नमस्कार दोस्तों….आज हम अपने लेख में सिग्मा बंध और पाई बंध के बारे में बताने जा रहे हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि ये दोनों बंध का जिक्र केमिकल बंध में किया जाता है लेकिन इन दोनों का उसमे क्या रोल है और ये कैसे काम करते हैं इस पर आज बात करेंगे। साथ ही ये भी समझाने की कोशिश करेंगे कि दोनों बंध अर्थात सिग्मा बंध और पाई बंध में क्या अंतर होता है. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
सिग्मा बंध क्या है | What is Sigma Bond in Hindi !!
सिग्मा बॉन्ड या यूँ कहे तो सिग्मा बंध रसायन विज्ञान का भाग है दरसल सिग्मा बंध एक मजबूत कोवेलेंट केमिकल बंध है जिसे (σ bonds) से दर्शाया जाता है. ये परमाणु ऑर्बिटल्स के बीच हेड-ऑन ओवरलैपिंग से बनते हैं. सिग्मा बंध को सिमिट्री ग्रुप टूल और भाषा का प्रयोग कर के diatomic molecules के लिए व्यक्त किया जाता है.
यदि फॉर्मल तरीके की बात करे तो एक σ-बांड सममित होता है जिसके संबंध में सभी बंध रोटेट होते है जैसे की: सिग्मा बंध को सामान्य रूप से s + s, pz + pz, s + pz और dz2 + dz2 इस प्रकार देखा जा सकता है (जिस स्थान पे z को बंध या अक्षीय अक्ष के अक्ष के रूप में दर्शाया गया है). पाई बंध हमेशा के pz + pz पाया जाता है जिसमे सिग्मा व पाई दोनों बंध होते हैं.
पाई बंध क्या है | What is PI Bond in Hindi !!
पाई बंध (PI Bond) को हिंदी में अनुकरणीय बंधन कहा जाता है और इसे (π bonds) दर्शाया जाता है. ये एक कोवेलेंट केमिकल बॉन्ड होता है. जहां एक परमाणु पर दो कक्षीय कक्ष दूसरे परमाणु पर दो कक्षीय कक्ष को ओवरलैप करते हैं और ये बात बिलकुल सत्य है.
इन परमाणु कक्षाओं में हर एक में दो बंधित नाभिकों होती है जिनसे गुजरने वाले एक साझा नोडल विमान में जीरो इलेक्ट्रॉन घनत्व पाया जाता है। वही विमान पाई बंध के आणविक कक्षीय के लिए एक नोडल विमान भी होता है. पाई बंध हमेशा के pz + pz पाया जाता है जिसमे सिग्मा व पाई दोनों बंध होते हैं.
Difference between Sigma bond and PI bond in Hindi | सिग्मा बंध और पाई बंध में क्या अंतर है !!
# यदि एक आसान भाषा में समझाया जाये तो दो कार्बन के बीच में यदि एक बंध हो तो वो सिग्मा बंध होता है और यदि दो हो तो एक सिग्मा और पाई बंध होता है और यदि तीन हो तो ऊपर और नीचे का बंध सिग्मा बंध होता है और बीच का बंध पाई बंध होता है.
# जब s और s या s और p या p और p से मिलके अक्षीय अतिव्यापन बनता है तो वो सिग्मा बंध बनाता है और जब p और p के मिलने से पार्श्व अतिव्यापन बनता है तो पाई बंध बनता है.
# कक्षको के अक्षीय अतिव्यापन में सिग्मा बंध बनता है और पार्श्व अतिव्यापन में पाई बंध बनता है.
# सिग्मा बंध के बीच आकर्षण प्रवल अर्थात मजबूत इसलिए ये प्रबल बंध होता है जबकि पाई बंध दुर्बल बंध होता है.
# सिग्मा बंध अक्षीय अतिव्यापन बनाता है इसलिए सिग्मा बंध प्रबल होता है जबकि पाई पार्श्व अतिव्यापन करने के कारण दुर्बल होता है.
# सिग्मा बंध, सिग्मा और पाई किसी भी बंध के साथ हो सकता है लेकिन पाई बंध हमेशा सिग्मा बंध के साथ ही पाया जाता है.
# सिग्मा बंध के सापेक्ष परमाणुओं का मुक्त घूर्णन संभव होता है लेकिन पाई बंध के सापेक्ष परमाणुओं का मुक्त घूर्णन सम्भव नहीं है.
उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!