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पोषण और पोषक तत्व में क्या अंतर है !! 

पोषण और पोषक तत्व में क्या अंतर है | Difference Between Nutrition and Nutrients in Hindi !!

आज कल की भीड़ भाड से भरी जिन्दगी में बहुत कम इंसान ही अपनी सेहत का ध्यान रख पाते है | क्या आपको पता है आपके शरीर के स्वस्छ व् अस्वस्थ रहने के पीछे क्या कारण होता है |आज के इस आलेख में आपके शरीर की अच्छी व् खराब दशा के पीछे महत्वपूर्ण अवव्यो के बारे में बताएँगे | ये अवव्य मुख्यत दो प्रकार के होते है जिसमे पहला पोषण है तथा दुसरा पोषक तत्व है | इन दोनों की वजह से ही आपका शरीर सही से कार्य कर पाता है |

पोषण क्या है | What is Nutrition in Hindi !!

न्यूट्रिशन आपके शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत मददगार होता है। न्यूट्रिशन से आपके शरीर में फैट की मात्रा भी नियंत्रित रहती है जिससे आपको मोटापे तथा कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। न्यूट्रिशन को हिंदी के अंदर पोषण भी कहा जाता है। न्यूट्रिशन आपके शरीर में पोषक तत्वो की पूर्ति करने की प्रक्रिया होती है । न्यूट्रीशन के माध्यम से आपके शरीर में नया रक्त संचार, हड्डियों की मजबूती, शरीर का विकास जैसी प्रक्रियाये संपन्न होती है। यदि आप प्रतिदिन अपने खाने को हेल्दी बनाएं और सही मात्रा में न्यूट्रिशन ले रहे हैं तो आपका शरीर हरदम फिट रहेगा।

न्यूट्रिशन को शारीरिक स्वच्छता के अनुसार 6 प्रकार से विभाजित किया जा सकता है । हमारे शरीर द्वारा दिन में लिएजाने वाले आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों का होना जरूरी है जो हमारे शरीर में सभी आवश्यक पोषक तत्व यानी कि न्यूट्रिएंट्स की पूर्ति करते हैं।

कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट हमारे द्वारा दिन भर में खाने के दौरान लिए जाने वाली कुछ तत्वों में पाया जाता है जिसमें आलू, रोटी, मक्का, अनाज, चावल साबूदाना कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में रहता है।

वसा या फैट हमारे शरीर का प्रमुख घटक वसा ही कहलाती है । वसा को हम आम बोलचाल की भाषा में फैट कहते हैं । ज्यादा फैट वाले कुछ आवश्यक तत्व है जिसमें बीज , दूध से बनने वाले प्रोडक्ट, नारियल, वनस्पति का तेल जैसे कुछ खाद्य पदार्थ इसमें शामिल किए जा सकते हैं।

प्रोटीन – हमारे शरीर को हरदम स्वस्थ रहने के लिए और शरीर के पोषण के लिए प्रोटीन ही एक ऐसी चीज है जो एक बहुत अच्छा न्यूट्रिएंट्स साबित हो सकती है। बड़े से बड़ा डॉक्टर भी यही सलाह देता है कि इसका सेवन हर किसी को करना चाहिए। शॉपिंग की वजह से हमारे शरीर की मांसपेशियों तथा हड्डियों में मजबूती आती है। इसके अंदर अंडा मछली मीट और बींस को शामिल किया जा सकता है।

विटामिन- हमारे शरीर के सही पोषण के लिए विटामिंस की बहुत ज्यादा जरूरत रहती है । अगर कभी भी शरीर में विटामिन की कमी आ जाए तो शरीर रोग से ग्रस्त होने लगता है। आपके शरीर की लंबाई एवं दिमागी कसरत के लिए विटामिंस बहुत जरूरी होते हैं । शरीर में सबसे ज्यादा विटामिन की पूर्ति हरी सब्जियां तथा फल करते हैं।

मिनरल्स – उपर्युक्त सभी तत्वों के साथ साथ मिनरल्स का भी शरीर के बेहतरीन सरंक्षण होना जरूरी है । मिनरल्स की मात्रा से ज्यादा फल, सब्जी, दूध से बने प्रोडक्ट, मांस और मछली में मिलती है।

पानी – सबसे महत्वपूर्ण चीजें हर किसी के लिए जरूरी पानी ही होती है। हमारे शरीर में पानी की मात्रा थोड़ी सी भी कम हो जाए तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। जितना हो सके पूरे दिन के अंदर पानी पीते रहना चाहिए। क्योंकि हमारे शरीर के अंदर 60% हिस्सा पानी से ही बना हुआ है। इसलिए शरीर के अंदर पानी की मात्रा में कभी कमी ना आने दे।

पोषक तत्व क्या है | What is Nutrients in Hindi !!

पोषक तत्व को अंग्रेजी भाषा में न्यूट्रिएंट्स भी कहा जाता है। हमारी प्रकृति में कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो प्रकृति में रह रहे जीवो में अलग अलग प्रकार की जैविक कार्यों के संचालन एवं संरक्षण के लिए आवश्यक होती हैं । ऐसे तत्वों को पोषक तत्व कहते हैं। उपयोग के आधार पर पोषक तत्व चार प्रकार के होते हैं।

ऊर्जा उत्पादक- ऊर्जा उत्पादक में पोषक तत्व होते हैं जिनकी वजह से शरीर के अंदर वसा एवं कार्बोहाइड्रेट की मात्रा नियंत्रित रहती है । उदाहरण वसा और कार्बोहाइड्रेट ।

उपापचय नियंत्रक– उपापचय नियंत्रक पोषक तत्व होते हैं जिनकी वजह से हमारे शरीर की संपूर्ण क्रिया नियंत्रित होने के साथ साथ शरीर की वृद्धि होती है। उदाहरण विटामिन, लवण और जल।

वृद्धि और निर्माण तत्व- वृद्धि और निर्माण पोषक तत्व वे पदार्थ है जिनकी वजह से हमारे शरीर की कोशिकाओं में वृद्धि एवं शरीर की हड्डियों में टूट-फूट के मरम्मत के प्रक्रिया नियंत्रित रहती है। इस प्रक्रिया में प्रोटीन आते हैं ।

अनुवांशिक पदार्थ- अनुवांशिक पदार्थ में पोषक तत्व होते हैं जिनकी वजह से हमारे शरीर के अनुवांशिक गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित किया जाता है । इसके उदाहरण न्यूक्लिक अमल ।

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Ankita Shukla

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