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HLL और LLL में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “HLL और LLL” के विषय में बताने जा रहे हैं. इन दोनों का बहुत गहरा रिश्ता टेक्नोलॉजी से है वो भी कंप्यूटर साइंस से. जी हाँ दोस्तों दरसल ये और कुछ नहीं बल्कि “High level languages और low level languages” हैं. जिनका प्रयोग कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर बनाने में किया जाता है. साथ इन्ही के द्वारा हम आप कंप्यूटर पे किसी भी चीज को पढ़ पाते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

हाई लेवल लैंग्वेज क्या है | What is High Level Language in Hindi !!

कोई भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जो मशीन इंडिपेंडेंट हो और उसे अंग्रेजी भाषा के शब्दों और अक्षर के द्वारा लिखा जाता है. वो लैंग्वेज हाई लेवल लैंग्वेज होती है. जैसे कि: c, c++,java…आदि. जब कोई भी कोड कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज में लिखा जाता है, तो वो बाद में कंप्यूटर को समझ में आने के लिए मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट हो जाती है, जिसके लिए कम्पाइलर और इंटरप्रेटर का प्रयोग किया जाता है.

लौ लेवल लैंग्वेज क्या है | What is Low Level Language in Hindi !!

हम इंसान जिस प्रकार अपनी अपनी भाषा में बात करते हैं. और उन्हें अपनी ही भाषा समझ आती है उसी प्रकार कंप्यूटर भी अपनी एक ही भाषा को समझता है. ये हर चीज को केवल 0′s और 1′s के फॉर्म में समझता है जिसे हम बाइनरी कहते हैं. और इस भाषा को मशीन लैंग्वेज कहा जाता है.

क्यूंकि किसी भी प्रोग्रामर को मशीन भाषा समझना काफी मुश्किल था इसलिए कुछ ऐसी भाषाएँ बनाई गयी जिनमे अधिकतर गणित या अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग हुआ रहता है. जिसे हम असेंबली लैंग्वेज कहते हैं. और जो ये असेंबली और मशीन लैंग्वेज होती हैं इन्हे ही हम लौ लेवल लैंग्वेज के नाम से जानते हैं.

Difference between HLL and LLL in Hindi | HLL और LLL में क्या अंतर है !!

LLL का पूरा नाम “Low level language” है और HLL का पूरा नाम “high level language” है.

# Low level language, program की मशीन readable फॉर्म है और high level language एक human readable फॉर्म है.

# Low level language को लिखना और compile दोनों काफी कठिन है और high level languages को लिखना और compile करना Low level language की अपेक्षा सरल होता है.

# Low level language में कम मेमोरी स्पेस की आवश्यकता होती हैं वहीं High level language में अधिक मेमोरी स्पेस की आवश्यकता होती है.

# Low level language एक compact होता है और High level language, compilers और interpreters का प्रयोग करते हैं.

# High level language में debugging सरल होती है low level language की अपेक्षा.

# Low level language coding और compiling में समय अधिक लेता है वहीं दूसरी तरफ high level लैंग्वेज में इसमें समय अधिक नहीं लगता है.

आशा हैं आपको हमारे द्वारा मिली जानकारी से कुछ लाभ अवश्य प्राप्त हुआ होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई गलती दिखती है, या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में आता है. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता या पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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