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CA और CS में क्या अंतर है !!

Difference between CS and CA in Hindi | CA और CS में क्या अंतर है !!

नमस्कार दोस्तों….. जैसा कि हम सब जानते हैं आज के समय में शिक्षा को कितना महत्व दिया जाता है. और बच्चे को ११वीं कक्षा के साथ ही तीन विकल्प भी दे दिए जाते हैं जिनमे से किसी भी एक को चुन के वो अपने करियर में आगे बढ़ सकते हैं. जी हाँ दोस्तों हम कला, विज्ञान और वाणिज्य की बात कर रहे हैं. और जैसा कि आज के समय में हमने देखा ही है कि बच्चे किसी भी विकल्प को क्यों न चुने उन्हें कहीं न कहीं उसमे सफलता मिलती जरूर है.

दोस्तों हम आज हम इन्ही तीन विकल्प में से एक के विषय में बात करने जा रहे हैं. हम आज वाणिज्य के दो ऐसे प्रोफेशन को बताने जा रहे हैं जिनमे अधिकतर वाणिज्य क्षेत्र के छात्र जाना पसंद करते हैं. आज आपको CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) और CS (कंपनी सेक्रेटरी) के विषय में बताने जा रहे हैं. ये दो ऐसे करियर हैं जिनमे सभी वाणिज्य के छात्रों को रूचि रहती है और इसके चुनाव से इनका भविष्य भी उज्जवल होता है. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

लेकिन बहुत से छात्र इस बात में कंफ्यूज रहते हैं कि उन्हें दोनों में से कौन का करियर चुनना उत्तम रहेगा. तो आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कौन सा करियर और क्यों उत्तम रहेगा।

Difference between CS and CA in Hindi | CA और CS में क्या अंतर है !!

चार्टर्ड एकाउंटेंसी (CA) क्या है | What is Chartered Accountancy (CA) in Hindi !!

CA एक पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री होती है, जो कुछ कोर्स को पूरा करने के बाद ही मिलती है. इस डिग्री के बाद एक वाणिज्य क्षेत्र में आपको रेप्युटेटेड नौकरी मिल सकती है. जिनमे वित्तीय कार्यनीतियां बनाना, लंबी अवधि के निवेश और पेंशन फंडों की योजना तैयार करना, विलय और अधिग्रहण नीतियां तैयार करना और निवेश संबंधी कार्य शामिल हैं.

चार्टर्ड एकाउंटेंट एक अच्छा करियर होता है किसी भी वाणिज्य वर्ग के छात्र के लिए. और कोई भी चार्टर्ड एकाउंटेंट दैनिक आधार पर अंकों का अनुमान लगाने के साथ ही सांख्यिकी और आंकड़ों को संभालने के योग्य भी होना जरूरी है.

यदि आप भारत की CA की पढ़ाई और उसकी डिग्री की बात करे तो वो किसी भी CA के छात्र को इंस्टिट्यूट और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के द्वारा ही दिया जाता है. ये एक डिस्टेंट लर्निंग कोर्स है, जिसकी परीक्षा हर वर्ष मई में “इंस्टिट्यूट और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI)” आयोजित करता है.

CA के लिए तीन चरण पूरे करने होते हैं:

कॉमन प्रोफिशियेंसी टेस्ट (CPT) !!

यदि किसी को भी CA बनना है तो उसके लिए सबसे पहला चरण CPT है. ये हर साल दो बार आयोजित होता है और ये उन सभी के लिए होता है जिनके पास वाणिज्य स्नातक की डिग्री नहीं होती है. उन्हें CPT पूरा करना जरूरी होता है. अधिकतर वो लोग इनके लिए आवेदन करते हैं जिन्होंने अपनी बाहरवीं करने के बाद ही CA बनने का सपना देखा होता है. ये हर वर्ष जून और दिसंबर में आयोजित होती है.

इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (IPCC) !!

CA बनने की ओर छात्रों का ये दूसरा चरण माना गया है, इसमें विषयों को दो भागों में बाटा गया है और इनके मुख्य रूप से 4 पेपर कराये जाते हैं. ये पेपर वैसे तो CPT से कठिन होते हैं लेकिन इन्हे पास किये बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता। इनकी तैयारी के लिए निष्ठा और लगन की बहुत जरूरत होती है. ये पेपर अधिकतर लोग पहली बार में पास नहीं कर पाते हैं. इसलिए निराश नहीं होना चाहिए और अन्य और प्रयास करते रहने चाहिए.

CA फाइनल्स !!

ये आखिरी चरण होता है जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचा सकता है लेकिन ये बाकि दोनों से कठिन होता है. और इसे पास करने में अधिकतर लोग 3-5 साल लगा देते हैं. ये दरसल पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर की परीक्षाओं के काफी समान ही होता है. इस परीक्षा में पूछे गए सवाल अधिकतर तकनीकी और समस्या निवारण क्षमताओं के ऊपर होते हैं.

कंपनी सेक्रेटरी (CS) क्या है | What is Company secretary (CS) in Hindi !!

CA और CS कई ऐसे समान विषय पाए जाते हैं जिनके कारण लोग अधिकतर इन्हे समान समझने लगते हैं. लेकिन दोनों में कई असमानताएं हैं और दोनों डिग्री को रोजगार के बाजार में अलग अलग भूमिका के लिए प्रयोग किया जाता है. मुख्य रूप से कंपनी सेक्रेटरी एक आतंरिक कानूनी सलाहकार के रूप में जाना जाता है. जिसका काम सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का पूर्णतः प्रयोग करते हुए कंपनी के कामकाज की सीमा को तय करना होता है.

एक CS का सबसे बड़ा रोल तब होता है, जब वो ये सुनिश्चित करता है कि कंपनियां सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार काम करे. और जितने भी दिशानिर्देश बनाये गए हैं उनका अच्छे से पालन करें. भारत में सभी प्रकार की सूचीबद्ध कंपनियों को सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च प्रमुख प्रबंधकीय स्तर पर एक कंपनी सेक्रेटरी को नियुक्त करना आवश्यक है.

CS के लिए कुछ चरण पूरे करने होते हैं:

फाउंडेशन प्रोग्राम !!

CS बनने के लिए जो पहला चरण है वो फाउंडेशन कोर्स होता है, ये 8 माह का एक कोर्स है जिसे इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज (ICSI) द्वारा आयोजित किया जाता है. इसमें सभी छात्रों को उचित बुनियादी सिद्धांतों की पूर्ण जानकारी प्राप्त कराई जाती है. जो किसी भी अच्छे CS को ध्यान में रखना चाहिए. इसमें मुख्य रूप से कराधान, श्रम कानून, कॉर्पोरेट कानून, लेखा और वित्तीय विश्लेषण, आदि कानूनी विषयों का ज्ञान दिया जाता है. ये भी बिलकुल CA की तरह एक डिस्टेंट लर्निंग कोर्स होता है.

एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम !!

एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम अगला चरण होता है और इसको CA करते समय IPCC के समान महत्व दिया गया है. इसमें सात विषय होते हैं जिन्हे दो भागों में विभाजित किया गया है. इसमें कंपनी के कामकाज के कानूनी ढांचे और इसकी गतिविधियां के क्षेत्र को कवर किया जाता है. इसमें छात्र को एक पेपर या दोनों पेपर एक साथ देने की अनुमति होती है. लेकिन दोनों पेपर अलग अलग समय में पंजीकृत किये जाते हैं.

प्रोफेशनल कोर्स !!

CS के लिए अंतिम चरण प्रोफेशनल कोर्स को माना जाता है. जिसे उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है. ये भी बाकि दोनों चरण से कठिन होता है और इसे पूर्ण करने में छात्रों को कई साल लग जाते हैं. ये बाकि दोनों चरण को पास कर के ही पूर्ण किया जा सकता है.

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Ankita Shukla

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