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देवकीनंदन ठाकुर जी कौन है !!
श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी एक धार्मिक गुरु हैं जो भगवान कृष्ण की लीला का व्याख्यान बड़ी सरलता के साथ करते हैं और इनकी मधुर आवाज सभी का मन मोह लेती है. ये कथा के साथ मधुर भजन भी करते हैं जिन्हे सुन के सभी भक्त खुद को रोक नहीं पाते और भगवान की भक्ति में लीन होके नाचने लगते हैं. इनकी कथा सुनने लोग दूर दूर से आते हैं और भारी मात्रा में भक्तों का मेला लगता है. इन्हे ठाकुर जी महाराज नाम से भी सम्बोधित किया जाता है. ये अपनी कथा में भगवत गीता की बात करते हैं.
देवकीनंदन ठाकुर जी की जीवनी | Devkinandan Thakur ji Biography in Hindi !!
असली नाम: देवकीनंदन ठाकुर
उपनाम: ठाकुर जी
व्यवसाय: धार्मिक गुरु, भगवत गीता प्रवक्ता
जन्मदिन: 12 सितंबर 1978
जन्मस्थान: ओहावा गांव, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत
राशिनाम: मकर
धर्म: हिन्दू
राष्ट्रीयता: भरतीय
शौक: पढ़ना
घर: मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत
पता: मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत
देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी जाति क्या है | Devkinandan Thakur ji Caste !!
ब्राह्मण
देवकीनंदन ठाकुर जी की शिक्षा | Devkinandan Thakur ji Education !!
स्कूल: निंबार्क संप्रदाय
कॉलेज / यूनिवर्सिटी: निंबार्क संप्रदाय
शैक्षिक योग्यता: वैदिक ज्ञान
देवकीनंदन ठाकुर जी का परिवार | देवकीनंदन ठाकुर जी फैमिली !!
पिता : राजवीर शर्मा
माता : पता नहीं
भाई : पता नहीं
बहन : पता नहीं
वैवाहिक स्थिति : कुंवारे
पत्नी : कोई नहीं
शादी की तारीख : कोई नहीं
बच्चे : कोई नहीं
देवकीनंदन ठाकुर जी के रोचक तथ्य | Devkinandan Thakur Ji Facts in Hindi !!
# इनका जन्म मथुरा के गांव ओहावा में हुआ. इनके माता पिता दोनों धार्मिक थे और ये उनकी दूसरी संतान थे.
# इनका परिवार एक ब्राह्मण परिवार था.
# इन्हे ठाकुर जी के नाम से भी जाना जाता है.
# ये श्री राधा सर्वेश्वरजी के बहुत बड़े भक्त हैं.
# ये कथा के लिए भारत में ही नहीं बल्कि बाहर के देशों में भी जाते रहते हैं.
# बचपन में ही इनके अंदर दिव्य अंतर्दृष्टि और महानता के लक्षण दिखने शुरू हो गए थे जिसे इनके माता पिता ने जल्दी जान लिया.
# जब ये 6 वर्ष के थे तो इन्होने अपना घर छोड़ श्रीधाम वृंदावन को अपना घर बनाया. जहां ये बृज के प्रसिद्ध रसाली संस्थान का हिस्सा बने.
# इन्होने कई बार भगवान राम और भगवान कृष्ण का रूप धारण कर नाट्य भी किये.
# उसी दौरान इनकी मुलाकात सद्गुरु अनंत श्री विभुतीत भागवत आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्रीजी से हुई.
# उस के उपरांत इन्होने अपनी शिक्षा निंबार्क संप्रदाय से ली. जहाँ इन्हे आध्यात्मिक शिक्षा का ज्ञान मिला.
# जब ये 13 वर्ष के थे तब इन्होने पूरी श्रीमध भागवत महापुरान को सिख लिया था.
# ये रोजाना श्रीमध भागवत महापुरान का पाठ करने के बाद ही भोजन ग्रहण करते थे और इसी प्रकार रोजाना के पाठ से ही इन्होने पूरी श्रीमध भागवत महापुरान को याद कर लिया था.
# इन्होने कई प्राचीन ग्रंथों का भी अध्ययन किया और उन्हें अपनी आत्मा तक उतार लिया।
# उनकी शिक्षा के दौरान ही इनका नाम श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज रखा गया था.
# इनके अंदर के प्रवक्ता को पहचानते हुए इन्हे एक प्रवक्ता का भार सौपा गया.
# इन्होने अपने अनुयायी 18 वर्ष में ही पाना शुरू कर दिया था जब लोगों ने दिल्ली के शाहदरा के श्रीराम मंदिर में श्रीमद भागवत महापुरान की शिक्षाओं का इन्हे वर्णन करते देखा.
# भगवान राम कथा और भजन संध्या इनकी कथा के विशेष कार्यक्रम हैं.
# 2001 में ये पहली बार देश से बाहर अपनी कथा के लिए गए. ये अभी तक हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे और हॉलैंड जैसी जगहों में अपने शब्दों से भगवान के बारे में लोगों को बता चुके हैं.
देवकीनंदन ठाकुर जी का सम्पर्क विवरण !!
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देवकीनंदन ठाकुर जी फोटो गैलरी !!