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(Cytoplasm & Protoplasm) कोशिका द्रव्य और जीवद्रव्य में क्या अंतर है !!

Difference between Cytoplasm and Protoplasm in Hindi | कोशिका द्रव्य और जीवद्रव्य में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….आज हम आपको बताने जा रहे हैं “कोशिका द्रव्य और जीवद्रव्य” के बारे में. इस टॉपिक में हम आपको बताएंगे कि “कोशिका द्रव्य और जीवद्रव्य क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. लेकिन इसे बताने से पहले हम आपको अपने पाठकों से विषय में कुछ जरूरी जानकारी देना चाहते हैं. जो हो सकता है आपके भी आगे काम आ सके.

दोस्तों हम अपने ब्लॉग में जितने भी जबाब लेके आते हैं वो कहीं न कहीं लोगों के मन में उठने वाले प्रश्नो के जबाब हैं. जो हमे तब पता चल पाते हैं जब हमारे पाठक हमे वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के इनके जबाब पूछते हैं. हम उन सवाल का जबाब अवश्य लेके आते हैं. लेकिन कभी कभी हमे थोड़ा विलम्ब हो जाता है लेकिन आप लोगों द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर हम आपको देने की पूरी कोशिश करते हैं. तो यदि आप लोगों के मन में कोई सवाल हो तो आप भी कमेंट बॉक्स के जरिये हमसे पूछ सकते हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

कोशिका द्रव्य क्या है | What is Cytoplasm in Hindi !!

कोशिका में कोशिका झिल्ली के भीतर उसके केन्द्रक के अलावा जो भी पदार्थ होता है उसे कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) कहा जाता है. ये प्रत्येक कोशिका में होता है. ये पूर्ण रूप से कोशिका झिल्ली के भीतर और केन्द्रक झिल्ली के बाहर मौजूद होता है. इस छूने में रवेदार, जेलीनुमा, अर्धतरल पदार्थ होता है. ये स्वेत पारदर्शी और चिपचिपा पदार्थ होता है.

कोशिका द्रव्य कोशिका के 70% भाग की रचना में मुख्य रोल निभाता है. यदि इसकी रचना की बात की जाये तो इसकी रचना जल एवं कार्बनिक तथा अकार्बनिक ठोस पदार्थों द्वारा हुई होती है. कोशिका द्रव्य में अनेक रचनाएँ पायी जाती हैं और प्रकाश सूक्ष्मदर्शी द्वारा सभी कोशिकांगों को स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता है. इन्हे देखने के लिए इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी जैसे सूक्ष्मदर्शी की जरूरत होती है.

जीवद्रव्य क्या है | What is Protoplasm in Hindi !!

हर एक प्रकार की कोशिकाओं के भीतर एक अलग तरह का सजीव पदार्थ पाया जाता है जिसे जीवद्रव्य के रूप में हम जानते हैं. ये कोशिका झिल्ली के अंदर संपूर्ण रूप से मौजूद होता है. ये रवेदार, जेलीनुमा, अर्धतरल पदार्थ होता है, जिसका रंग स्वेत और दिखने में पारदर्शी एवं छूने में चिपचिपा होता है. इसकी रचना जल एवं कार्बनिक तथा अकार्बनिक ठोस पदार्थों द्वारा हुई होती है.

इनमे भी प्रकाश सूक्ष्मदर्शी द्वारा सभी कोशिकांगों को स्पष्ट देखना संभव नहीं होता है इसलिए इन्हे देखने के लिए इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी का आवश्यकता होती है.

उम्मीद है दोस्तों कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी और आपके काफी काम भी आयी होगी. यदि फिर भी कोई गलती आपको हमारे ब्लॉग में दिखे या आपके मन में कोई अन्य सवाल या सुझाव हो तो वो भी आप हमसे पूछ सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे उस सवाल का जबाब आपको देने और आपके सुझाव को समझने और उसे पूरा करने की. धन्यवाद !!!

Ankita Shukla

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