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(Lord Ram & Lord Krishna) राम और कृष्ण में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको हिन्दू समाज से जुड़े दो महत्वपूर्ण नाम “राम और कृष्ण” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि “राम और कृष्ण कौन हैं और इनमे क्या अंतर है?”. दोस्तों जैसा कि सभी जानते हैं कि हम अब कलयुग में हैं. इससे पहले तीन युग और आ चुके हैं. जिसमे पहला सतयुग, दूसरा त्रेतायुग और फिर द्वापरयुग आया था. कुछ इन्हीं युगों से जुड़े हैं ये दो नाम. जिनके विषय में हम आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

राम कौन है | Who is Lord Ram in Hindi !!

राम कौन है | Who is Lord Ram in Hindi !!

राम त्रेतायुग में भगवान विष्णु का अवतार थे. जिन्होंने राजा दसरथ के घर जन्म लिया था. राम की माता का नाम कौशल्या था. और इनकी दो और माँ थीं जिनका नाम कैकेयी और सुमित्रा था. ये सदैव धर्म को मानने वाले थे. ये अपने परिवार के सबसे बड़े पुत्र थे. जिन्हे इनकी सौतेली माँ कैकेयी द्वारा १४ वर्ष का वनवास करने के लिए भेज दिया गया था. इनका विवाह राजा जनक की पुत्री सीता के साथ हुआ था.

और जब इन्हे वनवास के लिए भेजा गया था तो इनकी धर्मपत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण भी इनके साथ गए थे. जहां सीता का हरण रावण ने कर लिया था. जो कि स्वर्ण की लंका का राजा था. जिसके बाद राम ने रावण का वध कर के सीता को फिर से अपने साथ ले आये थे.

राम को पुरषोत्तम भी कहा जाता है जिसका अर्थ पुरुषों में सबसे उत्तम होता है. क्यूंकि ये सदैव धर्म पे चलने वाले एक चरित्रवान राजा थे. इन्होने भगवान से भी ऊंचा दर्जा धर्म को दिया था. इनके दो पुत्र थे जिनका नाम “लव और कुश” था. और जो रामायण या राम चरित मानस लिखी गयी है वो इन्ही के जीवन पे आधारित है. और रामायण या राम चरित मानस में इनके एक परम भक्त हनुमान का भी जिक्र किया गया है.

कृष्ण कौन है | Who is Lord Krishna in Hindi !!

कृष्ण कौन है | Who is Lord Krishna in Hindi !!

त्रेतायुग के बाद द्वापरयुग आया, जिसमें भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया. त्रेतायुग को धर्म को मानने वालों का युग माना गया और जब उसके बाद द्वापरयुग आया तो इसमें धर्म से अधिक अधर्मियों का जन्म हुआ. जिसमे पहला नाम कृष्ण के मामा कंस का था. जिन्होंने सभी पे अत्यचार करने की सीमा ही लांग दी थी. तब अधर्म को कम करने के लिए भगवान विष्णु ने कृष्ण का रूप लिया और वासुदेव और देवकी के पुत्र बने.

कंस को भविष्यवाणी के जरिये जब ये पता चला कि उनकी बहन का पुत्र ही उसका काल है, तो वो अपनी बहन को मार देने वाला था. लेकिन वासुदेव ने उन्हें पुत्र के वध के बदले देवकी के जीवन की भीख मांगी. और कहा जब भी देवकी का पुत्र होगा वो कंस को सौंप देंगे। लेकिन देवकी को छोड़ दो. जिसे कंस ने मान लिया.

फिर धीरे धीरे दिन गुजरते गए और एक के बाद एक देवकी के पुत्रों का वध कंस करता रहा. लेकिन जब कृष्ण का जन्म हुआ तो सभी मूर्छित हो गए और जेल के दरवाजे खुद खुल गए, जिसके बाद वासुदेव ने उन्हें नंदबाबा और यशोदा के घर छोड़ दिया. और उसी दिन उनकी पुत्री का भी जन्म हुआ था जिसे वासुदेव अपने साथ ले आये. जिसके बाद जब कंस को होश आया तो वो कारागार गया तो देखा की एक पुत्री ने जन्म लिया है. जिसे उसने मारने की जब कोशिश की तो उसने दुर्गा माँ का रूप ले लिया और भविष्यवाणी की कि तुम्हारा काल पैदा हो चूका है.

जिसके बाद कृष्ण गोकुल में बड़े हुए और वहीं कुछ दूरी पे बरसाने गांव में रहने वाली राधा से उनकी दोस्ती हो गयी. लेकिन जब वो किशोरावस्था में थे तो वो मथुरा गए और कंस का वध किया. और अपने माता पिता को कारागार से छुड़ा के उनके देश ले गए.

बाद में महाभारत के समय भी पांडवों की सहायता की. जिससे अधर्म का नाश हो सके और धर्म की विजय. ये चाहते तो एक दिन में ही महाभारत खत्म हो सकती थी लेकिन इन्होने ऐसा न करते हुए पांडवों द्वारा ही महाभारत खत्म कराई। जिसमे इन्होने कई उपदेश भी दिए अपने विष्णु अवतार में अर्जुन को. जिसे श्रीमदभागवत के नाम से जाना जाता है.

Difference between Lord Ram and Lord Krishna in Hindi | राम और कृष्ण में क्या अंतर है !!

# राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था.

# त्रेता युग एक धर्म को मानने वाला युग था वहीं दूसरी तरफ द्वापर युग में अधर्मी बहुत थे.

# राम एक आदर्श व्यक्ति थे इसलिए इनका नाम पुरुषोत्तम भी रखा गया, वहीं दूसरी तरफ कृष्ण थोड़े नटखट स्वाभाव के थे. उनके लिए वही धर्म था जिसे वो सही समझते थे.

# राम का चित्रण रामायण में हुआ है और कृष्ण का महाभारत में.

# राम की पत्नी का नाम सीता था जबकि कृष्ण की कई सारी पत्नियां थी, जिसमे रुक्मणि लक्ष्मी का रूप थी.

# राम ने धर्म का पालन किया। इसके कारण, धर्म ने सोचा कि वो खुद भगवान से बड़ा है. फिर कृष्ण ने धर्म को कई भागों में बाटा और इसे सांसारिक कार्य के लिए अपने अनुसार प्रयोग किया. जिसके बाद धर्म का अर्थ बदल गया.

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Ankita Shukla

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