नमस्कार दोस्तों, आज की आलेख में हम आपको भारत के एक बहुत ही प्रसिद्ध है टाटा मेमोरियल अस्पताल के बारे में बताने जा रहे हैं । इसको टाटा स्मारक केंद्र के नाम से भी जाना जाता है। टाटा स्मारक केंद्र भारत के महानगर मुंबई में परेल इलाके में स्थित है। यह भारत का बहुत ही बड़ा कैंसर के इलाज का अनुसंधान केंद्र है । टाटा स्मारक केंद्र भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अनुदान पर चलने वाला संस्थान है। आपको हम बता दें कि इस का एक अच्छा उदाहरण टीएमसी हो सकता है जिसके अंदर निजी परोपकार एवं सार्वजनिक लोगों की सहयोग को इतनी अच्छी तरह से एक साथ काम करके संपूर्ण किया जाता है । टाटा मेमोरियल अस्पताल भारत के अंदर कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या का एक तिहाई रोगियों का इलाज कर चुका है ।एक और खास बात है कि यहां पर प्राथमिक के लिए आने वाले तकरीबन 60 से 70 परसेंट रोगियों के लिए निशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध है । टाटा मेमोरियल अस्पताल विश्व के स्वास्थ्य मानचित्र का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है । टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की एक खास बात और है कि यह केंद्र भारत के अंदर केंसर के क्षेत्र में शिक्षा पर बहुत ज्यादा जोर देता है । इस अस्पताल में रोगों के इलाज के साथ साथ शिक्षा पर भी जोर दिया जाता है अर्थात यहां पर शिक्षण प्रशिक्षण का भी केंद्र स्थापित किया गया है। टाटा मेमोरियल अस्पताल में 250 से भी ज्यादा छात्रों, चिकित्सको , वैज्ञानिकों , और तकनीशियनो को प्रशिक्षण दिया जाता है।
भारत के अंदर भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग की तरफ से भारत और दक्षिण एशिया के लिए कैंसर में अनुसंधान पर जोर देने के लिए नई मुंबई में खारघर के अंदर एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट एंड एजुकेशन इन कैंसर नाम से एक बहु उपयोगी अनुसंधान और विकास केंद्र की स्थापना की गई है। टाटा मेमोरियल अस्पताल भारत के मुंबई महाराष्ट्र में बना हुआ है। इसके वित्त की व्यवस्था सरकार की तरफ से की जाती है। टाटा मेमोरियल अस्पताल की स्थापना 28 फरवरी 1941 में की गई थी।
सूची
टाटा मेमोरियल अस्पताल : कुछ महत्वपूर्ण तथ्य !!
सन 2008 के अंदर टाटा मेमोरियल अस्पताल में तकरीबन 52000 से भी ज्यादा रोगियों का इलाज किया गया था । उनमें से तकरीबन 65 से 75 प्रतिशत रोगियों का इलाज निशुल्क किया गया था । टाटा मेमोरियल अस्पताल के अंदर प्रतिदिन 150 से 200 रोगियों का इलाज किया जाता है।
टाटा मेमोरियल अस्पताल भारत के अंदर बहुत सी कैंसर केंद्रों से सहयोग प्राप्त करता है। उनमें से कुछ एक अस्पताल सिविल अस्पताल,तिरूवनंतपुरम, ग्वालियर और हैदराबाद स्थित क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, नागपुर,अहमदाबाद, शिलांग और जोरहट अस्पताल, जोरहट (असम) यह हैं।
टाटा मेमोरियल अस्पताल के अंदर तकरीबन 300 से भी ज्यादा स्नातकोत्तर और डायरेक्टर छात्र अध्ययनरत है। जहां पर इसका अपना विश्वविधालय भी बना हुआ है।
भारत की मुंबई की सैटेलाइट सिटी में 60 एकड़ में फैले हुए एसीटीआरईसी में एक क्लीनिक रिसर्च सेंटर और एक कैंसर के रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई है ।
टाटा मेमोरियल अस्पताल का इतिहास | Tata Memorial Hospital History in Hindi !!
टाटा मेमोरियल अस्पताल का बहुत पुराना इतिहास है इसका इतिहास तकरीबन 1932 से चला आ रहा है। सन 1932 के अंदर मेहरबाई टाटा जिनकी रक्त कैंसर के कारण मृत्यु हो गई थी तत्पश्चात उनके पति दोराबजी टाटा उस अस्पताल जैसी एक सुविधा भारत में लाना चाहते थे जहां पर बड़े से बड़े कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सके। दोराबजी टाटा कि कुछ समय बाद मृत्यु हो गई उसके बाद उनके उत्तर अधिकारियों ने उनकी इस प्रयास को कायम रखा और आगे बढ़ाना चाहा और वह इसमें सफल भी हो गए अंत के अंदर 28 फरवरी सन 1941 के अंदर मुंबई में परेल इलाके के पास में एक बहुमंजिला इमारत बनाई गई जोकि टाटा मेमोरियल अस्पताल के नाम से जानी जाती है। सन 1957 के अंदर भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार के लिए अस्थाई रूप से टाटा मेमोरियल अस्पताल को अपने अधीन कर लिया । इसके बाद सन 1962 के अंदर अस्पताल का पूर्ण प्रशासनिक का नियंत्रण भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन में कर दिया गया ।
यह अस्पताल तकरीबन 15000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है इसमें सबसे पहले मरीजों के लिए 80 बेड थे । लेकिन आज ही है बढ़कर 600 से भी ज्यादा हो गए हैं और इसका ऐरिया 15000 वर्ग मीटर से बढ़कर 70000 वर्ग मीटर से भी ज्यादा हो गया है । इसका वार्षिक टर्नओवर सन 1941 के अंदर ₹500000 का था लेकिन अब वह 120 करोड़ हो चुका है ।
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