हेलो दोस्तों… आज हम आपके लिए एक मजेदार टॉपिक लेके आएं हैं जिसमे हम आपको बताएंगे की “कथनी और करनी में क्या अंतर होता है”. दोस्तों जो शब्द सुनने में एक से लगते हैं उनमे हमेशा हम फस जाते हैं कि किसको हम कहाँ पे इस्तेमाल कर सकते हैं. दोस्तों वैसे ही कुछ समान शब्दों में “कथनी और करनी” भी आता है जिसमे हम आसानी से अंतर नहीं कर पाते हैं इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इन दोनों में अंतर क्या होता है.
सूची
कथनी का अर्थ !!
कथनी का मतलब होता है कि जो शब्द हम अपने मुँह से निकालते हैं और उन्हें पूरा करने का दाबा करते हैं जैसे की: “मै कल दस गरीबों को भोजन कराऊंगा” ये बोला गया वाक्य कथनी कहलाती है. या सीधी भाषा में कहें तो किसी बात को बार कहने की प्रक्रिया कथनी का ही रूप होती है.
करनी का अर्थ !!
करनी का मतलब होता है किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य और उसके कर्म उसकी करनी कहलाती है. करनी और कथनी दोनों में कई अंतर होते हैं.
कथनी और करनी में क्या अंतर है !!
# कथनी किसी व्यक्ति द्वारा किसी काम को करने के लिए बोले वाक्य होते हैं. जबकि करनी किसी व्यक्ति द्वारा किया गया काम होता है.
# कथनी करनी की अपेक्षा आसान मानी जाती है.
# कथनी मुँह से बोले गए बचन हैं जबकि करनी दिल और शरीर द्वारा निभाय गए कार्य हैं.
# कथनी का उदाहरण: कल मै इस पहाड़ से कूद जाऊंगा। करनी का उदाहरण: मैंने आज एक बूढ़े की मदद की.
# कथनी में बोले गए शब्द सही हों आवश्यक नहीं लेकिन करनी में किया गया कार्य वास्तिविकता में हुआ रहता है.
# यदि बात राजनीति की करें तो रोजाना नेता वोट पाने के लिए कई प्रकार के वादे करते हैं जिन्हे हम कथनी कह सकते हैं. लेकिन वोट पाने के बाद वो सब भूल जाते हैं और अपने पैसे बनाने में लग जाते हैं जिसे हम नेताओं की करनी कह सकते हैं.
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