You are currently viewing हौज खास का इतिहास !!

हौज खास का इतिहास !!

हौज खास परिचय !!

नमस्कार दोस्तों , आज की आलेख में हम आपसे हौज खास जो कि दिल्ली में है,उसके बारे में चर्चा करने वाले हैं | हौज खास भारत की राजधानी दिल्ली के लक्ष्मी क्षेत्र में स्थित है। हौज खास के सबसे पहले परिसर में एक बड़ी पानी की टंकी, एक बहुत ही सुंदर इस्लामी मदरसा, एक मस्जिद एक मकबरा, और एक बहुत ही बेहतरीन मंडप पर बनाया गया है। हौज खास के इन बेहद आकर्षक स्मारकों को मध्ययुगीन प्राचीन इतिहास के अनुसार परिसर का निर्माण तकरीबन 13 वी सदी दिल्ली सल्तनत के राजवंश अलाउद्दीन खिलजी के दौर में करवाया गया था। ऐसे असल में तो यह सीरी का ही एक भाग है।सीरीें के बात करें तो यह दिल्ली सल्तनत के अलाउद्दीन खिलजी के राजवंश के दौर में भारत का द्वितीय मध्ययुगीन शहर होता था। इस स्थान का नाम हौज खास की शुरुआत फारसी शब्दकोश “हौज ” जिसका मतलब पानी की गोलाकार टंकी और खास का मतलब”शाही या फिर शाही परिवार से संबंध रखने वाला”

है। यहां पर बनी पानी की टंकी और जलाशय प्राचीन समय से खिलजी द्वारा निर्मित है जोकि सिरी के लोगो के लिए पानी की आवश्यकता को पूरा करता था । परंतु इस टंकी को 1335-88 के शासनकाल के दौरान फिरोज़ शाह तुगलक शशक ने अपने शासनकाल में इसको नष्ट करवा दिया था। हौज खास के इस परिसर में बनी खूबसूरत मस्जिद और मदरसा और मकबरे का निर्माण जलाशय की अनदेखी करने के लिए बनवाया गया था। यहां पर बनी मकबरे के पास में एक L कारनामा इमारत बनाई है , जहां पर खड़े होकर देखने में जलाशय की टंकी का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।

हौज खास का इतिहास | Hauz Khas history in Hindi !!

हौज खास सरंचना !! 

हौज खास में निर्मित इस जलाशय की खुदाई का कार्य अलाउद्दीन खिलजी के शासन के दौर में सीरी में बने नवीन किल्ले जल की की आपूर्ति करने के लिए बनाया गया था। अलाउद्दीन खिलजी को बाद में नई नाम से जाना जाने लगा जो हौज-ए-अलाई  था | परंतु इसके बाद हौज खास में निर्मित इस जलाशय को फिर से नवनिर्मित किया गया सट्टा यहां की नालियों की पूर्णता सफाई करवाएगी जो फिरोजशाह तुगलक के शासन काल में पूर्ण हुई। यहां पर बने टैंक का कुल आवरण क्षेत्रफल 50 हेक्टेयर यानी की 123.6 एकड़ है | जलाशय की लंबाई 700 मीटर और चौड़ाई 600 मीटर है। तथा इसकी गहराई 4 मीटर यानी कि 13 फुट है। इस की सबसे खास बात यह है कि कि चाहे कौन सा भी मानसून आ जाए इसकी भंडारण क्षमता सदैव कायम रहती थी।

स्नी बनी जलाशय फिरोजशाह द्वारा निर्मित है जहां पर एक मदरसा यानी कि इस्लामिक स्कूल ऑफ लर्निंग ( यह एक धार्मिक संस्थान है) बना हुआ है तथा एक छोटी मस्जिद और कुछ मकबरे आसपास गुबंधदार मदप है | इन सभी स्मारकों का निर्माण सन 1352 मैं करवाया गया था |

हौज खास मदरसा !!

इस मदरसे का निर्माण सन 1352 में हुआ था यह मदरसा एक अग्रणी संस्थानों के इस्लामी शेर के लिए दिल्ली सल्तनत में शामिल होता है। यह मदरसा दुनिया के सबसे मशहूर प्रसिद्ध स्थानों की सबसे बड़ा और सबसे अच्छा मदरसा जाना जाता है । पुराने समय के फिरोजशाह के काल में दिल्ली में ऐसे 3 मदरसे होते थे। मदरसे के आसपास के इलाके के गांव को तारा बाबाद के नाम से जाना जाता है । यह मदरसा प्राचीन काल से ही बहुत समृद्ध तथा प्रसिद्ध रहा है |

हौज खास मंडप !!

हौज खास में जो मदरसे बने हुए हैं उनके उत्तरी क्षेत्र के भागों में जलाशय तथा दक्षिणी भाग में द्वितीय मंजिल पर बगीचे बने हुए हैं इन बगीचों का प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा से किया जा सकता है जो कि एक हौज खास के गांव से होकर निकलता है। इन बगीचों में 6 बहुत ही आकर्षक और बेहतरीन मंडप बनाए गए हैं । इन मंडपम का आकार बहुत ही देखने लायक तथा इनके विभिन्नता आकृति और आकार को महसूस किया जा सकता है। एक खास बात और यहां पर शिलालेखों के सबूत के आधार पर यहां पर कबर होने का भी दावा किया जाता है यहां के स्थानीय लोगों द्वारा |

हौज खास मस्जिद  !!

हौज खास के अंदर बने मदरसे उत्तरी छोर पर एक छोटी सी खूबसूरत मस्जिद का निर्माण किया गया है यह मस्जिद जलाशय से तकरीबन 9.5 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर दक्षिणी पूर्वी दिशा से एक गुबंधद्वार द्वारा प्रवेश किया जा सकता है। इसके द्वार में 3 विशेष कमरों द्वारा प्रवेश किया जा सकता है । जिन कमरों का तकरीबन क्षेत्रफल 5.3 मीटर (17.4 फुट) x2.4 मीटर (7.9 फुट) है | यहां पर एक विशेष बात और है कि यहां पर एक C-आकारनुमा प्रार्थना हॉल का निर्माण किया गया है, जिस के मंच पर दो आकर्षक स्तंभों का भी निर्माण किया गया है जिनको डबल पंक्ति में सजाया गया है। इस मस्जिद की छत से अगर आप जलाशय को देखेंगे तो आपको एक बेहतरीन नजारा देखने का मौका मिलेगा।

हौज खास कुछ अन्य रोचक जानकारी !!

आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि अगर आप हौज खास परिसर में घूमने जाना चाहते हैं तो आप को सूर्य उदय से सूर्यअस्त तक प्रवेश कर सकते हैं | अर्थात रात को प्रवेश वर्जित है। इसके अलावा अगर आप हौज खास के गांव में घूमने जाना चाहते हैं तो आप कभी भी जा सकते हैं।

हौज खास जाने के लिए आप दिल्ली से मेट्रो का प्रबंध भी कर सकते हैं |

आपको बता दें कि हौज खास राजधानी दिल्ली में बनी ग्रीन पार्क और सफदरगंज विकासशील इलाके के नजदीक है। यह स्थान बड़ी सड़कों से और बड़े मार्केट से जुड़ा हुआ है आपको किसी तरह की कोई समस्या नहीं हो सकती यहां जाने के लिए।

हमें आशा है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे अगर आपको और किसी स्थान की जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं | इन सब के अलावा अगर आलेख में कोई आप गलती पाते हैं तो मैं कमेंट बॉक्स में हमारी गलती के बारे में जरूर बताएं ताकि हम आगे आने वाली आलेख में सुधार कर पाए और आपको एक बेहतर सूचना से अवगत करा सके|

हौज खास फोटो  !!

हौज खास का इतिहास | Hauz Khas history in Hindi

 

हौज खास का इतिहास | Hauz Khas history in Hindi

 

हौज खास का इतिहास | Hauz Khas history in Hindi

Ankita Shukla

✔️ izoozo.com Provide Hindi & English Content Writing Services @ low Cost ✔️अंकिता शुक्ला Oyehero.com की कंटेंट हेड हैं. जिन्होंने Oyehero.com में दी गयी सारी जानकारी खुद लिखी है. ये SEO से जुडी सारे तथ्य खुद हैंडल करती हैं. इनकी रूचि नई चीजों की खोज करने और उनको आप तक पहुंचाने में सबसे अधिक है. इन्हे 4.5 साल का SEO और 6.5 साल का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है !! नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आपको हमारे द्वारा लिखा गया ब्लॉग कैसा लगा. बताना न भूले - धन्यवाद ??? !!

Leave a Reply