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(Like & Love) पसंद और प्यार में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको “Like और Love” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि “Like और Love क्या है और इनमे क्या अंतर है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोई न कोई किसी न किसी चीज या व्यक्ति को पसंद जरूर करता है, तो वो लाइक करना या पसंद करना होता है. और जब कोई व्यक्ति किसी को सच्चे मन से खुश रखना चाहता है और उसकी ख़ुशी में ही खुद की ख़ुशी समझता है तो वो प्यार होता है. प्यार केवल किसी सजीव चीज से ही हो सकता है और पसंद सजीव व निर्जीव दोनों से हो सकता है.

पसंद करना क्या है | What to Like in Hindi !!

पसंद करना क्या है | What to Like in Hindi !!

जब हम किसी वस्तु या व्यक्ति की ऊपरी सुंदरता को देख के उससे प्रभावित हो जाते हैं. तो वो पसंद करना या Like करना होता है. जैसे कि पसंद तो हम हीरो हेरोइन को भी करते हैं. क्यूंकि हम उनके व्यक्तित्व को अच्छे से नहीं जानते बस उनकी ऊपरी सुंदरता को देख के हम कह देते हैं, कि हमे वो हीरो या हेरोइन पसंद है. सीधा सा मतलब ये पसंद करने का कि पसंद हम ऊपरी सुंदरता को देख के करते हैं. उसमे प्यार कहीं नहीं होता है.

प्यार क्या है | What is Love in Hindi !!

प्यार क्या है | What is Love in Hindi !!

प्यार (Love) हम किसी की बाहरी सुंदरता को देख के नहीं करते हैं उसमे हम सच्चा प्यार उसके मन की सच्चाई और उसके व्यक्तित्व को देखते हुए करते हैं. जिससे हमे प्यार होता है वो केसा दिख रहा है इससे हमे कोई मतलब नहीं होता है. प्यार में हम कभी भी सामने वाले को दुःख नहीं पहुंचने देते हैं और उसके दुःख से हमे भी दुःख पहुँचता है. प्यार जरूरी नहीं होता कि लड़का लड़की (स्त्रीलिंग और पुल्लिंग) के बीच ही हो. प्यार हम अपने माता पिता, भाई बहन, दोस्तों से भी कर सकते हैं.

Difference between Like and Love in Hindi | पसंद और प्यार में क्या अंतर है !!

# जब हमारा ध्यान व्यक्ति के व्यक्तित्व पे ना जाके उसके ऊपरी सुंदरता पे जाए तो वो पसंद है और जब हमारा ध्यान व्यक्ति की ऊपरी सुंदरता को न देख उसके व्यक्तित्व पे जाए तो वो प्यार है.

प्यार अधिकतर सजीव चीजों से ही होता है और पसंद निर्जीव और सजीव दोनों चीजों से हो सकता है.

# प्यार में हमे अपने से ज्यादा सामने वाली की ख़ुशी प्यारी होती है जबकि पसंद में ऐसा कुछ नहीं होता है.

# प्यार जरूरी नहीं होता कि लड़का लड़की (स्त्रीलिंग और पुल्लिंग) के बीच ही हो. प्यार हम अपने माता पिता, भाई बहन, दोस्तों से भी कर सकते हैं. और पसंद भी केवल लड़का लड़की (स्त्रीलिंग और पुल्लिंग) के बीच में ही हो जरूरी नहीं. हम हार, कार, बंगला कुछ भी पसंद कर सकते हैं.

# प्यार और पसंद एक दूसरे से बहुत भिन्न भी है और बहुत मिलते हुए भी, क्यूंकि जिससे हम प्यार करते हैं उसे हम पसंद भी करते हैं, लेकिन जिसे हम पसंद करते हैं उसे हम प्यार करे जरूरी नहीं.

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Ankita Shukla

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