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BIOS और CMOS में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको computer के दो भाग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमे पहला है BIOS और CMOS। ये वैसे तो इनका काम computer को स्टार्ट करना होता है लेकिन इनमे अंतर कैसे किया जाये और कौन कब प्रयोग किया जाता है इन सबका भी जबाब हमारे पास होना ही चाहिए। इन सब बातों को सोचते हुए हमने इस टॉपिक पे लेख लिखा है जिसमे हम इससे जुडी कुछ जानकारी आपको देना चाहएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक।

BIOS क्या है | What is BIOS in Hindi !!

BIOS की फुल फॉर्म अर्थात पूरा नाम Basic Input Output System होता है जो कंप्यूटर का अहेम हिस्सा होता है. ये मुख्य रूप से Computer Boot Process Start-up अर्थात कंप्यूटर को स्टार्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है. साथ ही ये सभी इनपुट और आउटपुट डिवाइस को कॉन्फ़िगर भी करता है. कंप्यूटर को बायोस के द्वारा ही पता चलता है कि आउटपुट क्या है और इनपुट क्या है. BIOS Software Motherboard में लगाए गए EEPROM(Electrically Erasable Programmable ROM) ROM Chip पर स्टोर किया जाता है.

CMOS क्या है | What is CMOS in Hindi !!

CMOS का पूरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor है जो की एक प्रकार की बैटरी होती है. जिसका कार्य BIOS में उपस्थित सभी सेटिंग को सिक्योर करना है. समोस द्वारा ही BIOS, Computer Booting Process को स्टार्ट करता है. जब कभी Computer का CMOS बैटरी खराब हो जाती है तो plugin करने के बाद जब कंप्यूटर स्टार्ट होता है तो वो पहले से अधिक समय लेता है. आपको भी पता ही होगा की जब कंप्यूटर बंद हो जाता है तो उसके समय में कोई परिवर्तन नहीं आता और जब वो स्टार्ट किया जाता है दोबारा तो उसका समय सही दिखता है और ये कम या ज्यादा नहीं होता है इसकी सेटिंग BIOS में होती है जिसे CMOS बैटरी से चलाया जाता है.

BIOS and CMOS Difference in Hindi | BIOS और CMOS में क्या अंतर है !!

# BIOS का पूरा नाम Basic Input Output System है और CMOS का पूरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor है.

# BIOS का काम कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट को कॉन्फ़िगर कराना, सारी सेटिंग को स्टोर रखना और कंप्यूटर को स्टार्ट करना है जबकि CMOS का काम बैटरी के रूप में BIOS की सारी सेटिंग को सिक्योर करना है.

# CMOS बैटरी काफी छोटी होती है जो motherboard पे लगी होती है जबकि BIOS Software Motherboard में लगाए गए EEPROM(Electrically Erasable Programmable ROM) ROM Chip पर स्टोर होती है.

# इनका काम एक दूसरे के बिन अधूरा होता है लेकिन यदि CMOS खराब हो जाये तो BIOS फिर भी काम करता है लेकिन BIOS खराब होने पे CMOS बिलकुल बेकार हो जाता है.

# CMOS पे CR2032 सेल बैटरी द्वारा पॉवर दिया जाता है जिसे CMOS बैटरी भी कहते हैं और BIOS को पावर CMOS से मिलती है.

# CMOS किसी प्रकार का डाटा स्टोर नहीं करती लेकिन ये इस बात का ध्यान रखती है कि जब कंप्यूटर बंद हो जाता है फिर भी कि CMOS चिप को पावर मिलती रहे जिससे कोई भी डाटा लॉस्ट न हो जबकि BIOS उन सारे डाटा को स्टोर करता है.

# CMOS का पहला काम कंप्यूटर बंद होने के बाद भी क्‍लॉक को चलते रहने देना है इसीलिए जब कंप्यूटर बंद करके दोबारा स्टार्ट किया जाता है तो टाइम और तारीख सही होती है और ये सारी सेटिंग BIOS के द्वारा होती है.

# CMOS को अन्य नामो से भी जाना जाता है जैसे कि Real-Time Clock (RTC), Non-Volatile RAM (NVRAM) या CMOS RAM आदि जबकि BIOS को Computer Boot Process Start-up के रूप में जाना जाता है.

हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्टि होगी अगर आप इससे और अधिक जानकारी जानना चाहते हैं तो हमें कमेंट कर के जरूर बताएं और हमारे आलेख में अगर आपको कोई गलती मिलती है तो वह भी हमें कमेंट करके जरूर बताएं ताकि आगे आने वाली जानकारी में आपको बेहतरीन जानकारी उपलब्ध करवा पाएं।

Ankita Shukla

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