नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “गुरु और शिक्षक” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “गुरु और शिक्षक क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोनों ही हमारे जीवन को व्यवस्थित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं, लेकिन कुछ लोग सोचते हैं कि यदि दोनों के काम एक हैं, अंतर क्यों है?, तो वहीं कुछ का मानना हैं, कि दोनों एक ही हैं. लेकिन दोस्तों ये दोनों समान नहीं होते और इनमे कुछ भिन्नता भी होती है, जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
सूची
गुरु क्या है | What is Guru in Hindi !!
गुरु वो होता है, जो हमे सदाचार, रहने का तरीका और अच्छे संस्कार सिखाता है. गुरु हमे कठिन परिस्थितिओं में संयम रखना और अच्छी परिस्थितों में खुद पर धैर्य रखने का ज्ञान देता है, वो समय समय पर हमारा मार्गदर्शन करता है. जैसे महाभारत के समय पाण्डव के शिक्षक गुरु द्रोणाचार्य थे, जिन्होंने इन्हे अश्त्र, शस्त्र की शिक्षा दी. लेकिन यदि सटीकता के साथ देखें तो उन्होंने केवल पांडव को शिक्षित किया था और पांडव का मार्गदर्शन समय समय पर कृष्ण ने किया था. जिससे हम ये विचार कर सकते हैं. कि पांडव के असल गुरु भगवान श्री कृष्ण थे.
शिक्षक क्या है | What is Teacher in Hindi !!
शिक्षक वो होता है, वो व्यक्ति को शिक्षित करता है. ये व्यक्ति को पाठ्यक्रम से जुड़े ज्ञान देता है और व्यक्ति को उसकी उपलब्धि पढ़ाई के माध्यम से पूरी करने में सहायता करता है. हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि जब हम स्कूल, कॉलेज, आदि जाते हैं तो वहां जो हमे पढ़ाता है, वो शिक्षक कहलाता है. शिक्षक हमे अध्ययन कराता है. अभी हमने ऊपर के पैराग्राफ में गुरु के विषय में बताते समय एक महाभारत का उदाहरण दिया था, जिसमे बताया कि महाभारत में गुरु द्रोणाचार्य ने जो भूमिका पांडव के प्रति निभाई थी वही असल में शिक्षक का कार्य होता है अर्थात व्यक्ति को शिक्षित करना.
Difference between Guru and Teacher in Hindi | गुरु और शिक्षक में क्या अंतर है !!
# गुरु हमारा मार्गदर्शन करता है जबकि शिक्षक हमे शिक्षित करता है.
# गुरु हमे सदाचार, परिस्थितिओं को समझने, उनसे निपटने का ज्ञान देता है जबकि शिक्षक हमे पाठ्यक्रम को समझने और उनका अध्ययन करने में मदद करता है.
# गुरु को पहले से ही भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया है जबकि शिक्षक को हमे अपने बड़ों की तरह ही सम्मान देना चाहिए ये सिखाया जाता है.
# गुरु वो होता है, जो ज़िम्मेदारी लेता है और अपने शिष्यों को सभी विनाशकारी मृत्यु से बचाने की जबकि शिक्षक उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिष्य को माध्यमिक मार्गदर्शन देता है।
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