जया किशोरी जी भगवान कृष्ण के एक बड़ीभक्त हैं इनकी मधुर आवाज सभी भक्तों को बहुत आकर्षित करती है. इनके मधुर भजन सभी को इनके प्रवचन सुनने के लिए आकर्षित करते हैं. ये भगवान कृष्ण के मधुर भजनों को सुनती है व उनकी राश लीलाओं को बड़े भाव के साथ सुनती हैं.
इनकी जन्म भूमि वो है जहां से कृष्णा की सबसे बड़ी भक्त मीरा का जन्म हुआ. मीरा के बारे में सभी हिन्दू धर्म के लोग बहुत अच्छे से जानते हैं. ये एक ऐसी महिला थी जिन्होंने अपना सारा जीवन कृष्ण को समर्पित कर दिया था.
व्यक्तिगत जीवन: उनका जन्म राजस्थान के पैतृक गांव में “पूज्य राधे श्याम जी हरितपाल” और “पूज्य गीता देवी हरितपाल” में हुआ था। वह ब्राह्मण परिवार से हैं.
जन्मस्थान: राजस्थान के पैतृक गांव
माता-पिता: पूज्य राधे श्याम जी हरितपाल “और” पूज्य गीता देवी हरितपाल
शिक्षा: महादेवी बिड़ला विश्व अकादमी
रहती हैं: कोलकाता
राष्ट्र: भारत
इनके दादा जी व इनकी दादी जी बहुत बड़े भक्त थे भगवन कृष्णा के और इनकी रूचि भगवन में उन्ही के सुनाये गयी कहानियों से आई. ये जब अपने दादा जी व दादी जी से कृष्ण के बारे में सुनती थी तो कुछ अलग ही महसूस करती थी. उसके बाद इन्होने यह निश्चय किया की ये अपना संपूर्ण जीवन भगवान कृष्ण के चरणों में व्यतीत करेंगी. इन्होने बहुत छोटी आयु में अपनी बहुत अच्छी छवि छोड़ी है भक्तों के बीच में.
इन्होने 5 वर्ष की आयु में सोच लिया था और भगवान की पूजा में लग गयी थी और भगवत गीता की अच्छी शिक्षा ली और अब ये पुरे देश में इसकी छाप छोड़ रही हैं. इन्होने अपने पूरा जीवन श्री श्याम चरित मानस, श्री कृष्णा लीला, श्री रानी सती दादी चारित्र्य, नानी बैरो मायरो को पढ़ने व सुनाने में लगा दिया है इन्होने दूसरे देशों में भी काफी ज्ञान बाटा है. और इसके द्वारा बहुत भक्त भी बनाए हैं दूसरे देशों में.