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CRR और SLR में क्या अंतर है !!

हेलो दोस्तों…आज के लेख की यदि बात की जाये तो आज का लेख CRR और SLR पे बनाया गया है जिसमे CRR और SLR क्या होता है इसकी संक्षिप्त जानकारी देंगे और साथ ही दोनों में अंतर बताएंगे. वैसे तो ये वाणिज्य का विषय है लेकिन हम कोशिश करेंगे कि हम इसे इस प्रकार लिखे कि हर किसी को ये समझ में आ जाये.

CRR क्या है | What is CRR in Hindi !!

देश में कुछ बैंक के नियम बनाये गए हैं जिनमे एक नियम यह है कि हर बैंक को कुल जमा नकद राशि का कुछ निश्चित हिस्सा रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया के पास रखना अनिवार्य है. जिसे Cash Reserve Ratio (CRR) कहा जाता है. ये इसलिए नियम बनाया गया है जिससे जिस व्यक्ति का अधिक पैसा जमा हो और वो किसी आपातकालीन स्थिति में अधिक पैसा बैंक से निकालना चाहे तो बैंक उसे झूट बोल के मना न कर पाए की उसके पास पैसे नहीं हैं.

ये एक अच्छा साधन होता है रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पास जिसके द्वारा बिना रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव किये बाजार से नकदी की तरलता को कम कर सकता है।यदि CRR में वृद्धि की जाती है तो बैंकों को अपनी जमा धन राशि का बड़ा हिस्सा RBI के पास जमा करना होता है. जिससे बैंक को लोन देने के लिए कम धन राशि बचती है. इसी का उल्टा बोला जाये तो जब बाजार की नकदी में इजाफा करना होता है तब RBI, CRR को घटा देती है. CRR में किसी भी प्रकार का बदलाव तब किया जाता है जब बाज़ार में नकदी की तरलता पर तुरंत कोई फर्क न डालना हो. क्यूंकि बाजार को सबसे अधिक असर CRR से ही पड़ता है.

SLR क्या है | What is SLR in Hindi !!

एसएलआर (SLR) की फुल फॉर्म “स्टैचुटरी लिक्विड रेश्यो” है, इसमें बैंको में कितना धन रखना चाहिए इस बात को बताता है. इसमें नियम के अनुसार रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक निर्देश देती है सभी बैंको को कि उन्हें एक निश्चित अनुपात का धन राशि, सोना या अन्य मूलयवान चीजें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बॉन्डों में निवेश करना होता है. जिससे की कोई भी बैंक उधार देने की एक लिमिट बनाये और अधिक उधार न दे।

Difference Between CRR & SLR in Hindi !!

CRR और SLR में क्या अंतर है !!

# CRR में बैंक को एक निश्चित धन राशि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पास जमा करनी होती है जबकि SLR में बैंक को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के निर्देश के अनुसार एक निश्चित अनुपात में लोगों द्वारा जमा कराई गयी धन राशि, सोना, और भी मूलयवान चीजों का निवेश सरकार द्वारा चलाई गयी ब्रांड में करना होता है.

# CRR लोगों को उनका पैसा उनकी जरूरत के समय मिल जाये इस लिए बनाया गया है और एसएलआर का काम बैंक द्वारा दिए गए लोन की सीमा पे नियंत्रण रखना है.

# CRR वर्तमान में 5% है और SLR 24% जिसे RBI 40% तक बढ़ा सकती है.

# CRR और SLR दोनों RBI के द्वारा बैंक की आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए हैं.

# CRR नगर आरक्षित अनुपात है जो बैंक की धन राशि या धन के % को दर्शाता है और एसएलआर वैधानिक तरलता अनुपात है जो धन, सोना, चांदी आदि का % बताता है.

# CRR अर्थव्यवस्था में तरलता को नियंत्रित करता है और एसएलआर देश में ऋण विधि को नियंत्रित करता है.

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Ankita Shukla

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