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BPO और कॉल सेंटर में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों। …आज हम आपको बिजनेस से जुड़े दो process के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमे पहला BPO और दूसरा कॉल सेण्टर हैं. लोग अक्सर जब काम की तलाश में जाते हैं तो बहुतों के सामने दो विकल्प आते हैं जिसमे पहला BPO और दूसरा कॉल सेण्टर होता है. यदि लोगों को अच्छे से जानकारी नहीं होती है तो लोग BPO के स्थान पे कॉल सेण्टर और कॉल सेण्टर के स्थान पे BPO ज्वाइन कर लेते हैं जिसमे उन्हें बाद में पता लगता है कि वो उस फील्ड में कम्फर्टेबल नहीं है. इसलिए मेरे हिसाब से लोगों को ये पता होना चाहिए कि दोनों में आखिर अंतर क्या होता है और कौन सा उनके लिए अच्छा होगा इसलिए आज हम आपको ये बताएंगे कि दोनों में क्या अंतर है और कौन सा आपके लिए सही रहेगा.

BPO क्या है | What is BPO in Hindi !!

BPO की फुल फॉर्म “बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग” है जो की एक organization के रूप में कार्य करती है और इसका मुख्य उद्देश्य अपनी सेवा को दूसरी organization के साथ साझा करना और उससे बिज़नेस को आगे बढ़ाना और लाभ दिलाना होता है। इसके जरिये लोग अपने बिज़नेस की productivity को बढ़ाते हैं. ये अधिकतर बिज़नेस to बिज़नेस प्रोसेस होती है.

BPO टास्क, मनुफैक्टर प्रोडक्ट की रेंज और कस्टमर केयर सर्विस जैसी सुविधाओं पर फोकस करती है. इसमें अधिकतर दो तरह से काम करते हैं बैक ऑफिस और फ्रंट ऑफिस ऑपरेशन के रूप में. ये एक प्रकार की प्रोसेस पे काम करता है जहां कई सारे लोग स्पेसिफिक बिज़नेस के लिए काम करते हैं.

कॉल सेंटर क्या है | What is Call Center in Hindi !!

कॉल सेण्टर प्रकार से BPO का हिस्सा होता है जहां लोग कॉल के जरिये ही सारा काम करते हैं. जहां एक हर कोई कॉल करता व रिसीव करता है अपनी प्रोसेस को समझाने और दूसरे की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए. कॉल सेण्टर का मुख्य उद्देश्य लोगो की परेशानियों को सुनना, उन्हें दूर करना और अपनी सेवा और ब्रांड का प्रमोशन कॉल के जरिये करना. हर कंपनी का अपना बपो और कॉल सेंटर होता है.

Difference between BPO and Call Centre in Hindi | BPO और कॉल सेंटर में क्या अंतर है !!

# BPO एक आर्गेनाइजेशन की तरह काम करता है जो बिज़नेस की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए होता है ये बिज़नेस में मनुफैक्टर प्रोडक्ट की रेंज, कस्टमर को सर्विस और बिज़नेस के लाभ को ध्यान में रखते हुए काम करती है जबकि कॉल सेंटर BPO का हिस्सा होता है जो फ़ोन कॉल के जरिये होता है जिसमे कस्टमर की समस्याओं को दूर करना और अपने प्रोडक्ट का प्रमोशन करना शामिल है.

# BPO ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से हो सकता है जबकि कॉल सेंटर ऑफलाइन अर्थात कॉल के जरिये ही संभव है.

# कॉल सेंटर एक तरह से क्लाइंट के साथ बिजनेस को बनाये रखने का तरीका होता है जबकि BPO अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने का तरीका होता है.

# BPO में मेल, डॉक्यूमेंट, कॉल्स, मीटिंग आदि सब कुछ आता है जबकि कॉल सेण्टर में केवल कॉल उठाना और कॉल करना शामिल होता है.

# BPO में लोग अपने बिज़नेस पे फोकस करते हैं और कॉल सेण्टर में भी बिज़नेस पे ही फोकस करते हैं लेकिन इसमें मुख्य उद्देश्य अपने ग्राहक को खुश रखना, उनकी दिक्क्तों को दूर करना और उन्हें नई सर्विस से अवगत कराना होता है.

# BPO में आपकी अंग्रेजी अच्छी होनी चाहिए और आपको अच्छे से कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए जबकि कॉल सेण्टर में कंप्यूटर की बेसिक जानकारी और बोलने में फ्लुएंटली होनी चाहिए.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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