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NRI और PIO में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि NRI और PIO में अंतर क्या होता है. जितना कि हम समझते हैं आप सभी को बाहर रहने के लिए क्या क्या नियम होते हैं और आप कैसे वहां प्रवेश कर सकते हैं इनकी जानकारी होगी ही लेकिन दो शब्द जो लोगों के मन में दुविधा बना देते हैं कि आखिर इन दोनों में अंतर कैसे पता चलेगा। जी हाँ दोस्तों में NRI और PIO के बारे में बात कर रही हूँ क्यूंकि लोगों को ये तो पता रहता है कि ये दोनों विदेश में रहने वालों के लिए बनाये गए कुछ नियम और कार्ड हैं लेकिन इनमे क्या भेद है ये कैसे समझा जाये तो आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं की इन दोनों में क्या अंतर होते है लेकिन उससे पहले हम आपको बताएंगे कि ये दोनों है क्या क्यूंकि हम नहीं चाहते कि आप यहां से आधी जानकारी के साथ लौटे.

NRI क्या है !!

NRI का फुल फॉर्म है “Non-resident Indian” जिसे यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो वो व्यक्ति जिसे भारत कि नागरिकता प्राप्त है लेकिन वो विदेश में रह रहा है तो हम उसे “NRI” कहते हैं. इस केस में जो व्यक्ति बाहर रहने जाता है तो वह या तो किसी काम के सिलसिले से विदेश जाता है, या किसी और कारण से लेकिन उसे विदेश जाने के बाद में भी अपने देश की नागरिकता प्राप्त है तो वो NRI कहलाता है.

PIO क्या है !!

PIO का फुल फॉर्म होता है “person of Indian origin” अर्थात एक ऐसा व्यक्ति जो कभी भी भारत से जुड़ा रहा हो और अब विदेश की नागरिकता के साथ विदेश में ही बस गया हो तो उसे हम PIO कार्ड की आवश्यकता पड़ती हैं भारत में आने के लिए. इसमें कुछ ऐसे देश भी शामिल हैं जिनमे रहने वालों को भारत PIO कार्ड नहीं देती जैसे कि: पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, चीन, ईरान, श्री लंका, नेपाल, बांग्लादेश आदि. जो व्यक्ति इन देशों में रहते हैं और वहां की नागरिकता ले रखी है तो उन्हें PIO कार्ड नहीं दिया जाता है. 9 जनवरी 2015 को PIO को OCI में मर्ज कर दिया गया था. अब PIO के सारे कांसेप्ट OCI कार्ड के जरिये निभाए जाते हैं.

Difference between NRI and PIO in Hindi

NRI और PIO में क्या अंतर है !!

# NRI एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे नागरिकता भारत की प्राप्त होती है और वो विदेश में रहता है जबकि OCI (PIO) में कोई बाहर का व्यक्ति जो कभी भारत से किसी भी प्रकार की नागरिकता से जुड़ा था.

# NRI के लिए हम पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, चीन, ईरान, श्री लंका, नेपाल, बांग्लादेश, आदि देशो को जोड़ सकते है लेकिन OCI (PIO) में इन्हे ये PIO की सुविधा नहीं दी जाती है.

# PIO के लिए विदेश में रहने वाले व्यक्ति का कोई रिश्तेदार भारतीय होना चाहिए या उसके माता-पिता, दादा-दादी 15 अगस्त 1947 के बाद भारत के नागरिक रहे हो या बनने योग्य हों जबकि NRI में जो व्यक्ति विदेश में होता है उसके पास खुद की भारतीय नागरिकता होती है.

# PIO कार्ड आवेदक कभी भी किसी प्रकार से 26 जनवरी 1950 के बाद भारत का नागरिक बना होना चाहिए या उसके पूर्वज रहे हों भारत के नागरिक के रूप में जबकि NRI में ऐसे नियम की आवश्यकता नहीं पड़ती।

# PIO कार्ड आवेदक के रिश्तेदार जैसे पति/पत्नी या माता-पिता PIO कार्ड होल्डर हों तो भी उसे PIO कार्ड दिया जा सकता है. NRI में इसप्रकार के कड़े कानून की आवश्यकता नहीं होती है.

# PIO कार्ड के जरिये आये व्यक्ति के लिए भारत में विदेशों वाले नियम का प्रयोग किया जाता है कुछ स्थानों में छोड़ के जबकि NRI के साथ ऐसा नहीं होता क्यूंकि वो भारतीय नागरिक माना जाता है.

# PIO कार्ड धारक भारत में जमीन आदि नहीं खरीद सकता है जबकि NRI खरीद सकता है.

# PIO card धारक को भारत में मेडिकल में कोई आरक्षण प्राप्त नहीं होता है जबकि NRI को हो सकता है उसकी जाति के अनुसार.

# PIO card धारक को National Park और Wildlife sanctuary में शुल्क वही लिया जाता है जो विदेशियों से लिया जाता है. NRI को नागरिक मानते हुए ये नियम उसपे लागू नहीं है.

# PIO card धारक को भारत में कुछ ही व्यवसाय में छूट दी गयी है जिसमे वो यहां रह के काम कर सकते हैं जैसे: डॉक्टर, फार्मेस्ट, नर्स, आर्किटेक आदि और NRI मुक्त रूप से कोई भी व्यवसाय कर सकता है भारत में.

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Ankita Shukla

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