भारत पाकिस्तान विभाजन का इतिहास, मुख्य कारण, आर्थिक प्रभाव, गुनहगार, पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर कितने है !!

भारत पाकिस्तान विभाजन का इतिहास !!

दोस्तों नमस्कार, आज के आलेख में हमको भारत- पाकिस्तान के विभाजन का इतिहास , भारत पाकिस्तान विभाजन के मुख्य कारण, भारत-पाकिस्तान के विभाजन से हुए आर्थिक प्रभाव , भारत पाकिस्तान विभाजन मुख्य गुनहगार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे । भारत देश का विभाजन सबसे पहले माउंटबेटन नामक योजना के अनुसार भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के आधार पर हुआ था। इस अधिनियम के तहत यह निर्धारित हुआ था कि 15 अगस्त 1947 के बाद से भारत में पाकिस्तान दो अलग देश होंगे। सन 1947 के बाद से भारत और पाकिस्तान दोनों देश स्वयं निवेशी अर्थात अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने वाले दो अलग अधिराज्य होंगे और ब्रिटिश सरकार दोनों देशों को अपनी- अपनी सता को देंगे। इसके बाद 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान गणराज्य के अंदर स्वतंत्रता दिवस तथा भारत के अंदर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की स्थापना की गई। ब्रिटिश सरकार ने भारत के अंदर बंगाल प्रांत को पूर्वी पाकिस्तान में और भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में बांट दिया था और इसी प्रकार से भारत के पंजाब प्रांत को पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और भारत के पंजाब राज्य में बांट दिया था । इन दोनों के साथ साथ नेम ब्रिटिश सरकार ने श्रीलंका और मयांमार को भी अलग कर दिया था। 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि से ही भारत और पाकिस्तान दो अलग कानून वाले देश बन चुके थे। परंतु पाकिस्तान के अंदर तो 15 अगस्त से पहले यानी कि 14 अगस्त को ही संपूर्ण तैयारी कराची शहर के अंदर कर ली गई थी। इसीलिए तो भारत देश के अंदर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है और पाकिस्तान के अंदर 14 अगस्त को ।

भारत और पाकिस्तान के विभाजन से करोड़ों लोग प्रभावित हुए जिनको हिंसा का सामना करना पड़ा तथा कुछ अपने परिवार के सदस्यों से जुदा होना पड़ा । भारत पाकिस्तान के इस विभाजन ने बहुत से रिश्तो को अलग कर दिया । यह विभाजन असल में बटवारा नहीं है यह धर्मों का बंटवारा है | भारत पाकिस्तान के विभाजन से तकरीबन 5 लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए और करीबन 1.5 करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा।

भारत पाकिस्तान विभाजन का लोगों पर प्रभाव !!

दोस्तों भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय लोगों की बहुत ज्यादा दुर्दशा हो गई थी । बहुत से परिवारों ने अपने सदस्यों को खो दिया किसी ने अपने भाई को तो किसी ने अपने पिता को खो दिया । बहुत से लोगों की मौत भी हो गई । बंटवारे की जब बात याद आती है तो रोंगटे खड़े होने लग जाती हैं। कुछ सयासी जैसे लोगोंकी वजह से गरीब व् मजबूर लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा । अपने घरों को भी छोड़ना पड़ा । भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद दोनों देशों के बीच रहने वाले लोगों का भी स्थानांतरण किया गया पाकिस्तान के अंदर बहुत से भारतीय लोगो पर जुर्म धाये गए तथा भारतीयों के घरों में मंदिरों को जला दिया गया । पाकिस्तान के अंदर हिंदू व् सिख जाति समुदाय के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा और आखिर में उन्हें अपना घर भी छोड़ना पड़ा। इसके बाद महात्मा गांधी जी ने कांग्रेस सरकार पर दबाव डालकर यह निश्चित करवा लिया की अगर मुसलमान चाहे तो भारत में रह सकते हैं। भारत पाकिस्तान के बीच की सीमा तय होने के बाद करीबन 1.5 करोड़ लोग हिंसा के डर से व अपनी जान बचाने के डर से एक अच्छे देश में शामिल हो गए । सन 1951 की जनगणना के अनुसार भारत के अंदर विभाजन के बाद 72 लाख 26 हजार मुसलमान रत को छोड़कर पाकिस्तान देश में चले गए और 72 लाख 49 हजार हिंदू और सिख लोग पाकिस्तान को छोड़कर भारत में निवास करने के लिए आ गए। भारत के अंदर सबसे ज्यादा स्थानांतरण पंजाब राज्य में हुआ था

भारत पाकिस्तान विभाजन का मुख्य कारण !!

बहुत से विद्वानों का कहना यही भी है विभाजन के दौरान हुए इस नुकसान का जिम्मेदार ब्रिटिस सरकार है | क्योंकि उन्होंने इस विभाजन की प्रक्रिया को सही से नहीं संभाला । इसका यही कारण है कि स्वतंत्रता की घोषणा विभाजन से पहले भी कर दी गई और बाद में भी कर दी गई । जिससे लोगों में शांति कायम करना नामुमकिन हो गया था । विभाजन के दौरान हुए दंगों से निपटने के लिए दोनों देशों की सरकारों के पास कोई खास इंतजाम नहीं था इसके बाद ही दंगा फसाद को बढ़ावा मिल गया था। दंगे फसाद में बहुत से लोगों की जानें गई और बहुत से लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा । मिले सूत्रों के अनुसार पता लगाया जा सकता है कि इस दंगे फसाद में 5 से 30लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा ।

इंसान के बाद धीरे-धीरे दोनों देशों में सरकारे बदलती रही और विकास होता रहा कभी संबंध दोनों देशों के बीच में अच्छे हो जाते हैं तो कभी खराब। दोनों देशों के लोगों में भावना है कि हम मिलकर साथ रहे परंतु कुछ राजनीतिक व अन्य मसलों के चलते यह एक नहीं हो सकते। दोनों देशों के लोग जब किसी बाहरी देश में मिलते हैं तो आपस के अंदर एक परिवार के सदस्य के जैसे ही बातें करते हैं। भारत पाकिस्तान के बीच विवाद ने लोगों की आंतरिक भावनाओं को भी बंटवारा कर दिया है

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Ankita Shukla

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