नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Layer 2 Switch and Layer 3 Switch” अर्थात “लेयर 2 स्विच और लेयर 3 स्विच” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि “लेयर 2 स्विच और लेयर 3 स्विच क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोनों ही नेटवर्क के उद्देश्य से मार्किट में लाये गए थे, लेकिन लेयर 2 स्विच में कुछ कमियों को देखते हुए लेयर 3 स्विच को लाया गया. आज हम आपको इन्ही के विषय में बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
लेयर 2 स्विच क्या है | What is Layer 2 Switch in Hindi !!
लेयर 2 स्विच के द्वारा केवल स्विचिंग की जाती थी अर्थात ये data packets को सोर्स से डेस्टिनेशन पोर्ट तक ले जाने में डिवाइस के MAC addresses का प्रयोग करते हैं. ये इसे करने के लिए MAC address table को मेन्टेन करते हैं, जिससे ये इस बात को याद रख सके कि कौन से पोर्ट को कौन सा MAC addresses असाइन हुआ है. MAC address OSI संदर्भ मॉडल के लेयर 2 के भीतर ही ऑपरेट होता है. MAC address सरलता से दो अलग अलग डिवाइस में अंतर कर लेता है उसके यूनिक MAC address के कारण. यह LAN (लोकल एरिया नेटवर्क) में ट्रैफ़िक को प्रबंधित करने के लिए हार्डवेयर आधारित स्विचिंग तकनीकों का उपयोग करता है।
लेयर 3 स्विच क्या है | What is Layer 3 Switch in Hindi !!
लेयर 3 स्विच भी नेटवर्क के लिए प्रयोग किया जाता है लेकिन ये लेयर 2 स्विच से विपरीत कार्य करने के लिए जाना जाता है. क्यूंकि लेयर 2 स्विच डेटा पैकेट को रूट करने में सक्षम नहीं होते हैं. लेयर 3 राउटिंग के लिए IP address का प्रयोग करता है. ये एक विशिष्ट प्रकार की हार्डवेयर डिवाइस होता है जिनका प्रयोग डाटा पैकेट्स को route करने में किया जाता है. इसकी switching capabilities काफी तेज होती है और साथ ही इसमें पोर्ट की डेंसिटी भी हाई होती है.
Difference between Layer 2 Switch and Layer 3 Switch in Hindi !!
# स्विचिंग OSI Reference मॉडल के लेयर 2 पर ऑपरेट होती है जबकि लेयर 3 स्विच स्विचिंग और राउटिंग दोनों कार्य करता है.
# लेयर 2 स्विच सिंगल ब्रॉडकास्ट डोमेन है जबकि लेयर 3 स्विच मल्टीप्ल ब्रॉडकास्ट डोमेन है.
# लेयर 2 स्विच MAC addresses का प्रयोग करता है जबकि लेयर 3 स्विच IP addresses का प्रयोग करता है.
# लेयर 2 स्विच में उपकरण केवल समान नेटवर्क में कम्यूनिकेट कर सकते हैं जबकि लेयर 3 स्विच के द्वारा उपकरण समान और बाहरी दोनों नेटवर्क में कम्यूनिकेट कर सकते हैं.
# लेयर 2 पर स्विचिंग काफी तेजी से हो जाती है क्योंकि वे डेटा पैकेट के लेयर 3 हिस्से को नहीं देखते हैं जबकि लेयर 3 में समय लगता है.
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