नमस्कार दोस्तों….आज हम बात करने जा रहे हैं “Ltd और Pvt Ltd” कंपनियों के विषय में. दोस्तों आप ने भी कई बार देखा और सुना होगा कंपनियों के नाम के आगे “Ltd या Pvt Ltd” लिखा हुआ. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ये क्यों लिखा होता है. तो आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि “Ltd और Pvt Ltd क्या है और इनमे क्या अंतर है?”. लेकिन इसे बताने से पहले हम आपको अपने पाठकों के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं.
“दोस्तों हम जो भी जानकारी अपने वेबसाइट पे लेके आते हैं. वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठे सवालों के उत्तर होते हैं. जो हमे तब पता चलते हैं जब आप सब द्वारा हमे नीचे कमेंट बॉक्स में सवालों के कमेंट आये हुए होते हैं. जिनके जबाब हो सकता है थोड़ा विलम्ब से आपको मिले। लेकिन हम उनके जबाब आपको अवश्य देते हैं. इसलिए यदि आपके मन में और भी प्रश्न हो तो आप हमसे पूछ सकते हैं”. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.”
सूची
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या है | What is Pvt Ltd Company in Hindi !!
कोई भी संयुक्त स्टॉक कम्पनी एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी होती है. इसके अंतर्गत वो सभी कम्पनी आती हैं जो भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 या किसी अन्य पिछले अधिनियम के तहत स्थापित हुई होती हैं. ये एक प्रकार का संघ होता है जो लोग अपनी इक्षा से बनाना पसंद करते हैं, जिसमे वो लोग आते हैं जिनकी न्यूनतम पेड-उप पूंजी रु. 1,00,000 होती है. किसी भी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को खोलने के लिए एक से अधिक लोगों की जरूरत होती है. और इस प्रकार की कम्पनी में अधिकतम 200 कर्मचारी काम कर सकते हैं.
प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां अपने शेयर किसी को भी बेच नहीं सकती हैं. और जिन कंपनियों में ये सारे गुण होते हैं, उन्हें अपने नाम के आखिर में प्राइवेट लिमिटेड लगाना होता है.
पब्लिक लिमिटेड कम्पनी क्या है | What is Ltd Company in Hindi !!
कोई भी पब्लिक लिमिटेड कंपनी या पीएलसी एक संयुक्त स्टॉक कंपनी है, ये वो भारतीय कंपनी होती हैं, जिन्हे भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 या किसी अन्य पिछले अधिनियम के तहत स्थापित किया गया होता है. ये भी एक प्रकार का स्वैच्छिक रूप से बनाया गया संघ होता है और इनमे वो लोग आते हैं जिनकी नतम पेड-उप पूंजी रु. 5 लाख होती है. जब हमे इस प्रकार की कम्पनी को खोलना होता है, तो इसके लिए 6 से अधिक सदस्यों की आवश्यकता होती है. इस प्रकार की कम्पनी को अपने शेयर बेचने के लिए कोई रोक नहीं होती है. और इस प्रकार की कम्पनी अपने नाम के आगे पब्लिक लिमिटेड’ या “लिमिटेड” लगा सकती हैं. और एक महत्वपूर्ण बात ये है कि एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी ही एक लिमिटेड कम्पनी होती है.
Difference Between Ltd and Pvt Ltd in Hindi | प्राइवेट लिमिटेड और पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में क्या अंतर है !!
# प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के लिए एक से अधिक सदस्यों का होना जरूरी होता है और पब्लिक लिमिटेड के लिए 6 से अधिक सदस्यों का होना जरूरी होता है.
# प्राइवेट लिमिटेड के लिए न्यूनतम पेड-उप पूंजी रु. 1 लाख और पब्लिक लिमिटेड के लिए न्यूनतम पेड-उप पूंजी रु. 5 लाख होनी चाहिए.
# प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी अपने शेयर नहीं बेच सकती है और पब्लिक लिमिटेड कम्पनी अपने शेयर बेच सकती है.
# प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में कर्मचारियों की संख्या २०० से अधिक नहीं होनी चाहिए जबकि पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में इसकी कोई सीमा तय नहीं की गयी है.
# प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक ऐसी कंपनी हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं रहती है जिसके कारण इनका मालिकाना हक़ इसके मालिकों के पास रहता है जबकि पब्लिक लिमिटेड कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है. जो कि एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध रहती हैं और ये सार्वजनिक रूप से अपना बिज़नेस चलाती हैं.
# प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड की अपेक्षा छोटी कंपनी होती हैं और इनके वित्तीय स्रोत भी कम होते हैं.
# प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को कम से कम दो निदेशक रखने जरूरी होते हैं और वहीं पब्लिक लिमिटेड कम्पनी को कम से कम तीन निदेशक रखने जरूरी होते हैं.
# पब्लिक लिमिटेड कम्पनी के किसी भी मामले में सदस्यों की एक जनरल मीटिंग बुलाना जरूरी होता है और वहीं प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में ऐसी कोई मीटिंग की जरूरत नहीं होती है.
उम्मीद है दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी काफी पसंद आयी होगी. और यदि कोई त्रुटि आपको हमारे ब्लॉग में दिखाई दे या कोई मन में सुझाव या सवाल हो तो आप हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे आप की उम्मीदों पे खरा उतरने की. धन्यवाद !!