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बैंक दर और रेपो दर में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको बताने जा रहे हैं “Bank rate और Repo rate” क्या होता है और इनमे क्या अंतर होता है. दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जबाब लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठने वाले प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे पाठक हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का जबाब अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

बैंक दर क्या है | What is Bank Rate in Hindi !!

Bank rate बैंक दर वह दर है जिस पर बैंक रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से दीर्घकालिक ऋण ले सकते हैं और इस्पे रिजर्व बैंक कुछ छूट भी देती है. बैंक दर में सिक्योरिटी देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

रेपो दर क्या है | What is Repo Rate in Hindi !!

जब कोई कमर्शियल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से एक निश्चित दर पे कुछ सिक्योरिटी को गिरवी रख के कुछ राशि उधार लेती है. और बाद में बैंक एक निश्चित किये गए समय के बाद राशि को रेपो रेट या Repo rate के साथ चुका के अपनी सिक्योरिटी बापस ले लेती है. तो उस केस में जो रिजर्व बैंक को दूसरी बैंक द्वारा अधिक पैसा देना होता है उसे ही repo rate या रेपो दर कहते हैं.

Difference between Bank rate and Repo rate in Hindi | बैंक दर और रेपो दर में क्या अंतर है !!

# बैंक दर (Bank Rate) में रिजर्व बैंक अन्य बैंक को दीर्घकालिक ऋण देता है और इसमें कुछ छूट भी देता है. जबकि रेपो दर (Repo Rate) रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा लगाया गया ब्याज दर है जो वो और बैंको पे लगाती है जब अन्य बैंक रिजर्व बैंक से राशि उधार लेते हैं एक अल्प समय के लिए.

# बैंक दर कमर्शियल बैंक पे लगाया गया ब्याज है जो लम्बे समय में चुकाना होता है और रेपो दर रिजर्व बैंक द्वारा दूसरी बैंक पे लगाया गया ब्याज दर है जो एक निश्चित समय में चुकाना होता है.

# बैंक दर पे RBI को अन्य बैंक द्वारा किसी सिक्योरिटी को देने की आवश्यकता नहीं होती है जबकि रेपो दर में RBI के पास अन्य बैंक को सिक्योरिटी रखनी पड़ती है.

# क्यूंकि RBI के ऊपर पूरे देश की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है इसलिए RBI को कुछ कड़े नियम बनाने पड़ते हैं जिनसे अन्य बैंक एक सीमा तक ही उधार ले और दें.

# उदाहरण: बैंक दर: जैसे कि आपको कुछ राशि की जरूरत है तो आपने अपने मित्र से मांगे और उसने आपको पैसे दे दिए और बोला कि तुम ये पैसा मुझे कभी भी वापस कर सकते हो और जब तक नहीं वापस कर रहे हो तब तक तुम मुझे १०% इस राशि का हर महीना देते रहना। तो इसमें जो १०% है वो बैंक दर है.

# उदाहरण: रेपो दर: जैसे आपको पैसे की जरूरत है और आप एक स्वर्णकार के पास गए और उनसे कुछ रुपए उधार मांगे. स्वर्णकार आपको पैसे देने को तैयार है लेकिन भरोसे के लिए कुछ सिक्योरिटी मांगता है तब आप अपनी अंगूठी वहां सिक्योरिटी के रूप में रख देते हैं. और एक निश्चित समय पे पैसे वापस देने और अपनी अंगूठी वापस लेने का एग्रीमेंट साइन करते हैं. जिसमे ये भी होता है कि आपको इतना ब्याज भी देना होगा। तो इस स्थिति में जो ब्याज की दर होगी वो असल में रेपो दर है.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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