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पिंजौर गार्डन के कुछ रोचक तथ्य !!

पिंजौर गार्डन परिचय !!

हेलो दोस्तो नमस्कार, आज के आलेख में हम आपको पिंजौर गार्डन के संपूर्ण इतिहास से अवगत करवाएंगे। पिंजोर गार्डन पिंजौर में स्थित है| पिंजोर गार्डन को यादवेंद्र गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इसके पीछे भी एक इतिहास है जो कि आगे हम चर्चा करेंगे। पिंजोर गार्डन पटियाला शहर के राजवंश के राजाओं द्वारा निर्मित है। पिंजोर गार्डन की संपूर्ण शैली मुगल शैली के जैसे ही लगती है। पिंजोर गार्डन सबसे पहले 17 वी शताब्दी में औरंगजेब के शासन काल के समय में बनवाया गया था । पिंजोर गार्डन अर्थात यादवेंद्र गार्डन का यह नाम वहां के महाराजा यादवेंद्र सिंह के नाम पर रखा गया था। यादवेंद्र गार्डन की सबसे खास बात यह है कि यह गार्डन उत्तर भारत का सबसे प्राचीन और सबसे आकर्षक बाग है। यादवेंद्र गार्डन के अंदर बहुत ही बेहतरीन कमरे और रेस्तरां के साथ साथ बहुत ही आकर्षक रोशनी से भरे फव्वारे यात्रियों को लुभाते हैं।

पिंजौर गार्डन शहर चंडीगढ़ से तकरीबन 22 किलोमीटर दूर है। पिंजौर गार्डन में राजस्थान मुगल शैली मे निर्मित एक महल का भी निर्माण किया गया है । इसके अंदर बहुत सी छतो को भी बनाया गया है । यादवेंद्र गार्डन की सबसे पहली छत पर एक महल स्थित है जोकि शीश महल और हवा महल से जुड़ा हुआ है। इनका मुख्य दरबार भी इसी छत पर खुलता है। इसके अलावा इस गार्डन में दूसरी छत पर रंग महल स्थित है। तथा अंत में तीसरी छत पर बहुत ही खूबसूरत फूल और फलों का बगीचा बना हुआ है जिन की बनावट और कटाई वहां आने वाले यात्रियों के लिए यादगार बन जाती है।

पिंजौर गार्डन का इतिहास | Pinjore Garden History in Hindi

पिंजौर गार्डन के कुछ रोचक तथ्य !!

इन सब के अलावा जो गार्डन की अगली छत है उस छत पर फव्वारों से सुसज्जित जल महल स्थित है। जहां पर यात्रियों के लिए आराम करने के लिए विश्रामगृह भी बनाया गया है। इससे अगली छत पर इस गार्डन में बहुत सारे पेड़ और फव्वारे लगे हुए हैं | पिंजोर गार्डन की सबसे लास्ट और आखिरी छत पर एक डिस्क नुमा आकार की खुला हवायुक्त थिएटर बना हुआ है | पिंजोर गार्डन में देखने के लायक चिड़ियाघर भी बहुत खूबसूरत बनाया गया है।

यादवेंद्र गार्डन झज्जर और कौशल्या जैसी नदियों के पास स्थित है जो नदियां घग्गर नदी की सहायक नदियां कहलाती है। यादवेंद्र गार्डन का नाम पंचकूला के लिए जाने के कारण इसका लोगों में बहुत ही ज्यादा ऐतिहासिक और अजीत महत्व भी है। क्योंकि यह गार्डन किस शहर में स्थित है वह सबसे पहले पंच पुरा के पांडवों का शहर था। इस गार्डन की एक खास बात और है कि यहां पर शिवालिक पर्वतमाला से मिलने का बेहद और सुगम नजारा दिखता है।

यादवेंद्र गार्डन के परिसर में एक बहुत ही सुंदर मंदिर का निर्माण किया गया है तथा साथ में एक खुला हवा नुमा संग्रहालय भी बनाया गया है। जहां पर सूरज उदय की बेहतरीन रोशनी का प्रदर्शन होता है और उचित रास्तों से सटीक परिसर को जोड़ा गया है। इसके साथ साथ अभी हाल ही में यहां पर हेरिटेज नामक ट्रेन का भी निर्माण हुआ है जो कि पूरे परिसर के अंदर घुमाने का काम करेगी।

यादवेंद्र गार्डन में सबसे ज्यादा यात्रियों का समय अप्रैल कें अंदर बैसाखी 4 जून में जुलाई के महीने के अंदर मैंगो फेस्टिवल जैसे में भीड़ रहती है । अभी कुछ सालों पहले 2006 में हरियाणा सरकार ने यादवेंद्र गार्डन को हेरीटेज फेस्टिवल शुरू करने की परमिशन दी थी । जिसमें यादवेंद्र गार्डन की सम्पूर्ण सभ्यता और शैली का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया था। तथा साथ में मशहूर हस्तियों व कलाकारों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया था।

पिंजौर गार्डन के साथ में जुड़ते कुछ प्रसिद्ध स्थान है जैसे कि भीम देवी का मंदिर और प्राचीन से नाम जैसे स्थान। सबसे अच्छी बात है कि यहां तक पहुंचने के लिए आपको कोई भी समस्या नहीं आएगी। चाहे आप सड़क से आए रेल से आए या फिर हवाई मार्ग से यहां पर सब से आसानी से आप पहुंच सकते हैं। एक और प्रसिद्ध स्थल कालका से 5 किलोमीटर दूर है जो कि शिमला के रास्ते से होकर जाता है। अभी कुछ समय पहले यहां पर खुदाई के दौरान प्राचीन मूर्तियां और प्राचीन अवशेष में पाए गए थे जो कि विशेषज्ञों का मानना है तकरीबन 10 वीं शताब्दी के लिए थे। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि तकरीबन डेढ़ करोड़ साल पहले भी यहां पर लोग रहते थे। पिंजोर गार्डन में इन सभी थाना के अलावा यहां पर आने वाले यात्रियों के लिए मनोरंजन के लिए फ्लाइंग क्लब की भी स्थापना की गई है | इस क्लब की खास बात यह है कि यहां पर ग्लाइडर उड़ान का अनुभव करने को मिलता है। हेलो हेलो नागमणि सच

पिंजौर गार्डन पहुचने का मार्ग !!

पिंजौर गार्डन जाने के लिए आपको हरियाणा और पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से तकरीबन 22 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिंजोर स्थित है | सबसे पहले आपको जाने के लिए चंडीगढ़ जाना पड़ेगा | चंडीगढ़ से आप बहुत ही आसानी से टैक्सी या ओला कैब करके पिंजोर जा सकते हैं | पिंजौर ठहरने के लिए आपको उत्तम व्यवस्था सबसे सस्ते दामों में हरियाणा राज्य पर्यटन विभाग की बनाएंगे विश्राम घरों में काफी अच्छी स्थिति में मिल सकते हैं । नहीं तो आप चंडीगढ़ में ही होटल लेकर रह सकती हैं| क्योंकि यहां से पिंजोर नजदीक ही पड़ता है| आप अगर सुबह घूमने जाते हैं तो शाम तक आराम से घूमकर वापस आ सकते हैं |

तो दोस्तों आपको हमारा यह आलेख कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं| साथ में अगर आप कहीं और भी घूमना जाना चाहते हैं तो हमें उसका नाम बताएं हम आपको उसकी पूरी सूचना से अवगत करवाएंगे | पुराना लेख में अगर कोई गलती होती है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ताकि हम इसके साथ साथ आगे आने वाली आलेख में सुधार कर सकें !!

पिंजौर गार्डन फोटो | Pinjore Garden Images !!

पिंजौर गार्डन का इतिहास | Pinjore Garden History in Hindi !!

 

पिंजौर गार्डन का इतिहास | Pinjore Garden History in Hindi !!

 

पिंजौर गार्डन का इतिहास | Pinjore Garden History in Hindi !!

Ankita Shukla

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