नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको बताने जा रहे हैं “difference between jainism and buddhism” अर्थात “बौद्ध धर्म और जैन धर्म में अंतर”. दोस्तों लोगो के कई सारे कमेंट आये हमारे पास जिन्हे ये जानने में बहुत रूचि थी कि “बौद्ध धर्म और जैन धर्म क्या है और इनमे क्या क्या अंतर होते हैं”. तो कई सारे समान कमेंट आने के बाद हमने फैसला किया कि आज हम इसके बारे आपको में जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
बौद्ध धर्म क्या है | What is Buddhism in Hindi !!
बौद्ध धर्म की स्थापना भगवान बुद्ध ने की जो अब एक बड़े धर्म के रूप में जाना जाता है. भगवान बुद्ध ने अपने धर्म में ईश्वर से अधिक महत्व मनुष्य को दिया. भगवान बुद्ध ने अपने धर्म में अहिंसा का ज्ञान दिया है और साथ ही सामाजिक, बौद्धिक, आर्थिक, राजनैतिक स्वतंत्रता एवं समानता की शिक्षा भी दी. उनका कहना था कि मेरे वचन सुन के केवल उन्हें न माने। जब आपको लगे कि मेरे वचन आपके योग्य हैं और मेरा कथन ठीक हैं तब ही उन्हें फॉलो करे.
बौद्ध धर्म में सभी वास्तविक चीजों का ज्ञान दिया गया है और किसी भी ऐसी चीज का ज्ञान इसमें नहीं है जो वास्विकता में महसूस या देखि न जा सके. बुद्ध धर्म में स्वर्ग का कोई महत्व नहीं बताया भगवान बुद्ध ने क्यूंकि वो इसी धरती पर इसी जीवन में मुक्ति पर विस्वास करते हैं. कुछ ऐसे ही कारणों से भीम राव अम्बेडकर ने भी बौद्ध धर्म को माना था. क्यूंकि वो वास्तिविकता, आधुनिक विज्ञानं को अधिक महत्व देते थे.
बौद्ध धर्म में आधुनिक विज्ञानं से जुडी चीजों का वर्णन किया गया है और यदि बौद्ध धर्म की कोई भी टिप्पणी आधुनिक विज्ञान से मेल न खाये तो उस टिप्पणी को आप अस्वीकार कर सकते हैं. जो किऔर किसी धर्म में सम्भव नहीं है.
जैन धर्म क्या है | What is Jainism in Hindi !!
जैन धर्म का निर्माण भगवान महावीर द्वारा किया गया था. जैन शब्द की उत्तपत्ति जिन शब्द से हुई है जिसमे जि एक प्रकार का धातु है. जिन शब्द का अभिप्राय जीतने वाला व्यक्ति अर्थात जिसने खुद पे विजय प्राप्त कर ली हो.
कुछ लोगों का मानना है कि जैन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है जिसे श्रमणों का धर्म भी कहा जाता है. वेदों के अनुसाए सर्वप्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ आये. और वेदों में जिन यतियों और व्रात्यों की गाथा है वो ब्राह्मण न हो के श्रमण परम्परा को व्यक्त करती हैं. इसी में मनुस्मृति नामक पाठ्य में लिच्छवि, नाथ, मल्ल आदि क्षत्रियों का वर्णन है.
श्रमणों ने अपनी परम्परा को वेदों के अनुसार ही चलाया है लेकिन भगवान पार्श्वनाथ में परम्परा में कुछ भिन्नता पाई गयी और यहां से पार्श्वनाथ द्वारा पार्श्वनाथ सम्प्रदाय की स्थापना हुई जिसके बाद इस परम्परा का संगठित रूप बनाया गया. इतना ही नहीं भगवान महावीर पार्श्वनाथ सम्प्रदाय का ही हिस्सा थे.
जैन धर्म के उपदेश जो महावीर जी द्वारा दिए गए उन्हें उनके शिष्यों ने ग्रहण किया और ये उपदेश साहित्य प्राकृत और विशेष रूप से मगधी में होते हैं.
Difference between Jainism and Buddhism in Hindi | बौद्ध धर्म और जैन धर्म में क्या अंतर है !!
# बौद्ध धर्म की शिक्षा गौतम बुद्ध द्वारा दी गयी जबकि जैन धर्म की शिक्षा महावीर जी द्वारा दी गयी.
# बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है.
# बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों बहुदेववादी धर्म हैं लेकिन बौद्ध धर्म का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना है जबकि जैन धर्म का उद्देश्य आत्मा की मुक्ति है.
# बौद्ध धर्म किसी के द्वारा भी धारण किया जा सकता है जबकि जैन धर्म श्रमणों का धर्म माना जाता है.
# बौद्ध धर्म वाले आराधना के लिए बौद्ध मठ, मंदिर आदि जाते है जबकि जैन धर्म वाले केवल मंदिर जाते हैं आराधना के लिए.
# बौद्ध धर्म का उद्देश्य ज्ञान को पाना है जबकि जैन धर्म का उद्देश्य अहिंसा, आत्मा को शुद्ध करना और खुद पे विजय प्राप्त करना है.
# बौद्ध धर्म में ध्यान लगाना सिखाया जाता है जबकि जैन धर्म में अहिंसा, चोरी न करना, किसी से संबंध अधिक न रखना, अपने विचारों पे नियंत्रण रखना और सच को सदैव मानना सिखाया जाता है.
# बौद्ध धर्म का मूल भारतीय उपमहाद्वीप है और जैन धर्म का भारत.
हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे अगर इससे भी और अधिक जानकारी आप जानना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरूर बताएं। अगर आप हमारे द्वारा दिए गए इस आलेख में कोई गलती पाते हैं तो वह भी जरूर कमेंट करके हमें बताएं | ताकि हम आगे आने वाली आलेखन में एक बेहतरीन सुधार के साथ आपको बेहतरीन जानकारी उपलब्ध करवा सकें।