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वारंटी और गारंटी में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों..आज हम आपको “Warranty and Guarantee” अर्थात “वारंटी और गारंटी” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “वारंटी और गारंटी क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम जानते हैं कि गारंटी और वारंटी दोनों सामान को खराब होने पर दुकानदार द्वारा ठीक करने जैसी सुविधाएँ हैं. लेकिन दोनों में अंतर क्या होता है, आज हम आपको इसके विषय में बताने जा रहे हैं. क्यूंकि अक्सर लोग दोनों को एक दूसरे का पर्यावाची समझ लेते हैं. जो कि गलत होता है, इसलिए आज हम आपको दोनों के बीच के अंतर को समझाने की कोशिश करेंगे.

वारंटी क्या है | What is Warranty in Hindi !!

वारंटी क्या है | What is Warranty in Hindi !!

जब हम कोई सामान खरीदते हैं, तो हमे विक्रेता की ओर से एक विशेष प्रकार की सेवा दी जाती है, जिसके अंतर्गत ये आता है, कि एक विक्रेता हमे एक सीमित समय के लिए एक ऑफर देता है, जिसमे यदि आपका उत्पाद जिसके लिए वो ऑफर है, उसमें कोई खराबी आ जाती है, तो विक्रेता (दुकानदार/कम्पनी) बिना रिपेयरिंग के पैसे लिए आपका सामान ठीक कराकर देता है. इसे ही प्रोफेशनल लैंग्वेज में वारंटी कहा जाता है. लेकिन ये offer दिए गए समय तक ही वैलिड होता है. और इस ऑफर के लिए आपके पास या तो खरीदी गयी वस्तु का पक्का बिल हो या वारंटी कार्ड होना आवश्यक है.

गारंटी क्या है | What is Guarantee in Hindi !!

गारंटी क्या है | What is Guarantee in Hindi !!

इसमें भी जब हम कोई सामान खरीदते हैं, तो हमे विक्रेता की ओर से एक विशेष प्रकार की सेवा दी जाती है, जिसके अंतर्गत ये आता है, कि एक विक्रेता हमे एक सीमित समय के लिए एक ऑफर देता है, जिसमे यदि आपका उत्पाद जिसके लिए वो ऑफर है, उसमें कोई खराबी आ जाती है, तो विक्रेता (दुकानदार/कम्पनी) उस सामान को बदल कर आपको नया सामान देता है. इसे ही प्रोफेशनल लैंग्वेज में गारंटी कहा जाता है. लेकिन ये offer दिए गए समय तक ही वैलिड होता है. और इस ऑफर के लिए भी आपके पास या तो खरीदी गयी वस्तु का पक्का बिल हो या गारंटी कार्ड होना आवश्यक है.

Difference between Warranty and Guarantee in Hindi | वारंटी और गारंटी में क्या अंतर है !!

# वारंटी के अंदर विक्रेता ग्राहक का सामान ठीक करा के देता है और उसके पैसे नहीं लेता है वही दूसरी ओर गारंटी में विक्रेता खराब सामान को बदलकर नया सामान देता है और इसमें भी इसके कोई चार्ज नहीं होते.

# वारंटी के लिए ग्राहक को पहले विक्रेता से सामान की पक्की रसीद या वारंटी कार्ड लेना आवश्यक होता है वहीं दूसरी ओर गारंटी के लिए ग्राहक को पहले विक्रेता से सामान की पक्की रसीद या गारंटी कार्ड लेना आवश्यक होता है.

# दोनों ऑफर पर समय सीमा निर्धारित होती है, जिसके अंदर ही आपको ये दोनों सेवाएं प्राप्त हो सकती है.

# अब अधिकतर दुकाने या कंपनी गारंटी का प्रयोग कम करती हैं और वारंटी का प्रयोग अधिक करती हैं.

दोस्तों हम पूरी आशा रखते हैं, कि आपको हमारी जानकारी काफी हद तक पसंद आयी होगी और आपको इसके द्वारा अपने सवालों के जबाब भी प्राप्त हो गये होगे. साथ ही आपकी दुविधाओं का भी अंत हो गया होगा. यदि फिर भी आपको किसी प्रकार की दिक्क्त हुई हो तो हम क्षमाप्रार्थी हैं. बाकी आप अपने सुझाव हमे नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं. धन्यवाद!!

Ankita Shukla

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