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(Daughter & Daughter-in-law) बेटी और बहू में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Daughter and Daughter in law” अर्थात “बेटी और बहू” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “बेटी और बहू क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. दोस्तों अक्सर आपने भी देखा होगा कि कई परिवार अपनी बहू को अपनी बेटी के समान रखते हैं और कुछ ऐसे भी परिवार होते हैं, जो अपनी बहू को नौकरानी और बेटी को राजकुमारी की तरह रखते हैं. आज हम आपको इन्ही के विषय में बताने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

बेटी क्या है | What is Daughter in Hindi !!

बेटी क्या है | What is Daughter in Hindi !!

किसी भी शादीशुदा जोड़े को भगवान द्वारा लड़की के रूप में मिलने वाला उपहार ही बेटी होती है. जिसे लोग बड़े लाड प्यार से पालते हैं और उसे पढ़ाते लिखाते हैं, उसे अच्छे संस्कार देते हैं, और जब वो बड़ी हो जाती है, तो उसे विवाह कर के दूसरे के घर विदा कर दिया जाता है. और वही बेटी जब अपने पति के घर शादी कर के पहुँचती है, तो वो उस घर की बहू होती है.

बहू क्या है | What is Daughter-in-law in Hindi !!

बहू क्या है | What is Daughter-in-law in Hindi !!

जब घर के बेटे की शादी कर के किसी दूसरे की बेटी को घर में लाते हैं, तो वो बेटी उस लड़के के घर की बहू बन जाती है. जहाँ उसे ननद, सास, ससुर, देवर, और उसका हमसफर मिलता है. वैसे तो बहुत लोगों का कहना है कि बहू बेटी के समान ही होती है, लेकिन ऐसा बहुत कम घरों में देखने को मिलता है और कहीं न कहीं कुछ न कुछ भेदभाव बेटी और बहू के बीच लोग कर ही जाते हैं.

Difference between Daughter and Daughter-in-law in Hindi | बेटी और बहू में क्या अंतर है !!

# बेटी से खून का रिश्ता होता है जबकि बहू दूसरे घर से आती है.

# बेटी एक शादीशुदा जोड़े को भगवान द्वारा मिला प्रसाद है जबकि बहू घर की लक्ष्मी मानी जाती है.

# बेटी को लोग दुखी नहीं देखना चाहते लेकिन समाज में अभी भी कई ऐसे परिवार हैं जो बहू को दुखी रखते हैं.

# बेटी और बहू में लोग भेदभाव करते हैं.

# बेटी को देर तक सोने की आज़ादी है लेकिन बहू को नहीं.

# बेटी बाहर कुछ भी पहन के जा सकती है लेकिन बहू नहीं.

बेटी का कष्ट सबको दिखता है लेकिन बहू का किसी को भी नहीं.

तो दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी हमे जरूर बताएं और यदि ये आपके काम आयी हो तो हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं। साथ ही यदि कोई सुझाव या सवाल आपके मन में हो तो उसके लिए भी आप हमे नीचे कमेंट कर सकते हैं हम पूरी कोशिश करेंगे आपकी समस्या का समाधान करने की. धन्यवाद!!

Ankita Shukla

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This Post Has One Comment

  1. Soni Gupta

    Ha jo aapne likha hai bahu beti me antar wo bilkul 101percent sahi hai..mai bhi ek bahu hu..meri bhi ek nanad hai …aur meri sasu ma bhi mere aur meri nanad ke bich aisa hi fark karti hai…mai bimar rahungi to mujhe n mere sasur aur na meri sasu ma puchhte hai aur mere pati bhi apne me hi rahate hai unko mujhse aur apni beti se koi matal bhi nhi hai ..aur agar Mai koi chiz banane ke liye saman magati hu apni sasu ma se to wo saman nhi lati hai …aur unki beti ko koi chiz khani ho to ek hi bar me wo saman lakar mujhe dekar banwati hai …aur meri koi parwah bhi nhi karti hai jaise mai is ghar me beti n hokar unki bin pagar ki naukarani hu …

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