में मानव के जीवन यापन के तरीके और सुख सुविधा को दर्शाने के लिए करते है. जितने भी सभ्य लोग होते हैं तो उनके रहने के तरीके को भी हम सभ्यता की श्रेणी में रख देते हैं. अर्थात सभ्य लोग अधिकतर उन्नत कृषि, लंबी दूरी के व्यापार, व्यावसायिक विशेषज्ञता और नगरीकरण आदि को अपनी जीवन यापन के लिए अपनाते है. इतना ही नहीं सभ्यता को अन्य तरीकों से भी व्यक्त किया जाता है जैसे कि: यातायात व्यवस्था, लेखन, मापन के मानक, संविदा एवं नुकसानी पर आधारित विधि-व्यवस्था, कला के महान शैलियों, स्मारकों के स्थापत्य, गणित, उन्नत धातुकर्म एवं खगोलविद्या, आदि के द्वारा।

Difference between Culture and Civilization in Hindi | संस्कृति और सभ्यता में क्या अंतर है !!

संस्कृति का मूल रूप मानव के संस्कार और जीवन की आंतरिक वस्तुओं से व्यक्त होता है वही सभ्यता का मूल रूप मानव के जीवन यापन की बाहरी वस्तुओं से है.

सभ्यता को मापना आसान है लेकिन संस्कृति दिखती नहीं है इसलिए इसका आकलन करना सम्भव नहीं.

# सभ्यता की उन्नति अल्पकालिक होती है जबकि संस्कृति की उन्नति पीढीओं से चलती आती है.

# सभ्यता का प्रसार तीव्रता के साथ होता है जबकि संस्कृति का प्रसार धीरे धीरे और लम्बे समय तक होता है.

# संस्कृतिक वस्तु में कोई प्रतियोगिता नहीं होती है जबकि सभ्यता में प्रतियोगिता बहुत महत्व रखता है.

# सभ्यता साधन द्वारा परिभाषित होता है जबकि संस्कृति साध्य द्वारा.

# कोई भी संस्कृति तब ही सभ्यता बन सकती है जब उसके पास लिखित भाषा, श्रम विभाजन आदि मौजूद हो.

# संस्कृति गहराईओं द्वारा बनाई गयी होती है जबकि सभ्यता में गहराई का कोई अर्थ ही नहीं.

# सभ्यता हमारी स्थिति को व्यक्त करती है जबकि संस्कृति हमारे संस्कार को व्यक्त करती है.

# सभ्यता को अपने अनुसार सुधारा जा सकता है लेकिन संस्कृति को नहीं सुधारा जा सकता है.

# सभ्यता बाहरी व्यवहार को दर्शाती है और संस्कृति आंतरिक व्यवहार को दर्शाती है.

हम उम्मीद करते है कि आपको हमारे द्वारा मिली जानकारी पसंद आयी होगी और आपके इससे काफी सहयोग भी मिला होगा. यदि फिर भी किसी प्रकार की कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखती है या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव होते है, तो वो भी आप हमसे पूछ व बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उन सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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