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(Article & Feature Article) आलेख और फीचर आलेख में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “आलेख और फीचर आलेख” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “आलेख और फीचर आलेख क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. ये दोनों हिंदी का भाग होता है, जो अपने अपने स्थान पर महत्व रखता हैं, लेकिन अक्सर छात्र दोनों को एक समझने की भूल कर बैठते हैं, जिसे आज हमे आपको समझाना है. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

आलेख क्या है | What is the Article in Hindi !!

आलेख गद्य लेखन की विधा है, जिसे हम वैचारिक गद्य रचना भी कहते हैं. इन्हे मुख्य रूप से “ज्वलंत मुद्दों, समस्याओं, अवसरों, चरित्र, आदि” के ऊपर लिखा जाता है. आलेख को सदैव एक विषय पर ही लिखा जाता है. यदि दूसरी भाषा में समझाया जाये तो किसी एक विषय पर विचार प्रधान छोटी सी संयुक्त गद्य रचना को आलेख कहते हैं. इसमें तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक अथवा विचारात्मक सम्पूर्ण जानकारी होती है.

मुख्य अंग:

भूमिका: शीर्षक के अनुकूल छोटी लिखे

विषय का प्रतिपादन: विषय का क्रमिक विकास, तारतम्यता और क्रमबद्ध्य्ता,

अंत: तुलनात्मक विश्लेषण करके निष्कर्ष

फीचर आलेख क्या है | What is the Feature Article in Hindi !!

फीचर किसी वस्तु, घटना, व्यक्ति की विशेषताओं को उद्घाटित करने वाला विशिष्ट लेख होता है. फीचर का महत्व इस बात से है कि वो किसी भी बात को थोड़े से शब्दों में रोचक और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर सकता है. फीचर मुख्य रूप से 250 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए. फीचर में शामिल तथ्य सदैव ऐसे होने चाहिए कि लोगों को लगे कि वे देख व सुन रहे हैं.

मुख्य बातें:

# फीचर में हास्य कल्पना और चिंता का समावेश होना चाहिए. फीचर सूचनात्मक और मनोरंजन होना चाहिए.

# फीचर की भाषा चित्रात्मक होनी चाहिए।

# फीचर का कोई न कोई उद्देश्य होना चाहिए, और उन उद्देश्यों के आस पास ही सभी प्रभावशाली तथा सूचनाओं तथा तथ्य एक दूसरे से लिंक होना चाहिए.

# फीचर का आरंभ रोचक और अंत प्रभावशाली होना चाहिए.

Difference between Article and Feature Article in Hindi | आलेख और फीचर आलेख में क्या अंतर है !!

# फीचर किसी रोचक विषय पर मनोरंजक ढंग से लिखा गया विशिष्ट आलेख होता है. यह मनोरंजक ढंग से तथ्यों को प्रस्तुत करने की कला है जबकि आलेख गंभीर अध्ययन पर आधारित प्रमाणिक रचना होती है.

# फीचर विषय से संबंधित व्यक्तिगत अनुभूतियों पर आधारित विशिष्ट आलेख होता है जिसमे कल्पनाशीलता और सृजनात्मक कौशल होनी चाहिए जबकि आलेख में विषय पर तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक अथवा विचारात्मक जानकारी होती है कल्पना का स्थान नहीं होता है.

# फीचर 250 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए जबकि आलेख बड़ा भी हो सकता है.

# आलेख को आप इधर उधर की जानकारी और तथ्यों के आधार पर भी लिख सकते हैं जबकि फीचर के लिए आपको आंख, कान, भाव, अनुभूतियां और मनोवेग, आदि की सहायता लेनी पड़ती है.

आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा, हमें अवश्य बताये और साथ ही यदि कोई सवाल या सुझाव आपके दिमाग में हो, तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम उन्हें पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे. धन्यवाद !!

Ankita Shukla

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