नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको बताने जा रहे हैं “लेनदार और देनदार” अर्थात “Creditor and Debtor” के बारे में. इसमें हम आपको बताएंगे कि “लेनदार और देनदार क्या है और इनमे क्या अंतर है?”. दोस्तों कई लोगों को ये समझने में दिक्क्त होती है कि आखिर “Difference between Creditor and Debtor” अर्थात “लेनदार और देनदार में क्या अंतर है ?”. इसलिए आज हम आपको यही समझाने की कोशिश करेंगे अपने ब्लॉग में. लेकिन इसे बताने से पहले हम आपको अपने पाठकों के विषय में कुछ जानकारी देना चाहते हैं.
“दोस्तों हम जो भी जानकारी अपने वेबसाइट पे लेके आते हैं. वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठे सवालों के उत्तर होते हैं. जो हमे तब पता चलते हैं जब आप सब द्वारा हमे नीचे कमेंट बॉक्स में सवालों के कमेंट आये हुए होते हैं. जिनके जबाब हो सकता है थोड़ा विलम्ब से आपको मिले। लेकिन हम उनके जबाब आपको अवश्य देते हैं. इसलिए यदि आपके मन में और भी प्रश्न हो तो आप हमसे पूछ सकते हैं”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.”
सूची
लेनदार क्या है | What is Creditor in Hindi !!
जब हम कोई सामान किसी को बिना रकम लिए बेचते. तो उस केस में हमारे सामान की रकम उधार मानी जाती है. और जो उस सामान को खरीदता है उधारी पे, उसे हम लेनदार क्या Creditor कहते है. जो सामान की रकम कुछ समय बाद देने का वादा करता है.
उदाहरण: जैसे कि एक कम्पनी ने अपने फ़ोन किसी को बेचे और उसका पैसा अभी न मिल के कुछ समय बाद मिलेगा। तो वो पैसा अभी उधार किया गया है और जिसे फ़ोन बेचे हैं. उस खरीददार को हम Creditor और लेनदार कह सकते हैं.
देनदार क्या है | What is Debtor in Hindi !!
जब हम किसी दुकान से सामान लेते हैं और उस समय पैसे न देके उधार कर देते हैं. तो जो दुकानदार हमे सामान उधारी पे देता है. वो देनदार या debtor कहलाता है.
जैसे हम बैंक से लोन लेते हैं तो उस केस में किसी सामान का लेनदेन नहीं हुआ होता है. इसलिए हम बैंक को debtor और खुद को Creditor नहीं कह सकते। इस प्रक्रिया को बैंक लोन कहा जाता है.
Difference between Creditor and Debtor in Hindi | लेनदार और देनदार में क्या अंतर है !!
# लेनदार एक उधार लेने वाला व्यक्ति होता है जो सामान उधारी पे लेता है और देनदार उधार पे सामान देने वाला व्यक्ति होता है.
# लेनदार (Creditors) और देनदार (Debtors) कहलाते हैं.
# बैंक से लोन लेते समय ये उन्हें देनदार या हम खुद को लेनदार नहीं कह सकते, क्यूंकि इसमें सामान का लेनदेन नहीं हुआ रहता है.
# किसी भी Debtors के Creditors उसके एसेट्स कहलाते हैं.
# कोई भी व्यक्ति सामान लेके यदि उधार करता है तो वो Creditor होता है और जो सामान देके के उधार करता है जिसे बाद में सामान का पैसा मिलना होता है उसे हम Debtors कहते हैं.
उम्मीद है दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी काफी पसंद आयी होगी. और यदि कोई त्रुटि आपको हमारे ब्लॉग में दिखाई दे या कोई मन में सुझाव या सवाल हो तो आप हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे आप की उम्मीदों पे खरा उतरने की. धन्यवाद !!