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नाटक और एकांकी में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों आज हम बताने जा रहे हैं कि नाटक क्या होता है और एकांकी क्या होती है. और इनमे क्या क्या अंतर होते हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि नाटक बहुत ही विख्यात शब्द है जो ज्यादातर भारत में प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ हम आपको विस्तार में बताएंगे और एकांकी भी भारत का शब्द है जिसे लोगों ने सुना और पढ़ा तो होगा लेकिन इसका असली अर्थ लोगों को नहीं पता है जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं. हम अपने आलेख में आपके लिए जो जानकारी लाते हैं वो जानकारी हम सभी जगह से एकत्र करके उसका निचोड़ आपको देते हैं जिससे आपको आसानी चीजे समझ आएं. तो चलिए जानते हैं इन्ही सबके बारे में.

नाटक क्या है !!

नाटक काव्य का हिस्सा है जो दृश्य काव्य में आता है. इसे यदि आसान भाषा में समझाया जाये तो जो लोग थिएटर, टीवी, रेडियो पे किसी कहानी को विस्तार में प्रस्तुत करते हैं वो भी अभिनय करते हुए. उसे ही हम नाटक कहते हैं. नाटक में कई पात्र होते हैं जिन सभी के अपने नाम होते हैं और उन्हें अपने अपने किरदार के अनुसार अभिनय करना होता है. नाटक में कई लोग मिलके परफॉर्म करते हैं और इसमें किसी भी वाक्या को या कोई पूरी कहानी को भाव के साथ हाथ, पैर, आंख, चेहरा सभी का प्रयोग करके लोगों के सामने उसे ऐसे प्रस्तुत करते हैं जैसे कि वो हमारे सामने ही घटित कहानी है.

एकांकी क्या है !!

किसी एक अंक वाले नाटक को एकांकी कहा जाता है. अंग्रेजी में इसे हम “वन ऐक्ट प्ले” शब्द से जानते हैं और हिंदी में इसे “एकांकी नाटक” और “एकांकी” के नाम से जाना जाता है. एकांकी का अर्थ होता है कि जब किसी नाटक में किसी एक व्यक्ति का ही पूरा वर्णन हो वो भी उसकी युवावस्था के बाद तो हम उसे एकांकी कहते हैं. ये अधिक विस्तार में नहीं होती है और इसकी गति तीव्र होती है अभिनय के समय. ये भी नाटक की तरह थिएटर, टीवी, रेडियो आदि पे अभिनय के जरिये प्रस्तुत किया जाता है.

नाटक और एकांकी में क्या अंतर है | Difference between Natak and Ekanki in Hindi !!

# नाटक में अनेक अंक होते हैं जबकि एकांकी में केवल एक अंक पाया जाता है अर्थात नाटक में कई लोगों के बारे में प्रस्तुति की जाती है जैसे कि “सीमा, उसकी सखी ललिता, उसके पिता मोहनदास, उसकी माता शीला आदि ” और एकांकी में केवल “सीमा के बारे में ही बताया जायेगा.”

# नाटक में आधिकारिक के साथ उसके सहायक और गौण कथाएं भी होती हैं जबकि एकांकी में एक ही कथा का वर्णन होता है.

# नाटक में किसी भी पात्र या चरित्र का क्रमश विकास दिखाया जाता है जबकि एकांकी में चरित्र पूर्णतः विकसित रूप से दिखाया जाता है.

# नाटक की विकास प्रक्रिया धीमी होती है जबकि एकांकी की विकास प्रक्रिया बहुत तीव्र होती है.

# नाटक में कथानक में फैलाव और विस्तार होता है जबकि एकांकी में घनत्व होता है अर्थात नाटक में हम और पात्र और कहानी को बढ़ा सकते हैं जबकि एकांकी में ऐसा नहीं किया जा सकता.

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपको नाटक और एकांकी को पूर्ण रूप से समझने में मदद भी मिली होगी. यदि फिर भी कोई गलती हो तो हमे अवश्य नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं. और यदि कोई सवाल या सुझाव भी आपके मन में हो तो वो भी आप हमे बता सकते हैं हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी समस्या दूर कर पाएं.

Ankita Shukla

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